Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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काजू किसानों की मांग: उड्डनम क्षेत्र के काजू किसान राज्य सरकार से उनकी उपज खरीदने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि अधिकांश स्थानीय प्रसंस्करण इकाइयाँ विदेशों से कच्चे नट्स का आयात कर रही हैं।
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काजू प्रसंस्करण इकाइयाँ: उड्डनम क्षेत्र में लगभग 400 काजू प्रसंस्करण इकाइयाँ हैं, जो कच्चे काजू को दाल (टूटी हुई) के रूप में संसाधित करती हैं, लेकिन अधिकांश इकाइयाँ तंजानिया, आइवरी कोस्ट, घाना और नाइजीरिया से आयातित कच्चे काजू पर निर्भर हैं।
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स्थानीय कीमतों का गिरना: स्थानीय किसान अपने कच्चे काजू को दलालों को 80 किलोग्राम बैग के लिए केवल 12,000 रुपये की सस्ती कीमत पर बेच रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
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आयात पर प्रतिबंध की मांग: किसान केंद्र और राज्य सरकारों से अपील कर रहे हैं कि वे विदेशों से कच्चे काजू के आयात पर प्रतिबंध लगाएं, जिससे स्थानीय काजू की खेती को सुरक्षित किया जा सके।
- स्थानीय कृषि पर खतरा: कच्चे काजू के आयात की वृद्धि स्थानीय काजू किसानों के लिए एक गंभीर खतरा बन रही है, जिसके चलते वे अपनी उपज के लिए उचित मूल्य पाने में असमर्थ हैं।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the provided text about the cashew farmers in the Uddanam region of Sri Kakulam:
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Demand for Government Support: Cashew farmers in the Uddanam region of Sri Kakulam are requesting the state government to purchase their harvest directly, highlighting the need for support in the face of external competition.
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Import of Raw Cashews: A significant number of cashew processing units in the area, around 400, are importing raw cashews from countries like Tanzania, Ivory Coast, Ghana, and Nigeria instead of sourcing from local farmers.
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Low Selling Prices: Local farmers are forced to sell their raw cashews to brokers and middlemen at a low price of ₹12,000 for an 80-kilogram bag, which does not provide them with fair compensation for their produce.
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Call for Action Against Imports: Farmers are urging both the central and state governments to impose a ban on the import of raw cashews, arguing that it poses a threat to local cashew farming and livelihoods.
- Impact on Local Economy: The reliance on imported cashews impacts the local economy and the sustainability of cashew farming in the region, as local producers struggle to compete with the lower prices of imported nuts.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
श्रीकाकुलम: उड्डनम क्षेत्र के काजू किसानों की स्थिति
श्रीकाकुलम जिले के उड्डनम क्षेत्र में काजू किसानों का एक गंभीर मुद्दा सामने आया है। यहां के किसान राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि वे उनकी उपज का उचित मूल्य पर खरीद करें। वर्तमान में, इस क्षेत्र में लगभग 400 काजू प्रसंस्करण इकाइयाँ कार्यरत हैं, जो स्थानीय काजू की जगह विदेशों से आयातित कच्चे काजू का उपयोग कर रही हैं।
काजू प्रसंस्करण इकाइयां विशेष रूप से तंजानिया, आइवरी कोस्ट, घाना और नाइजीरिया जैसे देशों से कच्चे काजू का आयात कर रही हैं। इससे स्थानीय किसानों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वे अपने काजू को दलालों और बिचौलियों के माध्यम से बेचने को मजबूर हैं, और उन्हें 80 किलोग्राम बैग के लिए केवल 12,000 रुपये की कीमत मिल रही है, जो काफी कम है। इस स्थिति ने किसानों के सामने गंभीर आर्थिक चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
काजू किसानों का कहना है कि यदि उन्हें सीधे काजू प्रसंस्करण इकाइयों द्वारा उचित मूल्य पर उनकी उपज नहीं खरीदी जाती है, तो उनका अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। इसलिए, उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से यह आग्रह किया है कि विदेशों से कच्चे काजू के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाए, जिससे स्थानीय काजू की खेती को बढ़ावा मिल सके और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
ये काजू किसान अपनी आवाज उठाने के लिए संगठित हो गए हैं और अपनी मांगों को उचित ठहराने के लिए विभिन्न माध्यमों का सहारा ले रहे हैं। उनकी यह मांग इस बात का संकेत है कि स्थानीय कृषि अर्थव्यवस्था को संरक्षण की आवश्यकता है, ताकि किसान न केवल जीवित रह सकें बल्कि अपने उत्पादों का वास्तविक मूल्य भी प्राप्त कर सकें।
कुल मिलाकर, उड्डनम क्षेत्र के काजू किसानों की कड़ी मेहनत और संघर्ष को देखते हुए यह जरूरी है कि सरकारी संस्थाएँ इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके और काजू उत्पादन क्षेत्र को स्थायी रूप से विकसित किया जा सके।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
In the Udampalem region of Srikakulam district, cashew farmers are demanding that the state government purchase their produce due to the dominance of processed cashew units importing raw nuts from abroad. Approximately 400 cashew processing units operate in the Udampalem area, where raw nuts are typically processed into broken cashew pieces. However, the majority of these units are sourcing their raw cashews from foreign countries such as Tanzania, Ivory Coast, Ghana, and Nigeria.
As a result, local farmers are forced to sell their raw cashews to middlemen and brokers at a meager price of ₹12,000 for an 80 kg bag. The local cashew farmers are urging the owners of processing units to buy their produce directly and have also appealed to both the central and state governments to impose a ban on the import of raw cashews from abroad, which poses a significant threat to local cashew farming.
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