Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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फसलों की खरीद में देरी: किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार धान की खरीद और उठान में तेजी नहीं ला रही है, जिससे उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आमतौर पर, धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन इस वर्ष 25 अक्टूबर तक भी कोई खरीद नहीं हुई है।
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राजनीतिक दबाव और नारेबाजी: किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले अम्बाला-चंडीगढ़ हाईवे पर चार घंटे तक जाम लगाया। किसानों ने प्रतीकात्मक प्रदर्शन के दौरान झंडे और बैनर लेकर नारेबाजी की।
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राज्य सरकार पर आरोप: किसानों ने पंजाब सरकार पर असफल होने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि सरकार उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार पक्के निर्देश जारी करे जिससे धान की खरीद और उठान को तुरंत शुरू किया जाए।
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दूसरे वर्ष के धान का उठान न होना: किसान नेताओं ने बताया कि पिछले वर्ष का धान अभी भी स्टॉक में पड़ा है, जिससे नए वर्ष के धान की खरीद और उठान में और समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
- आगे की चेतावनी: किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे हाईवे को स्थायी रूप से बंद करने के लिए मजबूर होंगे।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the article regarding the farmers’ protest on the Ambala-Chandigarh highway in Punjab:
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Protest and Blockade: Farmers organized a blockade of the Ambala-Chandigarh highway on October 25 from 11 am to 3 pm, demanding urgent action from the government on paddy procurement and lifting issues.
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Grievances Against Government: The farmers expressed frustration over the government’s failure to expedite the procurement of paddy, leading to significant issues for them, including unsold grains and inadequate pricing.
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Threat of Continued Protest: The farmers warned that if their demands continued to be ignored or if the situation did not improve, they may be compelled to permanently close the highway.
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Accusations Against Punjab Government: Farmer leaders criticized the Punjab government for not addressing the ongoing troubles faced by farmers, emphasizing that many have been unable to sell their grains and cited a decline in grain rates.
- Impact of the Protest: The protest caused significant traffic disruptions, leading to long queues on the highway, as farmers, equipped with tractors and banners, demanded immediate governmental intervention to resolve their concerns.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
किसानों ने शुक्रवार को पंजाब में अम्बाला-चंडीगढ़ हाईवे को блок कर दिया। किसान संगठनों ने पहले ही घोषणा की थी कि वे अपने मांगों के साथ 25 अक्टूबर को इस हाईवे को रोकेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, किसानों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक जाम लगाने की बात कही। इस दौरान, बड़ी संख्या में किसान हाईवे पर खड़े रहे। किसानों का कहना है कि सरकार धान की खरीद और उठाने में तेजी नहीं ला रही है, जिससे उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आज किसानों ने चार घंटे तक हाईवे को बंद रखा और कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं या स्थिति में कोई सुधार नहीं आता है, तो उन्हें हाईवे को हमेशा के लिए बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा। किसान ‘यूनाइटेड किसान मोर्चा’ के बैनर तले अपनी आंदोलन जारी रखे हुए हैं। किसान संगठन ने कहा कि पंजाब और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वे किसानों की समस्याओं पर ध्यान दें और उनके समाधान खोजें। इसके लिए सरकार को धान की खरीद और उठाने की प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश देने की आवश्यकता है।
पंजाब सरकार पर हमला
किसानों ने पंजाब सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पूरे राज्य में किसान परेशान हैं। उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है। किसान अनाज के साथ घूम रहे हैं, लेकिन उनकी खरीद नहीं की जा रही है। अनाज के मूल्य का मुद्दा भी गंभीर है। किसानों ने सरकार से इन सभी चीजों पर ध्यान देने का आग्रह किया और अपनी समस्याओं का समाधान करने का आह्वान किया। आज के प्रदर्शन के कारण अम्बाला-चंडीगढ़ हाईवे पर लंबे ट्रैफिक जाम लगे और वाहनों की लंबी कतारें देखी गईं।
किसान ट्रैक्टर लेकर हाईवे पर पहुंचे और झंडे और बैनर लिए खड़े होकर नारे लगाते रहे। प्रदर्शनों के कारण रोडवेज बसें भी हाईवे पर फंसी रहीं। किसानों ने सड़क को बंद करने के लिए ट्रैक्टरों को बीच में रखा। इनमें कुछ तेल के टैंकर भी थे, जिन्हें पुलिस ने किसी तरह समझा बुझाकर पार कराया।
किसान नेताओं के आरोप
किसान नेता करन सिंह ने कहा कि इस फसल के मौसम में जो काम हो रहा है, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। धान के दाने काले हो रहे हैं। बाजार में धान की बिक्री 25 सितंबर से शुरू हुई है, लेकिन खरीद अभी नहीं हुई है। आमतौर पर धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होती है, लेकिन आज 25 तारीख तक भी खरीद शुरू नहीं हो सकी। अब तक न तो धान की खरीद हो रही है, न ही उसे तौला जा रहा है और न ही उठाया जा रहा है। किसान बाजार में बहुत परेशान हैं क्योंकि उन पर 200 रुपये की कटौती लगाई जा रही है।
किसान नेता करन सिंह ने बताया कि उनके बाजार डेरा बस्सी में 25 दिन हो गए हैं, लेकिन धान नहीं खरीदी गई है। उन्होंने कहा कि किसान बहुत समस्याओं का सामना कर रहे हैं और सरकार ने उन्हें बेबस छोड़ दिया है। किसान नेता लखबीर सिंह ने कहा कि पिछले साल का अनाज अभी भी स्टॉक में पड़ा है, जिसे केंद्र सरकार ने नहीं उठाया है। यदि केंद्र सरकार पिछले साल की धान नहीं उठाती है, तो इस साल की धान कैसे खरीदी जाएगी और कैसे उठाई जाएगी? पंजाब सरकार हर मोर्चे पर असफल रही है और वहां ऐसा कोई प्रतिनिधि नहीं है जो इन समस्याओं पर ध्यान दे सके।(रिपोर्ट: एसीम बसी)
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Farmers blocked the Ambala-Chandigarh highway in Punjab on Friday. Farmer organizations had already announced that they will block the highway on Friday, October 25 with their demands. According to the fixed schedule, the farmers announced a jam from 11 am to 3 pm. During this time, they remained standing on the highway in large numbers. Farmers complain that the government is not expediting the procurement and lifting of paddy, due to which they are facing problems.
Farmers blocked the highway for four hours today and said that if their demands are not met, or there is no improvement in the situation, they will be forced to close the highway forever. Farmers continued their agitation under the banner of United Kisan Morcha. The farmers’ organization said that it is the duty of the Punjab and Central governments to look into the problems of the farmers and find solutions to them. In this, it is necessary that the government gives instructions to speed up the purchase of paddy and the lifting of paddy.
attack on punjab government
Attacking the Punjab government, the farmers said that farmers are troubled in the entire state. They are not being heard. Farmers are wandering with grains, but it is not being purchased. Even the issue of grain rates is a big one. The farmers asked the government to look into all these things and called upon them to solve their problems. Due to today’s protest, there was a long traffic jam on the Ambala-Chandigarh highway and long queues of vehicles were seen.
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Even farmers were seen reaching the highway with tractors. Farmers stood on the highway carrying flags and banners and shouting slogans. Due to the protests, roadways buses remained stuck on the highway. Farmers placed tractors in the middle of the road to close the road. There were also oil tankers in these vehicles, which the police somehow explained and made them cross.
Farmer leaders’ allegations
Farmer leader Karan Singh said that the work (bad work) that is being done in this paddy season has never happened before. Paddy grains are turning black. Grain has fallen in the markets since September 25, but has not been purchased yet. Generally, procurement of paddy starts from 1st October, but today the procurement could not be done till 25th. Till now, neither the purchase of paddy has started in the market, nor has it been weighed or lifted. Farmers are very upset in the market because a cut of Rs 200 is being imposed on them.
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Farmer leader Karan Singh said that his market is Dera Bassi, where it has been 25 days but paddy has not been procured. He said that the farmers are facing a lot of problems and the government has left the farmers in disarray. Farmer leader Lakhbir Singh said that last year’s grain is still lying in the stock, which has not been lifted by the central government. If the central government does not lift last year’s paddy, then how will this year’s paddy be purchased and how will it be lifted? The Punjab government has failed on every front and it has no representative who can pay attention to it.(Report by Aseem Bassi)