Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ दिए गए पाठ से मुख्य बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत है:
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दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘मिनी नंदिनी किसान समृद्धि योजना’ शुरू कर रहे हैं, जो गौपालकों को चॉकलेट बनाने पर जोर देती है।
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आधुनिक इकाइयों की स्थापना: इस योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी गायों के समूह के चयन सहित 10 ग्राहकों की क्षमता वाली हाईटेक इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिससे दूध के उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा।
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कैटल शेड का निर्माण: योजना में आधुनिक तकनीक से कैटल शेड का निर्माण किया जाएगा, जिसमें किसानों को नए तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे बेहतर पशुपालन प्रबंधन कर सकें।
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छोटे और व्यापारिक किसानों को लाभ: इस योजना का लाभ छोटे किसानों को सीधे मिलेगा, जिससे वे वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग करके कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकेंगे और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
- ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव: योजना का लक्ष्य न केवल दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करना है, बल्कि ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है, जिससे पशुपालकों को नए अवसर प्राप्त होंगे।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the article regarding the initiatives by Uttar Pradesh’s Chief Minister Yogi Adityanath to boost milk production:
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Focus on Dairy Production: The Uttar Pradesh government is promoting milk production and encouraging dairy farmers to engage in chocolate-making, providing significant benefits to milk producers.
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Minnie Nandini Kisan Samriddhi Yojana: This scheme aims to enhance livestock production through modern units in the state, with a budget of ₹10.15 crores. It intends to improve the quality and quantity of dairy products.
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High-tech Units for Enhanced Production: The initiative includes establishing high-tech units with a capacity for ten customers, using superior native breeds like Tharparker and Sahiwal to increase milk output, with an estimated cost of ₹23.60 lakhs per unit.
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Modern Cattle Sheds and Training: Under the scheme, modern cattle sheds will be constructed using advanced technology, and dairy farmers will receive modern training to improve their management skills. Experienced farmers will be prioritized to leverage the scheme effectively.
- Empowerment of Small Farmers: The scheme will primarily benefit small and commercial farmers by introducing them to scientific techniques that enhance production at lower costs, aiming for both increased milk production and positive socio-economic change in rural communities.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और गौपालकों को चॉकलेट बनाने पर जोर दे रहे हैं। प्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादकों को दी बड़ी छूट। प्रदेश में मिनी नंदिनी सैनिक समृद्धि योजना’ के तहत शुरू की गई योजना प्रदेश में आधुनिक इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे दुग्ध उत्पाद की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होगा। योगी सरकार पर इस योजना का खर्च 10.15 करोड़ रुपये है।
प्रदेश की योगी सरकार ने पशुधन उत्पादन के राष्ट्रीय स्तर को बढ़ाने के लिए ‘मिनी नंदिनी किसान समृद्धि योजना’ शुरू की है, क्योंकि उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख पशुधन उत्पादक राज्यों में से एक है, लेकिन प्रतिपशु दुग्ध उत्पादन को लेकर राज्य राष्ट्रीय स्तर पर है। स्तर के औसत से पीछे है. राज्य में वर्तमान में प्रति गाय औसत 3.78 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।
हाईटेक होगी 10 ग्लोबल वाले
इस योजना के तहत योगी सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी नस्लों के समूह का चयन कर हाईटेक इकाइयों की स्थापना का निर्णय लिया है। योजना के तहत 10 ग्राहकों की क्षमता वाली हाइटेक इकाइयों की स्थापना की जाएगी। हर यूनिट पर करीब 23.60 लाख रुपये का खर्च आएगा. जिसमें सरकार और अतिथि दोनों का योगदान रहेगा।
इन इकाइयों में शामिल है उच्च विद्यालय की गाय
इन इकाइयों में केवल, थारपारकर और साहीवाल (साहिवाल) जैसी उच्च गुणवत्ता वाली देशी नस्लों की गाय इंस्ट्रूमेंट, वॉल्यूम अल्कोहल उत्पादन क्षमता अधिक होती है। योजना के तहत फर्मों द्वारा उत्पादित सामान की नस्ल का आकलन उनकी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा, ताकि अधिक दूध का उत्पादन किया जा सके।
कैटल शेड का निर्माण होगा
योजना के तहत कैटल शेड और अन्य श्रेणी के कलाकारों का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। इन चावलों में पीएफ़ का उपयोग किया जाएगा, ताकि मौसम के विपरीत प्रभाव से समुद्र की सुरक्षा हो सके और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे। इसके अलावा गौ पालकों को आधुनिक प्रशिक्षण भी दिया गया, जिससे वे नए तकनीकी शिक्षकों का उपयोग अपने पशुपालन की देखभाल के साथ-साथ प्रबंधन कर सकें। गौ पालन में तीन साल का अनुभव वाले किसानों को प्रमुखता देगा। जिससे कि योजना का लाभ आकर्षक आकर्षण तक पहुंच सके।
छोटे व व्यापारिक किसानों को मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ छोटे और किसानों को सीधे मिलेगा। साथ ही किसानों को वैज्ञानिक तकनीक से परिचित साइंटिस्ट के साथ। ताकि कम लागत में अधिक उत्पादन की संभावना बनी रहे. इस योजना का उद्देश्य केवल दुग्ध उत्पादन बढ़ाना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाना है। योजना के माध्यम से पशुपालकों को नया अवसर मिलेगा, जिससे वह आर्थिक रूप से पिछड़े तो होंगे ही, उनके अंदर आत्मनिर्भर बन की ललक का भी जन्म होगा।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
The Chief Minister of Uttar Pradesh, Yogi Adityanath, is promoting increased milk production in the state and encouraging dairy farmers to produce chocolate. The state government has provided significant discounts to milk producers. Under the “Mini Nandini Sainik Samriddhi Yojana,” the government plans to establish modern dairy units, which will improve both the quality and quantity of milk produced. The total cost of this initiative is 10.15 crores.
The Yogi government has launched the “Mini Nandini Kisan Samriddhi Yojana” to enhance national-level livestock production, as Uttar Pradesh is one of the leading states in livestock production in the country. However, the state’s milk production per cow is still below the national average. Currently, each cow in the state produces an average of 3.78 liters of milk per day, which is significantly less than the national average.
High-Tech Units
As part of this initiative, the Yogi government has decided to set up high-tech units featuring select high-quality indigenous cow breeds. The plan includes establishing units with a capacity for 10 customers, with each unit costing approximately 23.60 lakh rupees, funded by both the government and private investors.
Quality Cow Breeds Included
Only high-quality indigenous cow breeds like Tharparkar and Sahiwal will be included in these units, as they have better milk production capabilities. The products from these firms will be assessed based on their production capacity and quality to ensure greater milk output.
Construction of Cattle Sheds
The plan includes the construction of cattle sheds and other necessary facilities using modern technology. These sheds will utilize advanced materials to protect the cattle from adverse weather conditions and improve their health. Additionally, dairy farmers will receive modern training to help them manage their livestock using new technologies. Farmers with three years of experience in dairy farming will be given priority so that the benefits of the scheme can reach them effectively.
Benefits for Small and Commercial Farmers
This initiative aims to directly benefit small and commercial farmers, introducing them to scientific techniques for higher production at lower costs. The objective of the program is not only to increase milk production but also to bring positive changes to rural communities. Through this scheme, farmers will gain new opportunities that will help them become economically self-sufficient and empowered.