India, Australia Advance CECA Talks for Trade Boost (भारत-ऑस्ट्रेलिया ने सीईसीए वार्ता को तेज किया!)

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Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)

  1. बिक्री वार्ता की बैठक: भारत और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्रियों ने बुधवार को पूर्ण मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति का आकलन करने के लिए बैठक की। यह बैठक आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) के प्रभावी होने के लगभग 20 महीने बाद हुई।

  2. ग्लोबल व्यापार लक्ष्यों पर ध्यान: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने साझेदारी में द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया।

  3. ऑस्ट्रेलियाई निर्यात में वृद्धि: ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने बताया कि ईसीटीए के परिणामस्वरूप भारत में ऑस्ट्रेलियाई निर्यात लगभग 30 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिससे भारत के कृषि निर्यात में 60% की वृद्धि हुई है।

  4. व्यापारियों के बीच आपसी समझ: भारतीय मंत्री ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर भारत की चिंताओं को स्वीकार किया, जबकि ऑस्ट्रेलियाई मंत्री ने इन मुद्दों पर सहानुभूति जताई और समझाया कि वह भारत सरकार के लिए स्थिति को और कठिन नहीं बनाना चाहते हैं।

  5. सकारात्मक समझौता आशाएं: गोयल ने पहले समझौते की सफलता का जिक्र करते हुए बताया कि सामान्य तौर पर कोई नकारात्मक रुख नहीं रहा, और उन्हें उम्मीद है कि आगामी समझौता भी सकारात्मक तत्वों का समन्वय करेगा।

Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)

Here are the main points summarized from the article regarding the India-Australia trade discussions:

  1. Meeting Overview: India and Australia’s trade ministers held a meeting to assess the progress of negotiations toward a full Free Trade Agreement (FTA), nearly 20 months after the Economic Cooperation and Trade Agreement (ECTA) came into effect.

  2. Bilateral Trade Goals: Commerce and Industry Minister Piyush Goyal emphasized the aim to strengthen trade relations, targeting an increase in bilateral trade to $100 billion by 2030.

  3. Impact of Initial Agreement: Australian Trade and Tourism Minister Don Farrell reported that since the initial agreement, approximately $30 billion worth of Australian exports entered India with zero or reduced tariffs, leading to a 60% increase in agricultural exports to India.

  4. Review of Agreements: The ministers reviewed the implementation of the ECTA, discussed progress on the Comprehensive Economic Cooperation Agreement (CECA), and explored opportunities within the Indo-Pacific Economic Framework.

  5. Recognition of Concerns: While expressing interest in reducing or eliminating import tariffs on certain Indian products, Farrell acknowledged India’s concerns regarding agricultural and dairy sectors, assuring that they wouldn’t complicate matters for the Indian government.


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Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)

भारत और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्रियों ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसका मुख्य उद्देश्य पूर्ण मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में वार्ता की प्रगति का आकलन करना था। यह बैठक आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (ईसीटीए) के लगभग 20 महीने बाद हुई, जो द्विपक्षीय व्यापार को और मजबूत करने के लिए एक प्रारंभिक कदम था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ऑस्ट्रेलिया के व्यापार एवं पर्यटन मंत्री डॉन फैरेल के साथ इस बैठक की सह-अध्यक्षता की।

बैठक में 2030 तक भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने के साझा लक्ष्य को हासिल करने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा की गई। श्री गोयल ने ईसीटीए के कार्यान्वयन, व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर प्रगति, और विश्व व्यापार संगठन (WTO) से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे के तहत अवसरों की तलाश पर भी ध्यान केंद्रित किया।

श्री फैरल ने बैठक में बताया कि पहले समझौते के बाद से लगभग 30 बिलियन डॉलर का ऑस्ट्रेलियाई निर्यात भारत में या तो शून्य टैरिफ पर या कम टैरिफ पर पहुँचाया गया है। इसके परिणामस्वरूप, भारत के कृषि निर्यात में 60% की वृद्धि हुई है, जो कि 1.6 बिलियन डॉलर हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस सौदे ने ऑस्ट्रेलियाई उपभोक्ताओं के लिए, भारत से आने वाले उत्पादों पर कम टैरिफ के कारण, लगभग 225 मिलियन डॉलर की बचत की है।

फैरेल ने भारतीय कृषि उत्पादों जैसे चना, पिस्ता और सेब पर कम या शून्य आयात शुल्क की प्राप्ति में रुचि दिखाई, लेकिन यह भी स्वीकार किया कि कृषि और डेयरी उत्पादों के संबंध में भारत की चिंताओं को समझते हैं। उन्होंने यह कहा कि जहां मुद्दे जटिल हैं, वहाँ भारत सरकार के लिए स्थिति और कठिन नहीं बनाने का प्रयास किया जाएगा।

यह बैठक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। दोनों देशों के मंत्रियों ने इस बात के प्रति आश्वस्त किया कि वे भविष्य में भी इस दिशा में काम करते रहेंगे और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए।


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Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)

On Wednesday, the trade ministers of India and Australia convened to assess progress in negotiations towards a comprehensive Free Trade Agreement (FTA). This meeting took place nearly 20 months after the implementation of the Economic Cooperation and Trade Agreement (ECTA), an initial bilateral deal aimed at enhancing trade relationships.

The meeting was co-chaired by Commerce and Industry Minister Piyush Goyal and Australia’s Trade and Tourism Minister Don Farrell, with a key focus on strengthening trade relations to achieve the shared goal of increasing bilateral trade to $100 billion by 2030. Goyal emphasized the importance of building on their existing trade framework and progressing towards the broader Comprehensive Economic Cooperation Agreement (CECA).

Minister Farrell highlighted that since the ECTA’s inception, Australia has exported approximately $30 billion worth of goods to India at either zero tariffs or lower tariffs compared to its competitors. As a result, India’s agricultural exports to Australia have surged by 60%, amounting to $1.6 billion. Furthermore, Farrell pointed out that Australian consumers benefitted from reduced tariffs on products from India, saving around $225 million at checkouts.

During the discussions, Goyal mentioned that they had reviewed the implementation of the ECTA, discussed progress on the CECA, addressed issues related to the World Trade Organization, and explored opportunities within the Indo-Pacific Economic Framework.

Minister Farrell expressed confidence in their ongoing partnership, highlighting Australia’s interest in importing various Indian products like chickpeas, pistachios, apples, and even wines without significant tariffs. However, he acknowledged India’s concerns over certain agricultural and dairy products, assuring that they would not complicate matters for the Indian government regarding sensitive topics.

Goyal asserted that the initial agreement did not face negative press or public backlash, which he anticipates will bode well for future agreements. The discussions signify a commitment from both nations to deepen their economic ties and address mutual concerns while pursuing their trade objectives.

Overall, the meeting aimed to align both countries on trade policies and collaborative economic strategies that can facilitate growth, ultimately leading to enhanced trade figures by the end of the decade. The ministers showed optimism towards a mutually beneficial trade relationship that prioritizes development, shares opportunities, and respects each country’s economic sensitivities.



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