Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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धान की खरीद प्रक्रिया में कमी: खरीफ मौसम के मुख्य फसल धान की खरीद प्रक्रिया अभी तक गति नहीं पकड़ पाई है। इस सीजन में मात्र 152 लाख मीट्रिक टन धान MSP पर खरीदा गया है, जबकि लक्ष्य 724.02 लाख मीट्रिक टन है।
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पंजाब और हरियाणा की स्थितियाँ: पंजाब ने अपने लक्ष्य का 53 प्रतिशत और हरियाणा ने 81 प्रतिशत धान खरीदा है। पंजाब में 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है, जबकि हरियाणा में 48,57,405 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है।
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MSP की दरें और भुगतान: सरकार सामान्य धान को 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-A धान को 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है। अब तक किसानों को 13,557 करोड़ रुपये की MSP के रूप में भुगतान किया जा चुका है।
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उपलब्धि की तुलना: हरियाणा में कुरुक्षेत्र जिला सबसे अधिक 9,90,294 मीट्रिक टन धान की खरीद के लिए जाना जाता है, जबकि अन्य जिलों में भी अच्छी खरीद दर्ज की गई है।
- अन्य राज्यों में धान की खरीद: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में भी धान की खरीद की गई है, लेकिन यह मात्रा ज्ञात लक्ष्य की तुलना में काफी कम है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the provided text regarding the procurement of paddy in the Kharif marketing season 2024-2025:
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Procurement Levels: As of now, only 152 lakh metric tonnes of paddy have been procured against a target of 724.02 lakh metric tonnes for the current Kharif marketing season, indicating that procurement has not yet gained momentum.
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State Performance: Punjab has purchased 53% of its target (98 lakh metric tonnes out of 185 lakh), while Haryana has achieved 81% (48.57 lakh metric tonnes out of 49.79 lakh metric tonnes). Procurement in both states is set to conclude on November 15.
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Financial Disbursement: The government has disbursed significant amounts as Minimum Support Price (MSP), with Punjab paying Rs 13,557 crore to farmers and Haryana disbursing Rs 10,511 crore specifically to paddy farmers.
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Local Highlights: In Haryana, Kurukshetra district recorded the highest procurement, totaling 9,90,294 metric tonnes of paddy, followed by other districts such as Karnal and Kaithal.
- Other States’ Procurement: Other states have shown varying procurement levels as of November 5, with Uttar Pradesh, Uttarakhand, and Tamil Nadu contributing to the overall paddy procurement effort, albeit with significantly lower totals compared to Punjab and Haryana.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
खरीफ मौसम की मुख्य फसल धान की खरीद अभी तक अपेक्षित गति नहीं पकड़ पाई है। अब तक, केवल 152 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है, जबकि 2024-2025 के खरीफ विपणन मौसम में 724.02 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। पंजाब में अपने लक्ष्य का 53 प्रतिशत और हरियाणा में 81 प्रतिशत धान की खरीद की जा चुकी है। खरीद प्रक्रिया 15 नवंबर को समाप्त हो जाएगी। अधिकांश राज्यों में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हुई, जबकि हरियाणा में यह 27 सितंबर से शुरू की गई थी।
पंजाब में अब तक 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है, जबकि वहां का लक्ष्य 185 लाख टन है। वहां खरीद प्रक्रिया इस महीने के अंत तक बंद हो जाएगी। अब तक, 3,27,259 किसानों को 13,557 करोड़ रुपये MSP के रूप में भुगतान किया गया है। इस वर्ष सरकार सामान्य धान की खरीद 2300 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-A धान की खरीद 2320 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रही है।
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हरियाणा में खरीद की स्थिति
दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने बताया कि अब तक मंडियों में 49,79,172 मीट्रिक टन धान आया है, जिनमें से 48,57,405 मीट्रिक टन की खरीद की गई है। अब तक, धान और बाजरा बेचने वाले किसानों को 11,522 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है, जिसमें से धान किसानों का हिस्सा 10,511 करोड़ रुपये है। जबकि 1011.31 करोड़ रुपये बाजरा बेचने वाले किसानों को दिए गए हैं। किसानों के लिए अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन गेट पास की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, ताकि उन्हें बेवजह इंतज़ार न करना पड़े।
कुरुक्षेत्र में सबसे ज्यादा खरीद
हरियाणा में सबसे अधिक 9,90,294 मीट्रिक टन धान की खरीद कुरुक्षेत्र जिले की मंडियों में की गई है। इसके अलावा, करनाल जिले की मंडियों में 8,25,493 मीट्रिक टन, कैथल जिले की मंडियों में 8,07,084 मीट्रिक टन, फतेहाबाद जिले की मंडियों में 6,09,789 मीट्रिक टन, अंबाला में 5,69,831 मीट्रिक टन और यमुनानगर जिले में 5,000 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। सिरसा जिले में 2,15,995 मीट्रिक टन, जिंद जिले की मंडियों में 1,93,859 मीट्रिक टन और पंचकुला जिले में 90,753 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है।
अन्य राज्यों की स्थिति
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, 5 नवंबर तक उत्तर प्रदेश में 75,261 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 99,919 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 4,52,764 मीट्रिक टन, हिमाचल प्रदेश में 20,056 मीट्रिक टन, केरल में 4,104 मीट्रिक टन, महाराष्ट्र में 72,561 मीट्रिक टन और आंध्र प्रदेश में 11,252 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है।
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Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Procurement of paddy, the main crop of Kharif season, has still not gained momentum. So far, only 152 lakh metric tonnes of paddy has been procured at the Minimum Support Price i.e. MSP, whereas a target has been set to purchase 724.02 lakh metric tonnes of paddy in the Kharif marketing season 2024-2025. So far, 53 percent paddy of its target has been purchased in Punjab, while Haryana has achieved 81 percent of the target. The purchase will stop here on 15th November. In most of the states, paddy procurement has been started from October 1, whereas in Haryana, this work was started from September 27, as the arrival in the mandis had started.
So far, 98 lakh metric tonnes of paddy has been purchased in Punjab, whereas a target of 185 lakh tonnes has been given there. The procurement process there will be stopped at the end of this month. So far, Rs 13,557 crore has been paid as MSP to 3,27,259 farmers selling paddy in the state. This year the government is purchasing normal paddy at the rate of Rs 2300 per quintal while Grade-A paddy is purchasing it at the rate of Rs 2320 per quintal.
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How much to buy in Haryana
On the other hand, Haryana government said that till now 49,79,172 metric tonnes of paddy has arrived in the mandis, out of which 48,57,405 metric tonnes have been purchased. Till now, more than Rs 11,522 crore has been paid to the farmers selling paddy and millet. In which the share of paddy farmers is Rs 10,511 crore. Whereas Rs 1011.31 crore has been paid to the farmers selling millet. The facility of online gate pass has been made available to the farmers to sell their crops, so that they do not have to wait unnecessarily.
Highest purchase in Kurukshetra
In Haryana, maximum purchase of 9,90,294 metric tonnes of paddy on MSP has been done in the markets of Kurukshetra district. Similarly, 8,25,493 metric tons in the mandis of Karnal district, 8,07,084 metric tons in the mandis of Kaithal district, 6,09,789 metric tons in Fatehabad district, 5,69,831 metric tons in the mandis of Ambala and 5,000 metric tons in the mandis of Yamunanagar district. 59,176 metric tons of paddy has been purchased. 2,15,995 metric tonnes of paddy has been purchased in Sirsa district, 1,93,859 metric tonnes in the mandis of Jind district and 90,753 metric tonnes in Panchkula district.
condition of other states
According to the Ministry of Consumer Affairs, Food and Public Distribution, till November 5, 75,261 metric tons in Uttar Pradesh, 99,919 tons in Uttarakhand, 4,52,764 tons in Tamil Nadu, 20,056 in Himachal Pradesh, 4,104 in Kerala, 72,561 tons in Maharashtra and 11,252 tons in Andhra Pradesh. Metric ton paddy has been purchased.
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