Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहां भारत बायोटेक द्वारा अम्मापल्ली मंदिर और सालार जंग संग्रहालय की बावड़ियों के पुनर्स्थापना से जुड़े मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
-
सांस्कृतिक विरासत और जल संरक्षण: भारत बायोटेक का उद्देश्य इन ऐतिहासिक बावड़ियों को बहाल करके सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना और जल संरक्षण को बढ़ावा देना है।
-
सीएसआर पहल: इस परियोजना का हिस्सा सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) और एसएएचई (द सोसाइटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ ह्यूमन एंडेवर) के साथ साझेदारी में भारत बायोटेक द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जो कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की एक महत्वपूर्ण पहल है।
-
पर्यावरणीय और सामुदायिक लाभ: पुनर्स्थापना का उद्देश्य केवल संरचनाओं को पुनर्जीवित करना नहीं है, बल्कि स्थानीय समुदायों को उनकी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना और टिकाऊ जल प्रबंधन को प्रोत्साहित करना भी है।
-
ऐतिहासिक महत्व: अम्मापल्ली मंदिर की बावड़ी 13वीं शताब्दी की है और यह स्थानीय समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत रही है। सालार जंग संग्रहालय की बावड़ी कुतुब शाही काल की है और कला एवं कलाकृतियों का महत्वपूर्ण संसाधन है।
- पर्यटन को प्रोत्साहित करना: ये बावड़ियाँ तेलंगाना में पर्यावरणीय-वारिसता पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करेंगी, जिससे जीवन और आजीविका में सुधार होने की उम्मीद है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points derived from the text:
-
Restoration Project: Bharat Biotech, in collaboration with the Confederation of Indian Industry (CII) and the Society for Advancement of Human Endeavor (SAHE), has initiated a social responsibility project to revitalize historical step-wells at the Ammapalli Temple and Salar Jung Museum.
-
Cultural and Environmental Goals: The restoration aims to preserve cultural heritage, promote water conservation, and enhance eco-heritage tourism in Telangana, ultimately improving life and livelihoods in the region.
-
Community Engagement: Bharat Biotech’s Managing Director, Suchitra Ella, emphasized the project’s goal of reconnecting the community with its rich heritage and promoting sustainable water management through collaboration with local government and industry stakeholders.
-
Historical Significance: The step-wells are noted for their ancient engineering and architecture, serving as vital water sources historically. The Ammapalli step-well dates back to the 13th century and has long provided water to pilgrims and locals, while the Salar Jung Museum well is significant for its community resources and artistic heritage.
- Challenges and Decline: Many traditional step-wells have lost their importance due to urban expansion and the introduction of continuous water supply in homes, leading to the demolition or neglect of these structures, often transforming them into dumping grounds.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
भारत बायोटेक ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और सोसाइटी फॉर एडवांसमेंट ऑफ ह्यूमन एंडेवर (एसएएचई) के साथ साझेदारी में अपने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के अंतर्गत अम्मापल्ली मंदिर और सालार जंग संग्रहालय में ऐतिहासिक बावड़ियों का कायाकल्प किया है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना, जल संरक्षण को बढ़ावा देना और पर्यावरण-विरासत पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।
भारत बायोटेक की प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने बताया कि इस पुनर्स्थापना का लक्ष्य प्राचीन बावड़ियों में नई जान फूंकना, समुदायों को उनकी समृद्ध विरासत से जोड़ना और टिकाऊ जल प्रबंधन को बढ़ावा देना है। उनका कहना है कि स्थानीय सरकार और उद्योग हितधारक इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं, न केवल बावड़ियों की बहाली के लिए बल्कि लोगों को उनके सांस्कृतिक महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए भी।
बावड़ियाँ, जो कभी जल स्रोतों का महत्वपूर्ण हिस्सा थीं, प्राचीन इंजीनियरिंग और वास्तुकला का एक उदाहरण हैं। अम्मापल्ली मंदिर की बावड़ी, जो 13वीं शताब्दी की है, तीर्थयात्रियों और स्थानीय समुदायों के लिए जलाशय के रूप में कार्यरत रही है। इसी प्रकार, सालार जंग संग्रहालय की बावड़ी कुतुब शाही काल की महत्वपूर्ण धरोहर है, जो कला और कलाकृतियों का संग्रह प्रस्तुत करती है और स्थानीय समुदाय के लिए एक संसाधन है।
हालाँकि, आजकल कई प्राचीन बावड़ियों का महत्व कम हो गया है। शहरीकरण के चलते कई बावड़ियों को ध्वस्त कर दिया गया है या उन्हें डंपिंग ग्राउंड के रूप में उपयोग किया गया है। ऐसे में भारत बायोटेक की इस पहल ने इन महत्वपूर्ण सांस्कृतिक संरचनाओं को फिर से जीवित करने का प्रयास किया है, जिससे न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। वे चाहते हैं कि स्थानीय समुदाय फिर से इन बावड़ियों को पहचानें और उन्हें अपनी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा मानें।
इस पहल से जुड़कर, भारत बायोटेक का मानना है कि स्थानीय जीवन और आजीविका में सुधार होगा और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के साथ-साथ जल संरक्षण को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे पर्यावरण-विरासत पर्यटन में भी बढ़ोतरी होगी, जो तेलंगाना के क्षेत्र में आर्थिक विकास में सहायक होगा।
इस प्रकार, भारत बायोटेक की यह पहल केवल बावड़ियों के पुनर्स्थापन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण के एक व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो भविष्य के लिए एक स्थायी मॉडल बन सकता है।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
On September 28, 2024, Bharat Biotech announced the restoration of historical stepwells (bawlis) in partnership with the Confederation of Indian Industry (CII), Telangana, and the Society for Advancement of Human Endeavor (SAHE). This initiative is part of their Corporate Social Responsibility (CSR) efforts aimed at preserving cultural heritage, promoting water conservation, and enhancing eco-heritage tourism in Telangana to improve livelihoods.
Bharat Biotech’s Managing Director, Suchitra Ella, emphasized the importance of revitalizing these significant ancient stepwells to inspire communities to connect with their rich heritage and promote sustainable water management. The collaboration with CII reflects a shared commitment to not only restore the stepwells at the Ammapalli Temple and Salar Jung Museum but also to educate the public about their cultural significance.
Stepwells, once vital water sources in rural and urban areas, are remarkable examples of ancient engineering and architecture. The stepwell at Ammapalli Temple, believed to date back to the 13th century, has historically provided water to pilgrims and local communities. Similarly, the stepwell at Salar Jung Museum from the Qutb Shahi period holds historical significance as a community resource and is known for its outstanding collection of art and artifacts.
Today, iconic stepwells like Agrasen ki Baoli in Delhi attract numerous tourists, while Rani ki Vav near Ahmedabad has even gained UNESCO heritage status. However, the situation is starkly different for smaller, less ornate stepwells. With a continuous supply of water in households, these traditional structures have lost their relevance. Many have been demolished to make way for urban expansion, while others have regrettably been repurposed as dumping grounds.
Bharat Biotech’s restoration initiative is, therefore, crucial not only for maintaining these historical figures but also for reviving the cultural and environmental significance they embody. By engaging with local governments and industry stakeholders, the project symbolizes a broader dedication to safeguarding these sites and promoting awareness about their rich heritage among the public.
Source link