Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ सोनभद्र के बारे में मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
1. सोनभद्र की भौगोलिक स्थिति में नदियों और पहाड़ों के कारण समतल और उपजाऊ भूमि का अभाव है।
2. कृषि कार्य को अधिक महत्व दिया जा रहा है, खासकर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण।
3. यहाँ मुख्य रूप से सिर्फ दालों की खेती की जाती है।
4. अच्छी मात्रा में जो फसलें उगाई जाती हैं उनमें अरहर, चना, मकई और बाजरा शामिल हैं।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
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Geographical Challenges: Sonbhadra’s geography includes rivers and mountains, resulting in a scarcity of flat and cultivable land.
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Focus on Agriculture: There is a significant emphasis on agricultural work despite the challenging terrain.
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Limited Crop Variety: Due to its hilly nature, only specific crops such as pulses are cultivated, including pigeon pea, gram, maize, and bajra pea.
- Good Yield for Certain Crops: Certain crops are produced in good quantities despite the geographical limitations.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
अगर हम सोनभद्र के भूगोल को देखें, तो यहाँ सपाट और उपजाऊ जमीन की कमी है क्योंकि यहाँ नदियाँ और पहाड़ हैं। यहाँ कृषि कार्य को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। यहाँ के पहाड़ी इलाके के कारण केवल दलहन की खेती की जाती है। यहाँ मूँगफली, चना, मक्का, बाजरा आदि की अच्छी मात्रा में फसलें होती हैं।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
If we look at the geographical location of Sonbhadra, there is lack of flat and cultivable land due to rivers and mountains. More importance is being given to agricultural work. Due to being the most hilly area in the district, only pulses are cultivated here. Crops like pigeon pea, gram, maize, bajra pea etc. are produced in good quantity.