UH launches marine animal farming to boost Hawaii’s aquaculture. (UH ने मनोआ में समुद्री कृषि को बढ़ावा देने के लिए पालन शुरू किया।)

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Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)

  1. तुआहाइन एक्वाकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन सेंटर (TAREC): यह नई सुविधा हवाई में जलीय कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई है, जिससे समुद्री जीवन की नस्लें और उनके पालन-पोषण में मदद मिलेगी। यह केंद्र हवाई के समुद्री किसानों के लिए शिक्षा और समस्या निवारण का मंच प्रदान करेगा।

  2. धारीदार मुलेट का संरक्षण: शोधकर्ता प्रोफेसर आंद्रे सील धारीदार मुलेट पर काम कर रहे हैं, ताकि उन्हें हवाई के मूल मछली तालाबों में जीवित रहने के लिए मदद दी जा सके। जलवायु परिवर्तन के कारण इन मछलियों को अस्तित्व का संकट सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी संरक्षण की आवश्यकता बढ़ गई है।

  3. जलीय कृषि का आर्थिक मूल्य: हवाई में जलीय कृषि का वर्तमान मूल्य लगभग 90 मिलियन डॉलर है, जो अगले 10 वर्षों में 600 मिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है। यह वृद्धि स्थानीय खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगी।

  4. प्रशिक्षण और अनुसंधान के अवसर: TAREC छात्रों को जलीय कृषि में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा, जिससे उनका कौशल बढ़ेगा और उद्योग में करियर के अवसरों को आकर्षित किया जा सकेगा।

  5. समुद्री जीवन की विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन: TAREC में समुद्री खीरे, तिलापिया, और अन्य प्रजातियों की खेती की जाएगी, जिससे उनके तनाव के प्रति प्रतिक्रिया और प्रजनन के सर्वोत्तम तरीकों की पहचान की जा सकेगी। यह शोध न केवल खाद्य उत्पादन में मदद करेगा बल्कि पर्यावरण सुधार और जलवायु परिवर्तन से निपटने में भी योगदान देगा।

Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)

Sure! Here are the main points from the text about the new Taahine Aquaculture Research and Education Center in Hawaii:

  1. Research Focus: The center will research how to enhance the resilience of marine species like sea cucumbers, mullet, and tilapia in traditional Hawaiian fishponds, which have deep roots in local culture.

  2. Facility Features: The facility spans 8,600 square feet and includes around 80 water tanks with a capacity ranging from 5 to 1,300 gallons. It utilizes a closed-loop, self-cleaning system that mixes saltwater and freshwater to cater to the specific needs of various species.

  3. Educational and Support Role: TAREC aims to provide a platform for education and research, as well as a space for local Hawaiian aqua-farmers to troubleshoot issues, ultimately promoting the development of the aquatic agriculture industry in Hawaii.

  4. Conservation of Native Species: Researchers are working specifically on ensuring that striped mullet can survive to adulthood in local fishponds, addressing challenges such as changing salinity due to climate change.

  5. Growth Potential: Hawaii’s aquatic agriculture industry, currently valued at about $90 million annually, has the potential to grow to $600 million over the next decade, emphasizing the need for improved regulations, infrastructure, and workforce training to support this growth.


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Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)

हवाई में जलीय कृषि का विकास: तुआहाइन एक्वाकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन सेंटर की भूमिका

हवाई में जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए, हाल ही में तुआहाइन एक्वाकल्चर रिसर्च एंड एजुकेशन सेंटर (TAREC) की स्थापना की गई है। यह केंद्र मूल हवाईयन मछली तालाबों में समुद्री जीवों के लचीलेपन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस सुविधा में समुद्री खीरे, मुलेट और तिलापिया जैसे प्रजातियों का पालन-पोषण किया जा रहा है, जिससे कृषि उत्पादन को सशक्त बनाया जा सके।

समुद्री जीवों की लचीलापन

केंद्र के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर आंद्रे सील की नेतृत्व में, इस परियोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि धारीदार मुलेट हवाई के पारंपरिक मछली तालाबों, जिन्हें लोको इया कहा जाता है, में वयस्कता तक जीवित रह सकें। बदलते जलवायु परिस्थितियों के कारण इन प्रजातियों को जीवित रहने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सील का कहना है कि मछली तालाबों में जलवायु संबंधित परिवर्तन जैसे लवणता में परिवर्तन को समझना आवश्यक है।

अनुसंधान सुविधाएँ

TAREC में 8,600 वर्ग फुट की जगह है, जिसमें 80 पानी के टैंक शामिल हैं। इन टैंकों में विभिन्न प्रकार के पानी का मिश्रण किया जा सकता है, जिससे शोधकर्ताओं को विभिन्न स्थितियों का अनुकरण करने का अवसर मिलता है। यह सुविधा हवाई के जलीय कृषि उद्योग के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद कर रही है, जो अब तक अपनी पूर्ण क्षमता तक नहीं पहुँच पाया है।

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सामुदायिक स्वावलंबन और संतुलित खाद्य उत्पादन

संस्थान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य हवाई के समुद्री किसानाओं को अपनी समस्याओं का समाधान खोजने में मदद करना है। डैरेन ओकिमोटो, जो यूएच सी ग्रांट के एसोसिएट डायरेक्टर हैं, कहते हैं कि हमें इन समुदायों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने और भोजन का उत्पादन करने में मदद करना आवश्यक है।

आधुनिक चुनौतियाँ और विकास की संभावनाएँ

हवाई में जलीय कृषि का मूल्य वर्तमान में लगभग 90 मिलियन डॉलर है, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह अगले 10 वर्षों में 600 मिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है। इस वृद्धि को हासिल करने के लिए, उद्योग के नेताओं का मानना है कि नियमों में सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास और स्थानीय कार्यबल को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

TAREC के माध्यम से हवाई में जलीय कृषि को समर्थित करने की योजना न केवल स्थानीय खाद्य उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि पर्यावरण के स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन शमन, और पारिस्थितिकी के सुधार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। समाधान के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जो जल्द ही स्थानीय समुदायों और कृषि उद्योग को सशक्त बनाएगी।


Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)

A new initiative at the University of Hawaii is researching how to enhance the resilience of marine organisms in traditional Hawaiian fishponds. The project includes various species such as sea cucumbers, mullet, and tilapia, and is based at the newly established Tua Hain Aquaculture Research and Education Center (TAREC) designed to support aquaculture in the state. This project seeks to revitalize a practice deeply rooted in Hawaiian culture while also providing a platform for education, research, and problem-solving for local aquaculturists.

One key focus of the research is on the striped mullet, an important species historically, which has faced challenges in survival due to climate change. Professor Andre Seale, who leads the TAREC initiative, aims to ensure that juvenile mullets can thrive in various local fishponds, known in Hawaiian as loko iʻa, by understanding the changing conditions of these ponds affected by salinity variations and other environmental factors. This facility encompasses approximately 8,600 square feet and is equipped with around 80 water tanks that facilitate controlled experimentation with both saltwater and freshwater.

The research conducted at TAREC is designed to replicate the diverse conditions found in local fishponds on a large scale, which will aid in identifying the best methods for rearing juvenile mullets to enhance their adaptability and survival rates. The hope is that stronger mullet populations will support traditional Hawaiian cultural practices associated with fish farming.

The cultivation methods being explored have seen a revival in the past decade. However, fishponds today differ significantly from their historical states, indicating a need for modern interventions. The University of Hawaii’s Sea Grant program is a critical supporter of the TAREC initiative, providing funding and research support aimed at increasing food self-sufficiency and bolstering local agricultural production.

In addition to focusing on mullet, the research also investigates the stress responses of other species like tilapia, jawfish, yellowtail, and sea cucumbers, with the goal of determining the best species for aquaculture. This research is likened to livestock breeding, where specific traits are maximized for benefits such as growth rate and resilience.

Currently valued at approximately $90 million annually, Hawaii’s aquaculture sector is projected to reach $600 million in a decade, with additional contributions from crops such as seaweed, which is already a top agricultural commodity in the state.

However, to realize this growth, industry leaders emphasize the need for improved regulations, infrastructure development, and workforce training to establish a robust local labor force. The ongoing discussions surrounding food sustainability and self-reliance highlight the broader implications of aquaculture for environmental restoration and climate change mitigation.

Moreover, the state’s agriculture department has recently released plans to further develop aquaculture in Hawaii, acknowledging past neglect of the industry. Although some legislative efforts have been made to support aquaculture, much work remains to be done.

Overall, TAREC embodies a forward-thinking approach to merging traditional practices with modern science to improve the resilience of marine species and enhance the sustainability of local aquaculture in Hawaii.



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