Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ पर कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं जो मध्य प्रदेश में उर्वरक की कमी से संबंधित हैं:
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उर्वरक की कमी: मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में रबी सीजन की शुरुआत के साथ किसानों को उर्वरक की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण वे लंबी कतारों में खड़े होकर भी उर्वरक प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं।
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कानून व्यवस्था की समस्या: किसानों की भीड़ इतनी बढ़ गई है कि जिला कलेक्टर, एसडीएम, और तहसीलदार को मैदान में उतरना पड़ रहा है ताकि कानून और व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
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ध्यान केंद्रित करने के लिए वैकल्पिक सुझाव: जिला प्रशासन किसानों को सलाह दे रहा है कि वे डाइ अमोनियम फॉस्फेट (DAP) के बजाय नैनो यूरिया जैसे अन्य विकल्पों का उपयोग करें।
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काले बाज़ारी का आरोप: किसानों का आरोप है कि उर्वरक की काले बाज़ारी हो रही है, और जबकि अधिकारियों का कहना है कि उर्वरक की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, फिर भी किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- सकारात्मक प्रतिक्रिया की कमी: किसानों द्वारा वास्तविकता की पुष्टि करते हुए बताया जा रहा है कि वे घंटों कतार में खड़े रहने के बावजूद भी आवश्यक मात्रा में उर्वरक प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी बुआई में देरी हो रही है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points regarding the fertilizer shortage faced by farmers in Madhya Pradesh during the Rabi season:
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Widespread Fertilizer Shortage: Farmers in Madhya Pradesh, particularly in Panna district, are experiencing significant delays and shortages in obtaining fertilizers, resulting in increased long queues at distribution centers.
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Law and Order Issues: The situation has escalated to the point where district officials, including the District Collector, SDM, and Tehsildar, are intervening to maintain order due to the intense crowding and disputes among farmers.
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Delayed Sowing and Alternative Recommendations: The lack of fertilizer is causing delays in sowing crops, and officials are advising farmers to consider alternatives like nano urea instead of relying solely on Di Ammonium Phosphate (DAP).
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Allegations of Black Marketing: Farmers are expressing concerns about potential black marketing practices, questioning why they are unable to access adequate supplies of fertilizer when officials claim there is enough available.
- Personal Accounts of Struggles: Individual farmers are sharing their frustrations, highlighting the difficulty of obtaining fertilizers despite spending long hours in line and receiving insufficient amounts relative to their needs.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
रबी सीजन की शुरुआत के साथ, मध्य प्रदेश में खाद की कमी की तस्वीरें सामने आ रही हैं। किसानों की लंबी कतारें खाद लेने के लिए देखी जा रही हैं। हाल की एक घटना panna जिले की है, जहां किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है। जिले के खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी लाइने देखी जा रही हैं। किसान घंटों तक कतार में खड़े रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। कई किसान हैं जो कई दिनों तक चक्कर लगाने के बाद भी खाद नहीं पा रहे हैं।
किसानों की भीड़ इतनी बढ़ गई है कि कई स्थानों पर जिला कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मैदान में आना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने किसानों को सलाह दी है कि वे डीएपी (डाय अमोनियम फास्फेट) छोड़कर अन्य विकल्प अपनाएं। जिले के मुख्यालय पर खाद की कमी के संबंध में स्थिति समान है। इसकी वजह से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, किसानों के बीच खाद के टोकन लेने को लेकर झड़पें भी हुई हैं, जिससे कांग्रेस ने बीजेपी पर गुस्सा व्यक्त किया है।
किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है
किसान पूरा दिन कतार में खड़े रहने के बावजूद खाद नहीं मिलने से कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। खाद की अनुपलब्धता के चलते वे समय पर बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। किसान आरोप लगा रहे हैं कि खाद की काला बाजारी हो रही है, जिससे उन्हें खाद प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। जबकि अधिकारियों का कहना है कि खाद की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि खाद की मात्रा ठीक है, तो किसानों को इतनी समस्याओं का सामना क्यों करना पड़ रहा है। वहीं, अब अधिकारी किसानों को डीएपी खाद का वैकल्पिक उपाय बता रहे हैं।
जिले में खाद की कमी के संबंध में पन्ना के जिला कलेक्टर ने बताया कि रबी सीजन के लिए जिले में डीएपी खाद की आपूर्ति मांग के अनुसार नहीं आई है, फिर भी सभी तहसीलों को खाद मिल रही है। अधिकारियों का प्रयास है कि किसानों को डीएपी की जगह नैनो यूरिया का इस्तेमाल करने के लिए समझाया जाए। किसान सोनलाल, जो खाद लेने के लिए कतार में खड़े थे, ने बताया कि वह एक दिन से खड़े हैं, उनका आधार कार्ड जमा है लेकिन अब उनसे पता पूछा जा रहा है। महेबा के किसान रामकेश सिंह राजपूत ने बताया कि वह सुबह से लाइन में हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा है। उनके पास 10 एकड़ ज़मीन है लेकिन उन्होंने केवल तीन बैग डीएपी प्राप्त किए हैं। दिलीप शर्मा की रिपोर्ट
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
With the beginning of Rabi season, pictures of fertilizer shortage have started emerging from Madhya Pradesh. Long queues of farmers are being seen to collect fertiliser. The latest case is from Panna district. Where farmers are facing shortage of fertilizers. Long lines of farmers are being seen in the fertilizer distribution centers of the district. Farmers are spending hours in the queue but even after this they have to return empty handed. There are many farmers who are not able to get fertilizer even after making rounds for several days.
The crowd of farmers regarding fertilizers has increased so much that at many places the District Collector, SDM and Tehsildar have to go to the ground to maintain law and order. The district administration is advising farmers to leave DAP (Di Ammonium Phosphate) and adopt other alternatives. The situation is similar in the procurement centers of the district headquarters regarding shortage of fertilizers. Due to this, farmers are facing a lot of problems.
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farmers are facing problems
Farmers are facing many problems due to not getting fertilizer even after standing in line the whole day. Due to non-availability of fertilizer, they are getting delayed in sowing on time. Farmers allege that black marketing of fertilizers is taking place, hence farmers are facing difficulty in getting fertilizers. Whereas from the supply of fertilizer, officials say that they have adequate quantity of fertilizer available. In such a situation, the question is arising that if sufficient quantity of fertilizer is available then why are the farmers facing so many problems. At the same time, officials are now telling farmers the alternative of DAP fertilizer.
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Advice to adopt the option of DAP
Regarding the shortage of fertilizer in the district, the District Collector of Panna said that the supply of DAP fertilizer in the district for the Rabi season has not been as per the demand, but still all the tehsils are getting the fertilizer. Efforts are being made to convince the farmers that they should use nano urea fertilizer instead of DAP. Farmer Sonelal, who was standing in the queue to get fertiliser, said that he has been standing in the queue since a day, his Aadhaar card is submitted but now he is asking for the address. Maheba farmer Ramkesh Singh Rajput told that he has been standing in line since morning but no one is listening. He has 10 acres of land but has received only three bags of DAP. ,Dilip Sharma’s report,