Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ पर पाठ के मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
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सरकार की अनदेखी: बावजूद अन्य व्यवसाय क्षेत्रों के, मुर्गी पालन क्षेत्र को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती। विभिन्न मुर्गी पालन संघों की अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत करने के कारण सरकार इस क्षेत्र की वास्तविकता से भ्रमित है।
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अनाज आयात की समस्या: मुर्गी पालन क्षेत्र लंबे समय से मक्का आयात करने की अनुमति मांग रहा है, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं की है। एक मंच की आवश्यकता है ताकि समस्याओं को बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया जा सके।
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विनियमों की कमी: मुर्गी पालन क्षेत्र में कोई ठोस व्यवसायिक नियम और विनियम मौजूद नहीं हैं। यह समस्या 10 करोड़ लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालती है, जबकि अन्य क्षेत्रों को सरकारी सहायता प्राप्त है।
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महिलाओं को सशक्त करना: मुर्गी पालन क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के अनेक अवसर हैं। सरकार की योजनाओं के माध्यम से महिलाएं मुर्गी पालन में भागीदारी बढ़ा सकती हैं, जैसे ‘लाखपति दीदी’ योजना के तहत।
- पोल्ट्री एक्सपो का महत्व: पोल्ट्री एक्सपो-2024 का आयोजन है, जिसमें वैज्ञानिक, चिकित्सक, और किसान मिलकर पोल्ट्री संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जैसे बीमारियाँ, फ़ीड, उत्पादन, और अपशिष्ट का लाभ उठाना।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the text:
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Lack of Government Support for Poultry: The poultry sector faces significant challenges in obtaining government assistance, primarily due to inconsistent figures and demands presented by various poultry associations, which confuse the government about the sector’s actual needs.
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Need for a Unified Forum: Bahadur Ali emphasized the necessity of a unified platform for the poultry sector to effectively communicate its demands to the government. Specifically, the inability to secure permission for maize imports exemplifies the fragmented approach of different associations.
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Absence of Regulations: The poultry industry lacks basic rules and regulations governing its business practices. This has resulted in a chaotic market where prices and operations are unregulated, negatively impacting the livelihood of millions involved in the sector.
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Government Ignorance of Poultry Contributions: Despite the poultry sector’s significant contributions and efforts, the government remains unaware of them due to the sector’s inability to present cohesive and accurate data, unlike other sectors such as fisheries and dairy.
- Empowering Women through Government Schemes: Bahadur Ali highlighted the potential for empowering women in the poultry sector by leveraging government schemes like Lakhpati Didi, which can help in establishing poultry farms and promoting integrated poultry farming initiatives.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
किसी भी व्यवसाय क्षेत्र की बात करें, तो सरकार उसकी बात सुनती है और उसे सहायता भी करती है। लेकिन पोल्ट्री (पक्षियों की खेती) ऐसा क्षेत्र है, जहाँ सरकार न सिर्फ मदद नहीं करती, बल्कि उसकी बात भी नहीं सुनती। इसका एक बड़ा कारण यह है कि इस क्षेत्र में कई पोल्ट्री एसोसिएशंस हैं जो अपने-अपने आंकड़े और मांगें सरकार के सामने रखती हैं। लेकिन इस बार में सभी के आंकड़े अलग-अलग होते हैं, जिससे सरकार को समझने में कठिनाई होती है कि वास्तव में पोल्ट्री क्षेत्र की स्थिति क्या है। यह कहना है बहादुर अली का, जो IB Group के MD और अखिल भारतीय पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।
यह अवसर पोल्ट्री एक्सपो के नॉलेज डे का था। पोल्ट्री इंडिया द्वारा हैदराबाद में पोल्ट्री एक्सपो-2024 का आयोजन किया जा रहा है, जो 27 से 29 नवंबर तक चलेगा। इस नॉलेज डे में पोल्ट्री वैज्ञानिक, डॉक्टर, विशेषज्ञ, कंपनियाँ और किसान भाग लेते हैं। यहां मुर्गियों की बीमारियों, फीड, उत्पादन और कचरे के उपयोग से अधिक लाभ कैसे कमाया जा सकता है, जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है।
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मक्का आयात की मांग अनसुनी
बहादुर अली ने बताया कि पोल्ट्री क्षेत्र के लिए एक मंच क्यों जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र को मक्का की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हम सरकार से मक्का के आयात की अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन हर एसोसिएशन ने अपनी-अपनी मांगें रखी हैं। दुख की बात है कि अभी तक सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। अगर हमारे पास एक पोल्ट्री फोरम होता, तो शायद हम सरकार के सामने अपने मुद्दे बेहतर तरीके से रख पाते।
व्यापार के लिए नियमों का अभाव
बहादुर अली ने पोल्ट्री क्षेत्र की एक बड़ी कमी की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज एक अत्यधिक वाणिज्यिकीकृत क्षेत्र होने के नाते अन्य क्षेत्रों के पास अपने खुद के व्यापार नियम हैं, लेकिन पोल्ट्री में ऐसा नहीं है। हर कोई अपनी मर्जी से अपने सामान बेच रहा है। पोल्ट्री से सीधे जुड़े 10 करोड़ लोगों के लिए कोई सुरक्षा नहीं है। पोल्ट्री को CII में कोई भागीदारी नहीं है। फीड और चूजों की दरें लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन इस पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। सरकार मत्स्य पालन और डेयरी को बहुत सहायता देती है, लेकिन पोल्ट्री क्षेत्र के बारे में सरकार को जानकारी ही नहीं है, क्योंकि हम सही आंकड़े नहीं दे पा रहे हैं।
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महिलाओं को सरकारी योजनाओं से सशक्त करें
पोल्ट्री एक्सपो के अवसर पर बहादुर अली ने कहा कि आज कई अन्य क्षेत्र महिलाओं को सरकारी योजनाओं के माध्यम से सशक्त कर रहे हैं। पोल्ट्री क्षेत्र में भी इससे संबंधित कई अवसर हैं। ‘लखपति दीदी’ योजना में शामिल होकर हम महिलाओं के लिए पोल्ट्री फार्म का ढांचा तैयार कर सकते हैं। इसके बाद, हम एकीकृत पोल्ट्री खेती के अंतर्गत एक हजार चूजे देकर पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा दे सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें ऐसी कई योजनाएं निरंतर चला रही हैं।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Whatever be the business sector, the government listens to it. She also helps him as per demand. But poultry is such a sector that far from getting government help, the government does not even listen to it. And the biggest reason behind this is the poultry itself. There are many poultry associations across the country. Everyone tries to convey their views to the government. But the surprising thing is that in the case of poultry, everyone’s figures are different. And due to this, the government gets confused as to what is the reality of this sector. This is what Bahadur Ali, MD of IB Group and President of All India Poultry Breeders Association, has to say.
The occasion was the Knowledge Day of Poultry Expo. Poultry Expo-2024 is being organized by Poultry India in Hyderabad. The expo will run from 27 to 29 November. Poultry scientists, doctors, experts, companies and farmers participate in Nolad Day. Poultry related issues like diseases of chickens, feed, production and how waste can be used to earn more profits.
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Maize import is not being heard
Speaking about why a platform is necessary for the poultry sector, Bahadur Ali gave the example that our sector has been struggling with the problem of maize for a long time. We are asking the government for permission to import maize. Each association has made its own demands from the government. But the sad thing is that till now the government has not taken any hearing on this. If there had been a poultry forum, perhaps we would have been able to present our views in a better way.
There are no rules and regulations for doing business
Pointing out a major shortcoming of the poultry sector, Bahadur Ali also said that today the highly commercialized sector has its own rules and regulations for doing business. But this is not the case with poultry. Everyone is selling his goods in the market as per his wish. There is no security for 10 crore people directly associated with poultry. Poultry also has no stake in CII. The rates of feed-chicks are continuously increasing, but nothing is being done. The government provides a lot of help to fisheries and dairy. It is not that the poultry sector does not do any work, it does but the government does not know about it. Because we are not able to give figures.
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Empower women by joining government schemes
On the occasion of Poultry Expo, Bahadur Ali said that today many other sectors are working to empower women by joining government schemes. The poultry sector has ample opportunities to do this. By joining Lakhpati Didi, we can get a poultry farm structure prepared for women. And after all this is done, we can promote poultry farming by giving one thousand chicks under integrated poultry farming. Central and state governments continuously run many such schemes.