Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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केले की खेती के फायदे: केले की खेती से किसानों को अच्छा लाभ हो रहा है, क्योंकि बाजार में इसकी मांग हर मौसम में बनी रहती है। यह एक व्यावसायिक योजना है, जिससे पूरे साल अच्छी कमाई की जा सकती है।
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भूमि और मिट्टी की आवश्यकताएँ: केले की खेती के लिए जीवांश युक्त दोमट और मटियार दोमट भूमि सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी का विविधता मान 6-7.5 होना चाहिए, और मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करना महत्वपूर्ण है, ताकि पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सके।
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खेती की तैयारी और विधियाँ: केले की खेती शुरू करने से पहले, हरी खाद जैसे ढेंचा और लोबिया जैसी फसल उगानी चाहिए। खेत की अच्छी तैयारी के लिए मिट्टी को 2 से 4 बार जोतना आवश्यक है।
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उन्नत किस्में और खाद का प्रयोग: सिंघापुरी रोबस्टा और अन्य उन्नत किस्में केले की खेती के लिए उपयुक्त हैं। मिट्टी में उचित मात्रा में खाद जैसे नाडेप कम्पोस्ट, नीम की खाली और सुपर फॉस्फेट डालकर उसे तैयार करना चाहिए।
- बुवाई का सही समय: महाराष्ट्र में केले की बुवाई का सबसे अच्छा समय जून और जुलाई है, जबकि रबी मौसम में अक्टूबर और नवंबर में बुवाई की जानी चाहिए। ड्रिप सीलन और पॉली हाउस तकनीक का प्रयोग करके साल भर केले की खेती की जा सकती है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the article about banana cultivation:
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Economic Viability: Banana farming has become a profitable venture for farmers, particularly those who previously cultivated crops like maize. The constant market demand for bananas throughout the year makes it a lucrative agricultural option.
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Soil and Climate Requirements: Successful banana cultivation is best in humid, tropical climates with ample rainfall. The ideal soil is loamy and rich in organic matter, with a pH level between 6-7.5. Soil testing is essential to ensure nutrient adequacy and overall soil health.
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Preparation and Planting: Before planting, it’s advisable to grow green manure crops such as dhaincha or lobia to enhance soil fertility. The soil should be well-prepared through plowing, and the right amount of organic fertilizers should be used before planting banana saplings.
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Varieties of Bananas: There are several improved varieties suitable for cultivation, such as Singapuri Robusta and Dwarf bananas, which offer high yields. Farmers are encouraged to select healthy and robust saplings for better productivity.
- Optimal Planting Time: The best times for planting banana saplings vary by region, with June and July being ideal for the monsoon season in Maharashtra, while October and November are advantageous in the rabi season. Using methods like drip irrigation in polyhouses can enable year-round banana production.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
जेनहू, मक्के की खेती को अब किसानों का रुख पता चल गया है। जिसमें केले की खेती करने वाले किसानों को काफी फायदा हो रहा है। केला एक ऐसी व्यावसायिक योजना है, जिसे देखकर इसके हर हिस्से को तैयार किया जा सकता है और पूरे साल अच्छी कमाई की जा सकती है। बाजार में इसकी मांग भी हर मौसम में बनी रहती है, ऐसे में केले की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है।
हॉटेंटर और सबसे सम जलवायु वाले केला की खेती के लिए सबसे अच्छी चीजें हैं, अधिक वर्षा वाले क्षेत्र में केला की खेती ज्यादातर सफल रहती है, जीवांश युक्त दोमट और मटियार दोमट भूमि, जिससे जल की बिक्री उत्तम हो, वह भूमि मानी जाती है। जिसमें खेत की मिट्टी का विविधता मान 6-7.5 तक केला की खेती के लिए अच्छा होता है।
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केले की खेती के लिए मिट्टी का चयन बहुत जरूरी है। इसके लिए पोषक तत्वों से युक्त खेत का चयन किया जाना चाहिए। मिट्टी की जांच बहुत जरूरी है, ताकि जांच के आधार पर खेत की मिट्टी का इलाज किया जा सके। जिन पोषक तत्वों की कमी है, पूरी करने में जांच से मदद लें। जिससे केले का उत्पादन बेहतर हो तो उसे ही लिया जा सके, मिट्टी के स्वास्थ्य का भी पता चल सके। केले की खेती के लिए कृमि बलुई मिट्टी काफी उपयोगी मानी जाती है। इसके लिए भूमि का विस्थापन मान 6-7.5 के बीच होना चाहिए।
इसकी खेती के लिए अधिक मात्रा में अम्लीय या अम्लीय मिट्टी ठीक नहीं है। जहां पर केले की खेती कर रहे हैं, वहां पर छूट की समस्या नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा है तो खेत में पानी बेचने वालों की व्यवस्था किसानों को पहले से ही करनी चाहिए। इसके अलावा केले की खेती के लिए खेत का चयन करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि हवा का मार्गदर्शन कैसा है। केले की खेती से होता है बेहतर हवा का सेवन.
ये हैं केले की खूबसूरत खूबसूरत चीजें
केले की खेती के लिए कई प्रकार की उन्नत वस्तुएं मौजूद हैं। जिसमें सिंघापुरी के रोबस्टा नस्ल के केले की खेती के लिए बेहतर माना जाता है। इससे केले की अधिक पुस्तकें हैं। इसके अलावा केले की बसराई, ड्वार्फ, ग्रीन स्टूडेंट, सालभोग, अल्पान आदि भी अच्छे मॉडल पेश किये गये हैं।
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केला रोपने से पहले ढेंचा, लोबिया जैसी हरी खाद की फसल उगानी चाहिए, ताकि खेत में हरी खाद की पैदावार हो सके। ये मिट्टी के लिए खाद का काम करता है. इसके बाद केले की खेती के लिए खेत को 2 से 4 बार जोतकर समान कर लेना चाहिए. खेत में बनी मिट्टी के थेलों को तोड़ने के लिए रोटावेटर या हेरो से खेत जुताई करनी चाहिए। मिट्टी को धोखा दिया. मिट्टी तैयार करने में समय लगता है एफवैम की आधार खुराक संरचना अच्छी तरह से मिश्रित होनी चाहिए।
इस प्रकार करें खाद एवं वैरायटी का प्रयोग
बारिश का मौसम पहले शुरू हुआ यानी जून के महीने में खोदे गए मिट्टी में 8.15 लाख नाडेप कम्पोस्ट खाद, 150-200 ग्राम नीम की खाली, 250-300 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट 200 ग्राम 200 ग्राम पोटाश दाल कर मिट्टी भरनी चाहिए। इसके बाद समय से पहले खोदे गए पैनल में केले की पौध लगाई गई। इसके लिए हमेशा स्वस्थ एवं तंदुरुस्त का चुनाव करना चाहिए।
केले की पौध की सुंदरता का समय
ड्रिप सीलन की सुविधा कल तो पॉली हाउस में टिशूचर के तरीके से केले की खेती साल भर तक की जा सकती है। महाराष्ट्र में इसकी खेती के लिए मृग बाग जून और जुलाई के महीने में अच्छे होते हैं। रबी के मौसम में अक्टूबर और नवंबर में केले की पौध में सबसे अच्छा समय होता है।
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Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Farmers have now recognized the potential of maize cultivation, particularly those growing bananas, who are reaping significant benefits. Banana cultivation is a lucrative venture, as every part of the banana plant can be utilized, leading to good income throughout the year. The demand for bananas remains steady in the market regardless of the season, making it a profitable option for farmers.
The optimal conditions for banana cultivation involve warm, humid climates, with areas that receive ample rainfall showing the most success. Ideal soil for bananas is a nutrient-rich loamy soil that retains good moisture, with a pH level between 6 to 7.5 being most suitable for cultivation.
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Selecting the right soil is crucial for banana cultivation. Fields rich in nutrients should be chosen, and soil testing is essential to treat any deficiencies effectively. This ensures better banana production and healthy soil conditions. Sandy-loamy soil is considered quite useful for banana farming, with an ideal pH level between 6 to 7.5.
It is important to avoid highly acidic or too alkaline soil for banana cultivation. Farmers should also ensure that water drainage is adequate in their fields. Attention should be paid to the airflow in the area, as good air circulation enhances banana growth.
Attractive Features of Bananas
There are several advanced varieties available for banana cultivation, with the Singapore Robusta variety being highly regarded for its yield. Other notable varieties include Basrai, Dwarf, Green Student, and Salbhog, among others.
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Before planting bananas, it is recommended to grow green manures like dhaincha or lobia to enrich the soil. Afterward, the field should be plowed 2 to 4 times to ensure uniformity. To break soil clumps, the field can be tilled using a rotavator or harrow. Good soil preparation is essential and should mix well with the base fertilizers.
Using Fertilizers and Varieties
During the rainy season, starting in June, it is advisable to incorporate 8.15 lakh Nadap compost, 150-200 grams of neem cake, and 250-300 grams of single super phosphate, along with 200 grams of potash into the soil. Subsequently, healthy banana saplings can be planted in the prepared soil.
Best Time for Planting Banana Saplings
Using drip irrigation or polyhouse methods, banana cultivation can continue year-round. In Maharashtra, the best planting times for bananas are during the monsoon in June and July, and for the Rabi season, October and November are ideal for planting banana saplings.
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