Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहां पर दिए गए पाठ के मुख्य बिंदु:
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गुणवत्तापूर्ण बीजों का महत्व: बिहार सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों के उत्पादन पर जोर दिया है। प्रमाणित बीजों के उपयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों की आय में वृद्धि होती है।
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बीज उत्पादन में लाभ: कृषि विभाग इस वर्ष राज्य में हाइब्रिड बीज उत्पादन की प्रक्रिया शुरू कर रहा है, जो किसानों को बेहतर मूल्य और स्थानीय जलवायु के अनुसार तैयार प्रमाणित गेहूं के बीज उपलब्ध कराने का काम करेगा।
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सरकार द्वारा खरीद सुनिश्चित: बिहार स्टेट सीड कॉर्पोरेशन 100 प्रतिशत प्रमाणित गेहूं के बीज खरीदने का आश्वासन दे रहा है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 25 से 30 प्रतिशत अधिक मूल्य पर बेचे जाएंगे। इसके साथ ही, मूल बीजों की 80 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।
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फ्री बेस सीड्स का वितरण: कुल 14,750 क्विंटल बीज किसानों को मुफ्त वितरण के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे 3.5 लाख क्विंटल बीज उत्पादन का लक्ष्य पूरा किया जाएगा और भविष्य में बिहार बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा।
- नियुक्त जिलों का चयन: 21 जिलों में से 15 जिलों में सामान्य किसानों और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के माध्यम से बीज उत्पादन का कार्य किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the provided text:
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Importance of Certified Seeds: The Bihar government is promoting the production of quality certified seeds, aiming to enhance crop yields and increase farmers’ income, with a target of producing 3.50 lakh quintals of certified wheat seeds for the Rabi season 2024-25.
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Economic Benefits for Farmers: Farmers will benefit from higher prices for certified seed production compared to growing grains and will have access to affordable, quality seeds suited to the local climate, helping to improve their financial stability.
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Government Support and Subsidies: The Bihar State Seed Corporation is providing base seeds to farmers at an 80% subsidy and will buy all produce of certified wheat seeds from farmers at 25-30% above the Minimum Support Price (MSP), promoting the cultivation of certified seeds.
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Free Distribution of Base Seeds: A total of 14,750 quintals of base seeds will be distributed for free among farmers, targeting self-sufficiency in wheat seed production in Bihar, aiming to fulfill the current demand of 12 lakh quintals and eventually supply other states.
- Production Across Selected Districts: The production of certified wheat seeds will take place in 21 selected districts, with ordinary farmers involved in 15 districts and Farmer Producer Organizations (FPOs) working in 6 districts to enhance production efforts.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
कृषि में बेहतर गुणवत्ता और प्रमाणित बीजों का बहुत महत्व होता है। अच्छे बीज उत्पादन को बढ़ाते हैं, जिससे किसानों की आय भी अधिक होती है। इस संदर्भ में, बिहार सरकार राज्य में गुणवत्ता वाले प्रमाणित बीजों के उत्पादन पर जोर दे रही है। 21 जिलों को 2024-25 की रबी सीजन के लिए 3.50 लाख क्विंटल गेहूं के प्रमाणित बीज उत्पादन के लिए चुना गया है। इस पहल के तहत, अच्छे गुणवत्ता के बीजों का उपयोग करके फसलों की उपज में 20 प्रतिशत अधिक वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।
बीज उत्पादन पर मिलेगा अधिक मूल्य
इस वर्ष कृषि विभाग द्वारा राज्य में हाइब्रिड बीज उत्पादन का कार्य शुरू किया जा रहा है। इससे यहाँ उत्पादित गुणवत्ता वाले बीज बिहार के किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। बीज उत्पादन बढ़ाने के दो फायदे होंगे। पहला, किसानों को बीज उगाने पर अनाज उगाने की तुलना में अधिक मूल्य मिलेगा। दूसरा, किसानों को राज्य के जलवायु में उगाए गए प्रमाणित गेहूं के बीज कम कीमत पर मिलेंगे। इससे किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
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सरकार पूरे गेहूं के उत्पादन को खरीदेगी
राज्य में प्रमाणित गेहूं के बीजों को बढ़ावा देने के लिए, किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी पर बेस बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। बिहार राज्य बीज निगम प्रमाणित गेहूं के बीज उगाने वाले किसानों से 25 से 30 प्रतिशत अधिक मूल्य पर 100 प्रतिशत बीज खरीद करेगा। साथ ही, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राज्य की कृषि विश्वविद्यालयों से 8,750 क्विंटल गेहूं के बेस बीज की खरीद हो रही है और 6000 क्विंटल बीज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत भी खरीदे जा रहे हैं।
किसानों को मुफ्त बेस बीज मिलेगा
इस तरह से 14,750 क्विंटल बेस बीज किसानों के बीच मुफ्त वितरण के लिए उपलब्ध होगा। इस प्रकार 3.5 लाख क्विंटल बीज का उत्पादन होगा। वर्तमान में राज्य में 12 लाख क्विंटल गेहूं के बीजों की आवश्यकता है, लेकिन अगले कुछ वर्षों में बिहार बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जाएगा और अन्य राज्यों को भी बीज उपलब्ध कराएगा।
गेहूं के बीजों के लिए 15 जिले चयनित
प्रमाणित गेहूं के बीजों के लिए चुने गए 21 जिलों में से 15 जिलों में गेहूं के बीज का उत्पादन साधारण किसानों द्वारा किया जाएगा। ये जिले हैं- मधुबनी, सारण, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान, शेखपुरा, भोजपुर, अरवल, जमुई, बांका और मुंगेर। वहीं, 6 जिलों – दरभंगा, बक्सर, नवादा, जहानाबाद, पटना और लखीसराय में यह कार्य किसान उत्पादक संगठन (FPO) के माध्यम से किया जाएगा।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Better quality and certified seeds have great importance in farming. While good seeds increase the production of crops, the income of farmers also increases due to higher yield. In this context, Bihar government is emphasizing on the production of quality certified seeds in the state. 21 districts have been selected to produce 3.50 lakh quintals of wheat certified seeds in Bihar for Rabi season 2024-25. Under this initiative, a target has been set to achieve 20 percent higher yield of crops by using good quality seeds.
Higher price will be available on seed production
The work of hybrid seed production in the state is being started by the Agriculture Department this year. With this, quality seeds produced here will be made available to the farmers of Bihar. At the same time, farmers will benefit in two ways by increasing seed production in the state. The first is that farmers will get higher prices for growing seeds than for growing grains. The second benefit is that farmers will get certified wheat seeds grown in the climatic environment of the state at a lower price. If this happens, farmers will become financially strong.
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Government will buy the entire wheat produce
To promote certified wheat seeds in the state, base seeds have been made available to farmers at 80 percent subsidy through Bihar State Seed Corporation. Bihar State Seed Corporation will purchase 100 percent seeds from farmers growing certified wheat seeds at a price 25 to 30 percent more than the Minimum Support Price (MSP). At the same time, 8,750 quintals of wheat base seed is being procured from the Indian Council of Agricultural Research and agricultural universities in the state and 6000 quintals of wheat base seed is already being procured under different schemes.
Farmers will get free base seeds
In this way, 14750 quintals of base seed will be available for free distribution among the farmers. In this way 3.5 lakh quintals of seeds will be produced. Currently, 12 lakh quintals of wheat seeds are required in the state, but in the next few years Bihar will become self-sufficient in seed production and seeds will be made available to other states also.
15 districts selected for wheat seeds
In 15 out of 21 districts selected for certified wheat seeds, wheat seed production work in Madhubani, Saran Sitamarhi, East Champaran, Muzaffarpur, Samastipur, Vaishali, Gopalganj, Siwan, Sheikhpura, Bhojpur, Arwal, Jamui, Banka and Munger is being done by ordinary farmers. Will be done through. At the same time, this will be done through Farmer Producer Organization (FPO) of 6 districts – Darbhanga, Buxar, Nawada, Jehanabad, Patna and Lakhisarai.