Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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कंगना रनौत का विवादास्पद बयान: भाजपा की सांसद कंगना रनौत ने तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग की है, जो किसानों के लंबे विरोध के बाद सरकार ने वापस लिए थे, जिससे एक बार फिर विवाद उत्पन्न हुआ है।
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भाजपा द्वारा पल्ला झाड़ना: कंगना के विवादास्पद बयान पर भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने स्पष्टीकरण दिया है कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है और पार्टी की आधिकारिक राय का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। उन्होंने इस बयान की निंदा की है।
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कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रियाएँ: कांग्रेस ने कंगना के बयान की कड़ी आलोचना की है, यह कहते हुए कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में 750 से अधिक किसान शहीद हुए हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने भी कंगना के बयान पर कटाक्ष करते हुए इसे पीएम मोदी के लिए चुनौती बताया।
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कंगना का पूर्व इतिहास: यह पहली बार नहीं है जब कंगना रनौत ने किसान मुद्दे पर विवादित बयान दिया है। पहले भी उन्होंने किसान आंदोलन पर नकारात्मक टिप्पणियाँ की थीं, जिसके कारण भाजपा ने उनसे किनारा किया था।
- किसानों के प्रति संवेदनशीलता का अभाव: कंगना के बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया इस बात को उजागर करती है कि पार्टी किसानों की चिंताओं को लेकर कितनी संवेदनशील है, खासकर जब वे पहले से ही ऐसी संवेदनाएं व्यक्त कर चुके हैं।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the provided text:
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Controversial Statement by Kangana Ranaut: BJP MP Kangana Ranaut sparked controversy by suggesting that the three repealed agricultural laws should be reinstated, claiming they were in the farmers’ best interest.
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Party Disavowal: Following her statement, BJP spokesperson Gaurav Bhatia clarified that Ranaut’s comments were her personal opinion and did not reflect the party’s stance. He condemned her remarks and emphasized that she is not authorized to speak on behalf of the BJP regarding these laws.
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Opposition Criticism: The Congress party criticized Ranaut’s remarks, highlighting the sacrifices of over 750 farmers who lost their lives during protests against the laws. They vowed to prevent any attempt to reinstate the laws, particularly in the context of the upcoming Haryana assembly elections.
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Comments from AAP: Aam Aadmi Party MP Malvinder Singh Kang mocked Kangana’s statement, pointing out the apparent contradiction between her support for the laws and the government’s earlier decision to withdraw them due to farmers’ concerns.
- History of Controversial Remarks: This isn’t the first time Kangana has made contentious statements regarding farmers; she previously accused the farmer protests of trying to create a situation similar to Bangladesh in India, and has faced criticism and disavowal from the BJP for her views in the past.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत ने हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान पुनः विवादास्पद बयान दिया है, जिसमें उन्होंने तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग की। कंगना ने कहा कि ये कानून किसानों के हित में थे और किसानों को खुद इसका समर्थन करना चाहिए। उनका यह बयान उस संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह तीनों कृषि कानूनों की वापसी के निर्णय के खिलाफ खड़ा होता है, जो कि किसानों के लंबे समय तक चले विरोध का परिणाम था।
भाजपा ने कंगना के इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि कंगना का यह बयान व्यक्तिगत है और यह भाजपा की आधिकारिक राय का प्रतिनिधित्व नहीं करता। भाटिया ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा, “यह स्पष्ट करना जरूरी है कि कंगना रनौत भाजपा की ओर से इस तरह का बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं।”
कांग्रेस पार्टी ने कंगना के बयान की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ये तीनों कानून किसान विरोधी थे और इसके खिलाफ 750 से अधिक किसान जीवन गंवा चुके हैं। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव की ओर इशारा करते हुए कहा कि किसान फिर से उन कानूनों को लागू करने की कोशिशों को सफल नहीं होने देंगे।
आम आदमी पार्टी के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने भी कंगना के बयान पर टिप्पणी की है, यह बताते हुए कि प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की चिंताओं को समझने में असमर्थता व्यक्त की थी और उसी कारण कानून वापस लिए गए थे। मलविंदर ने कंगना के बयान को चुनौती देने के रूप में देखा।
यह पहली बार नहीं है जब कंगना रनौत ने किसानों के मुद्दे पर विवादित टिप्पणी की है। इससे पहले भी, उन्होंने किसान आंदोलन को “भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति” बनाने का आरोप लगाया था, जिसके कारण भी भाजपाने अपने को उनसे अलग किया था। कंगना के ये बयान भाजपा के लिए एक नई चुनौती पेश कर रहे हैं, खासकर जब किसानों के विरुद्ध उनके इस कथन का राजनीतिक असर पड़ सकता है।
इस स्थिति ने भाजपा तथा कंगना के बीच की दूरी को और बढ़ा दिया है, और यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी किसी भी तरह से किसानों के मुद्दे पर विवादों में नहीं पड़ना चाहती है। कंगना के इस विवाद के राजनीतिक परिणाम संभवतः हरियाणा विधानसभा चुनावों में देखने को मिल सकते हैं, जहां किसान आंदोलन का महत्वपूर्ण स्थान है।
कुल मिलाकर, कंगना रनौत के विवादास्पद बयानों ने एक बार फिर किसानों के मुद्दे को सार्वजनिक चर्चा में लाने का कार्य किया है, जिससे भाजपा को अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को स्पष्ट करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। उनकी टिप्पणियों का दुष्परिणाम पार्टी की छवि पर पड़ सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां किसान आंदोलन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
During an interaction with the media in her parliamentary constituency Mandi, Himachal Pradesh, Bharatiya Janata Party (BJP) MP Kangana Ranaut sparked controversy once again with her comments regarding the now-repealed three agricultural laws. She stated that the government should reinstate all three contentious agricultural laws, which had been withdrawn following protracted protests by farmers. Her remarks have led to the BJP distancing itself from her statement and subsequently condemning it.
Kangana Ranaut remarked, “I know this statement might be controversial, but the three agricultural laws were in the interest of farmers and should be re-enacted. Farmers themselves should support this.” In response to her statement, BJP spokesperson Gaurav Bhatia clarified that it was her personal opinion and did not represent the party’s position. Bhatia released a video stating, “The statement by BJP MP Kangana Ranaut regarding the agricultural bills withdrawn by the central government is going viral on social media. I want to make it clear that this statement is her personal viewpoint. Kangana Ranaut is not authorized to make such a statement on behalf of the BJP, and it does not reflect the party’s stance on the agricultural bills. We condemn this statement.”
The Congress party criticized Kangana’s remarks sharply. Congress spokesperson Supriya Srinet pointed towards the upcoming Haryana Assembly elections, stating, “More than 750 farmers sacrificed their lives while protesting against the three black laws. There are attempts to reintroduce them, but we will never allow that. The first response will come from Haryana.”
Aam Aadmi Party MP Malvinder Singh Kang also mocked Kangana’s statement, saying, “I feel sorry for PM Modi. He said that he could not understand farmers’ concerns, which is why the laws were repealed. Now it seems either Kangana is challenging PM Modi, or the Prime Minister has become helpless. Only the BJP can answer this.”
This isn’t the first time Kangana Ranaut has made controversial statements regarding farmers. Previously, she had accused the farmer protests of creating a “Bangladesh-like situation in India” and claimed that incidents of violence and rape were occurring at the protest sites. However, even then, the BJP distanced itself from her comments and advised the MP to be cautious.
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