Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ पर दिए गए पाठ के मुख्य बिंदुओं का संक्षेप में हिंदी में विवरण दिया गया है:
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मौसम में बदलाव: इस वर्ष, सर्दी का मौसम अक्टूबर के अंत में नहीं शुरू हुआ और गर्मी दिसंबर तक कायम रही। इससे सरसों की फसल को लाभ हुआ है, जबकि गेहूँ की फसल के लिए यह मौसम नुकसानदायक है।
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सब्जियों की खेती: उच्च तापमान के कारण, किसान अब मुख्य फसलों के बजाय सब्जियाँ उगाने की ओर झुक रहे हैं। राजस्थान से हर दिन हजारों ट्रकों के माध्यम से सब्जियाँ दिल्ली और आस-पास के राज्यों में भेजी जा रही हैं।
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कृषि में विविधता: किसानों ने विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती करने के लिए कदम बढ़ाए हैं, जैसे फल, सब्जियाँ, चिया, और सैंडलवुड। ये विकल्प किसानों के लिए वित्तीय दबाव को कम करने में मदद कर रहे हैं।
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पर्यावरण के अनुकूल तकनीक: ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस जैसी आधुनिक खेती की तकनीकें किसानों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो रही हैं। सरकार इन तकनीकों पर सब्सिडी भी देती है, जिससे किसान इन्हें अपनाने पर उत्साहित हैं।
- फसलों का वितरण: राजस्थान में विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न फसलों की खेती की जाती है, जैसे कि जीरा, मिर्च, अफीम और धनिया। किसान मौसम के बदलाव के अनुसार फसल विविधता पर ध्यान दे रहे हैं।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points derived from the provided text:
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Unusually High Temperatures: This winter, high temperatures are persisting into December, which is atypical as winter usually starts by the end of October. This situation is benefitting mustard cultivation but is detrimental to wheat crops, which require cooler night temperatures.
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Shift to Vegetable Cultivation: Farmers are increasingly diverting to vegetable cultivation due to the ongoing heat. The favorable prices for vegetables are encouraging this shift, leading to thousands of trucks of vegetables being transported to markets in Delhi and surrounding areas.
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Impact on Wheat and Diversification: The adverse weather conditions are threatening wheat production in Rajasthan, leading farmers to explore alternative crops such as fruits and vegetables. As a result, there is a growing concern about rising debts among farmers due to fluctuating weather conditions.
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Regional Crop Distribution: Different crops are cultivated in specific regions of Rajasthan, such as cumin in Jalore and Pali, and chilli in Jodhpur and Alwar. This highlights the geographic diversity of agricultural production in the state.
- Adoption of Modern Farming Techniques: Farmers are increasingly turning to greenhouse and polyhouse technologies due to the benefits of subsidies offered by the government. This adoption is seen as a viable option for mitigating the impact of climate variability on crop production.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
सामान्यत: हर साल सर्दी अक्टूबर के अंत तक शुरू हो जाती है। लेकिन इस साल गर्मी दिसंबर तक बनी हुई है। यह मौसम सरसों की फसल के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। हालांकि, उच्च तापमान के कारण किसान अन्य फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। सब्जियों की खेती किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही है। दूसरी ओर, इस मौसम में गेहूं की फसल के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। गेहूं की फसल के लिए, रात का न्यूनतम तापमान तीन से चार डिग्री होना चाहिए।
रात में तापमान कम नहीं हो रहा
दिसंबर का महीना शुरू हो चुका है। वर्तमान में दिन का तापमान 24 से 25 डिग्री के आसपास है। रात का तापमान लगभग 10 डिग्री है। राजस्थान में सरसों का अधिक उत्पादन अलवर, डोसा, भरतपुर और आस-पास के क्षेत्रों में होता है। इस साल का तापमान बहुत गर्म है। यह मौसम सरसों की फसल के लिए लाभदायक है। सरसों की खेती सितंबर से शुरू होती है और किसान अक्टूबर के अंत तक इसे बोते हैं।
किसान सब्जियाँ उगा रहे हैं
अलवर जिले में सरसों का उत्पादन 2.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होता है। दिसंबर में उच्च तापमान के कारण किसान मुख्य फसलों के अलावा अन्य फसलों की तरफ बढ़ रहे हैं। हर दिन हजारों ट्रक सब्जियाँ दिल्ली और आस-पास के राज्यों में राजस्थान से भेजी जाती हैं। सब्जी के किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं। इसलिए, किसान अब सब्जियाँ उगा रहे हैं।
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राजस्थान में पश्चिमी क्षेत्र में गेहूं की भरपूर पैदावार होती है और राजस्थान का गेहूं पूरे देश में आपूर्ति किया जाता है। किसानों ने बताया कि मौसम में निरंतर बदलाव खेती पर भी असर डाल रहा है। किसान अब कई अन्य विकल्पों की ओर भी रुख कर रहे हैं। कुछ किसान फल उगाते हैं और कुछ सब्जियाँ, क्योंकि खराब मौसम के कारण किसानों का कर्ज बढ़ता जा रहा है।
राजस्थान की प्रमुख फसलें
राजस्थान की मुख्य फसलें सरसों, गेहूं, चना, कपास आदि हैं। राजस्थान में खड़ी फसलों की बुआई जून से जुलाई में शुरू होती है। इस में प्रमुख फसलें बाजरा, मक्का, सोयाबीन, चावल, मटर, सूरजमुखी, मूंगफली, तेल बीज और तिल होती हैं। इसी तरह, यदि हम रबी फसलों की बात करें, तो गेहूं, सरसों, अलसी, जीरा, धनिया, आलू, मटर, अफीम, जौ, चना राजस्थान की प्रमुख फसलें हैं। रबी फसल चक्र अक्टूबर में शुरू होता है और मध्य दिसंबर तक चलता है।
कौन सी फसल कहां उगती है?
जीरा जलोर, पाली, सिरोही, अजमेर, बारमेर और नागौर क्षेत्रों में उगता है। मिर्च जोधपुर, अलवर, सवाई माधोपुर, टोंक, भीलवाड़ा और जयपुर क्षेत्रों में उगाई जाती है। अफीम चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, कोटा, बूंदी, झालावाड़ क्षेत्रों में उगाई जाती है। इसबगोल मुख्य रूप से जलोर, सिरोही और बारमेर क्षेत्रों में उत्पादित होता है। मेथी नागौर क्षेत्र में उगती है। धनिया कोटा, झालावाड़ और बारां क्षेत्रों में उगती है। सूरजमुखी झालावाड़, गंगानगर, कोटा, जोधपुर और बीकानेर में उगाई जाती है।
किसानों के लिए कई विकल्प
जलवायु में तेजी से बदलाव के कारण, किसानों ने अब फसलों में विभिन्न विकल्पों की ओर रुख किया है। सब्जियों के अलावा, उन्होंने फलों, चंदन के पेड़ों, फूलों की खेती, जीरा, अनानास आदि जैसे अन्य प्रकार की खेती शुरू कर दी है।
ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस बेहतर विकल्प हैं
ग्रीनहाउस और पॉलीहाउस किसानों के लिए एक बेहतर विकल्प बनते जा रहे हैं। सरकार पॉलीहाउस और ग्रीनहाउस पर सब्सिडी देती है। इस स्थिति में, किसान इस तकनीक को अपनाकर इसकी मदद से खेती कर रहे हैं। (रिपोर्ट: हिमांशु शर्मा)
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Usually, winter starts by the end of October every year. But, this year the heat conditions persist till the month of December. This season is proving beneficial for the mustard crop. However, due to high temperatures, farmers are turning to other crops. Vegetable cultivation is proving beneficial for farmers. On the other hand, this weather is dangerous for the wheat crop. For wheat crop, the minimum night temperature should be three to four degrees.
Temperature is not decreasing even at night
The month of December has started. At present the day temperature is being recorded around 24 to 25 degrees. The night temperature remains around 10 degrees. In Rajasthan, the highest production of mustard is in Alwar, Dosa, Bharatpur and surrounding areas. This year the temperature is very hot. This season is beneficial for mustard crop. Cultivation of mustard crop starts from the month of September and farmers sow mustard till the end of the month of October.
Farmers cultivating vegetables
Mustard is grown in 2.5 lakh hectare area in Alwar district alone. Due to high temperature in the month of December, farmers are diverting to other crops except the main crops. Every day thousands of trucks of vegetables go to Delhi and surrounding states from Rajasthan. Vegetable farmers are getting better prices. Therefore, the farmer is now growing vegetables.
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Wheat is produced in abundance in Western Rajasthan and wheat from Rajasthan is supplied across the country. Farmers said in a special conversation that the continuous change in weather is also affecting farming. Farmers now have to turn to many other options as well. Some farmers have started cultivating fruits and some are growing vegetables, because due to bad weather, farmers’ debt is increasing.
Major crops of Rajasthan
The main crops of Rajasthan are mustard, wheat, gram, cotton etc. Sowing of Kharif crops in Rajasthan starts in June-July. Major crops in this are millet, maize, soybean, rice, peas, sunflower, groundnut, oilseeds and sesame. Similarly, if we talk about Rabi crops, wheat, mustard, linseed, cumin, coriander, potato, pea, opium, barley, gram are the major crops in Rajasthan. The Rabi crop cycle starts in October and continues till mid-December.
Which crop grows in which area?
Cumin is produced in Jalore, Pali, Sirohi, Ajmer, Barmer and Nagaur areas of Rajasthan. Chilli is cultivated in Jodhpur, Alwar, Sawai Madhopur, Tonk, Bhilwara and Jaipur areas. Opium is cultivated in Chittorgarh, Pratapgarh, Kota, Bundi, Jhalawar areas. Isabgol is mostly produced in Jalore, Sirohi and Barmer regions. Fenugreek is cultivated in Nagaur area. Coriander is cultivated in Kota, Jhalawar and Baran areas. Sunflower is cultivated in Jhalawar, Ganganagar, Kota, Jodhpur and Bikaner.
Many options for farmers
Due to rapid changes in weather, farmers have now started taking various options in crops. Apart from vegetables, they have started doing other types of farming including fruits, sandalwood trees, flower cultivation, cumin cultivation, pineapple etc.
Greenhouse and polyhouse are better options
Green house and polyhouse are becoming a better option for the farmer. The government gives subsidy on polyhouse and green house. In such a situation, farmers are adopting this technology and doing farming with its help. (Report by Himanshu Sharma)