Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ दिए गए पाठ के मुख्य बिंदु हिंदी में प्रस्तुत किए गए हैं:
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दूध उत्पादन में प्रगति: पिछले कुछ वर्षों में देश में दूध उत्पादन तेजी से बढ़ा है, जिससे कई लोग अच्छा कमाई करने के लिए डेयरी Farming कर रहे हैं।
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भैंस की अच्छी नस्लें: डेयरी फार्म चलाने के लिए भैंस की नस्लों (जफराबादी, मुर्राह और मेहसाणा) को पालना लाभकारी होता है। ये नस्लें गायों की तुलना में अधिक दूध देती हैं।
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भैंस की विशेषताएँ:
- जफराबादी: यह नस्ल 15 लीटर दूध प्रतिदिन देती है और इसके शरीर का आकार बड़ा और मजबूत होता है।
- मुर्राह: इसे "काला सोना" कहा जाता है, यह भी 15 लीटर दूध देती है और इसके दूध में 7% वसा होता है।
- मेहसाणा: यह नस्ल 10-12 लीटर दूध देती है और सभी प्रकार के जलवायु में अनुकूल हो सकती है।
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भैंस खरीदने से पहले ध्यान देने योग्य बातें: केवल दूध उत्पादन को देखकर भैंस खरीदना सही नहीं है। उनकी स्वभाव और दूध देने की क्षमता की भी जांच करनी चाहिए।
- भैंसों की देखभाल और आहार: भैंसों को पौष्टिक और ताजा खाना दिया जाना चाहिए। नियमित सफाई और उचित देखभाल से दूध उत्पादन बढ़ सकता है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the provided text:
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Growing Demand for Dairy Farming: The country has seen rapid growth in milk production, with many individuals transitioning from traditional jobs to dairy farming, as milk is a staple in both rural and urban households throughout the year.
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Beneficial Buffalo Breeds: The Jafarabadi, Murrah, and Mehsana buffalo breeds are highlighted as the top choices for dairy farming, each known for their milk production capabilities and unique characteristics.
- Jafarabadi Buffalo: Known for its strength and high milk yield, producing over 15 liters daily.
- Murrah Buffalo: Considered "black gold," it also yields up to 15 liters daily with high-fat content (7%).
- Mehsana Buffalo: Produces 10-12 liters of milk per day and can adapt to various climates, with milk also containing around 7% fat.
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Considerations When Buying Buffaloes: Farmers should evaluate factors beyond milk yield, such as the buffalo’s temperament and past calving history. It’s recommended to purchase buffaloes after their second or third calving for better milk production.
- Essential Care and Maintenance: Proper nutrition and hygiene are crucial for maximizing milk production. Farmers should ensure buffaloes receive fresh, nutritious feed at consistent times, and maintain clean living conditions by promptly removing waste and preventing waterlogging.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
पिछले कुछ वर्षों में, हमारे देश में दूध उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से प्रगति हुई है। बहुत से लोग अच्छी नौकरियों को छोड़कर डेयरी फार्मिंग करके अच्छा कमा रहे हैं। दूध हर घर की रोज़मर्रा की ज़रूरतों का हिस्सा है, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी। यही कारण है कि इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है और डेयरी से जुड़े लोग अच्छी आय कमाते हैं। हालांकि, कुछ लोग डेयरी से ज्यादा लाभ नहीं कमा पाते। इसका एक कारण यह है कि उनके जानवर उतना दूध नहीं देते जितनी उम्मीद होती है। इस लेख में हम आपको सबसे अच्छी तीन भैंसों की नस्लों के बारे में बताएंगे।
इन तीन नस्लों की भैंसों को पालें
अगर आप डेयरी फार्म चला रहे हैं या शुरू करने की सोच रहे हैं, तो भैंसों को पालना फायदेमंद है। भैंसें गायों की तुलना में अधिक दूध देती हैं। भैंसों को पालने से पहले उनकी नस्लों के बारे में जानना जरूरी है, ताकि पशुपालक उनकी ज़रूरतों और विशेषताओं को समझ सकें। डेयरी में जाफराबादी, मुर्रा और मेहसाणा नस्ल की भैंसें रखें। चलिए जानते हैं इन भैंसों की विशेषताएं।
जाफराबादी भैंस की विशेषता
जाफराबादी नस्ल की भैंसें अन्य नस्लों की तुलना में भारी और मजबूत होती हैं। इनकी चौड़ी और भारी मनका होती है। इनके सींग गर्दन की तरफ मुड़े होते हैं। इन्हें ‘बहुबाली भैंस’ भी कहा जाता है। जाफराबादी भैंस प्रति दिन 15 लीटर से अधिक दूध देती है।
मुर्रा नस्ल की भैंस की विशेषता
मुर्रा नस्ल की भैंस हमारे देश में पशुपालकों के बीच बहुत खास मानी जाती है। इसे ‘काले सोने’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका आकार मध्यम होता है, और इसके सींग जलेबी की तरह मुड़े होते हैं। मुर्रा भैंस प्रति दिन 15 लीटर दूध दे सकती है, और इसके दूध में 7 प्रतिशत तक वसा होती है।
मेहसाणा नस्ल की भैंस की विशेषता
मेहसाणा नस्ल की भैंस प्रति दिन 10-12 लीटर दूध देती है। इस नस्ल के दूध में भी 7 प्रतिशत वसा होती है। मेहसाणा भैंस किसी भी प्रकार के वातावरण और जलवायु में ढलने की क्षमता रखती है। इनका शरीर भारी होता है, और ये काली, भूरी और ग्रे रंग की हो सकती हैं।
और पढ़ें: डेयरी फार्मिंग: कम बजट में डेयरी खोलने के लिए इन बेहतर नस्लों की गायों को पाले, कमाई का फॉर्मूला भी जानें।
भैंस खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
ज्यादातर पशुपालक भैंस को उसके दूध के उत्पादन को देखकर खरीदते हैं, जो कि गलत है। केवल अच्छी नस्लें ही नहीं, बल्कि भैंसों की स्वभाव की जानकारी भी जरूरी है। कुछ जानवर दूध देते समय लात मारते हैं, इसलिए खरीदने से पहले खुद दूध निकालकर उनका परीक्षण करें। पहली बार बछड़ा देने वाली भैंसें कम दूध देती हैं, इसलिए दूसरी या तीसरी बार बछड़ा देने वाली भैंसें खरीदें।
भैंसों की फीडिंग और देखभाल
भैंसों से अधिक दूध प्राप्त करने के लिए खाने और देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। भैंसों का खाना पौष्टिक और स्वादिष्ट होना चाहिए। उनके खाने में कोई बदबू नहीं होनी चाहिए, इसलिए केवल ताजा चारा और चारा दें। भैंसों को हरा चारा, सूखा चारा, दलिया, चूना केक और समय-समय पर सरसों का तेल दें। भैंसों को तीन बार एक निश्चित समय पर खाना देना चाहिए। जहां भैंसें बंधी होती हैं, वहां कोई गंदगी नहीं होनी चाहिए; मल और मूत्र को तुरंत साफ करें। साथ ही, कहीं भी पानी जमा नहीं होना चाहिए।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
For the last few years, our country has been progressing rapidly in the field of milk production. Many new people are also leaving good jobs and earning good income by doing dairy farming. Milk is a part of daily needs in almost every household in both rural and urban areas. This is the reason why its demand remains throughout the year and people associated with dairy earn good income. There are some people who are not able to earn much profit from dairy. This is because their animals do not produce as much milk as they want. In this news we are going to tell you about the top three breeds of buffaloes.
Rear buffalo of these three breeds in dairy
If you run a dairy farm or are going to start one, then rearing buffalo is beneficial. Buffaloes give more milk than cows. Before rearing buffaloes, we should know about their breeds so that the cattle farmers can know their needs and important things related to those breeds. Rear buffaloes of Jafarabadi, Murrah and Mehsana breeds in the dairy. Let us know the specialty of these buffaloes.
Specialty of Jafarabadi Buffalo
Buffaloes of Jafarabadi breed are heavier and stronger than other breeds. The forehead of these buffaloes is heavy and wide. Their horns are bent towards the neck. They are also called Bahubali buffalo. Buffalo of Jafarabadi breed gives more than 15 liters of milk daily.
Specialty of Murrah breed buffalo
Murrah breed is considered a very special buffalo among the cattle rearers in our country. It is also called black gold in our country. Its size is medium, the horn of the head is bent like a jalebi. Murrah buffalo can give up to 15 liters of milk daily. Their milk contains up to 7 percent fat.
Specialty of Mehsana breed
Mehsana breed buffalo gives 10-12 liters of milk daily. About 7 percent fat is also found in the milk of these buffaloes. Mehsana breed of buffalo has the ability to adapt itself to any kind of environment and climate. Their body is heavy, along with black and brown, they can also be grey.
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Keep these things in mind while buying buffalo
Most of the cattle farmers buy buffalo only after seeing more milk in it, which is wrong. Apart from good breeds, other special things should be known like it is important to know about the nature of buffaloes along with their milk yield. Some animals kick while giving milk, so before buying, check by milking them yourself. Buffaloes give less milk in the first calving, hence buy buffaloes in the second or third calving.
Keep the food and maintenance of buffaloes like this
To get more milk from buffaloes, special attention needs to be paid to food and maintenance. The food of buffaloes should be nutritious as well as tasty. There should be no foul smell in their food, hence only fresh straw and fodder should be given. Feed the buffaloes green fodder, dry fodder, porridge, lime cake and also mustard oil from time to time. There should be fixed timings for feeding buffaloes at all three times. There should not be any kind of dirt in the shed where they are tied; clean the feces and urine immediately. Also, do not allow any kind of water logging.