Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
Here are the main points of the provided text in Hindi:
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किसान ID कार्ड की स्थापना: कृषि मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे किसान ID कार्ड बनाने के लिए शिविर स्थापित करें। यह "किसान पहचान पत्र" या Kisan ID, आधार से जुड़े अद्वितीय डिजिटल पहचान पत्र हैं, जो राज्य के भूमि रिकॉर्ड से जुड़े हैं।
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किसान रजिस्ट्ररी का निर्माण: सरकार का लक्ष्य 11 करोड़ किसानों की डिजिटल पहचान बनाना है, जिसमें 2024-25 में 6 करोड़, 2025-26 में 3 करोड़ और 2026-27 में 2 करोड़ किसान शामिल होंगे।
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केंद्र सरकार का वित्तीय सहयोग: केंद्र सरकार राज्यों को शिविर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन देगी, जिसमें प्रति शिविर 15,000 रुपये और हर बनाए गए ID के लिए 10 रुपये दिए जाएंगे। यह खर्च प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट से होगा।
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किसान ID बनाने की प्रक्रिया: किसानों को पंजीकरण के लिए अपने गांव के VCE से संपर्क करना होगा। यह प्रक्रिया मोबाइल और कंप्यूटर दोनों पर की जा सकती है।
- आवश्यक दस्तावेज़: किसान ID के लिए आधार की प्रतिलिपि, भूमि जानकारी, बैंकों के पासबुक का विवरण जैसी जानकारियाँ आवश्यक हैं। किसान को Aadhaar और मोबाइल नंबर सही तरीके से भरने का ध्यान रखना होगा।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points regarding the initiative by the Ministry of Agriculture and Farmers Welfare (MoA&FW) for the establishment of farmer ID cards:
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Creation of Kisan ID: The MoA&FW has urged state governments to expedite the establishment of Kisan Pehchan Patra (Kisan ID), which serves as a unique digital identity for farmers, linked to their Aadhaar and land records. This ID will also encompass demographic information, crops cultivated, and land ownership details.
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Farmer Registry Goals: The government aims to digitize the identities of 11 crore farmers, planning to register 6 crore farmers by 2024-25, 3 crore by 2025-26, and 2 crore by 2026-27, by setting up camps across states for this purpose.
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Central Government Support: To facilitate this initiative, the central government will subsidize the costs by providing states with up to Rs 15,000 per camp and Rs 10 for each ID created. The funding will be sourced from the Prime Minister Kisan Samman Nidhi Scheme budget.
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Progress in Various States: Some states, including Gujarat, Madhya Pradesh, Maharashtra, and Uttar Pradesh, have made significant progress in issuing farmer IDs, while states like Assam, Chhattisgarh, and Odisha are in the testing phase.
- Registration Process: Farmers can register for their Kisan ID by approaching their village VCE (Village Commerce Executive) or by using online platforms. Required documents include Aadhaar, land information, crop specifics, and bank details. Proper verification of Aadhaar and mobile numbers is essential during registration.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय (MoA&FW) ने राज्यों से कहा है कि वे किसानों की आईडी कार्ड बनाने के लिए कैंप लगाएं ताकि यह प्रक्रिया तेजी से हो सके। किसान पहचान पत्र या किसान आईडी एक आधार से जुड़ी अनूठी डिजिटल पहचान है, जिसे राज्य के भूमि रिकार्ड से जोड़ा गया है। इसके अलावा, इसमें जनसंख्या, उगाई गई फसलें और भूमि स्वामित्व की जानकारी भी होती है।
किसान आईडी के जरिए बनाई गई डेटाबेस को “किसान रजिस्ट्र्री” कहा जाएगा। सरकार का लक्ष्य 11 करोड़ किसानों की डिजिटल पहचान बनाना है, जिसमें से 6 करोड़ किसानों को 2024-25 में, 3 करोड़ किसानों को 2025-26 में, और 2 करोड़ किसानों को 2026-27 में कवर किया जाएगा। इसी कारण केंद्र ने राज्यों को किसान आईडी प्रदान करने के लिए कैंप-मोड अपनाने को कहा है। इस संबंध में कृषि मंत्रालय ने 28 नवंबर को राज्यों को एक पत्र भेजा।
केंद्र सरकार खर्चा उठाएगी
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार राज्यों को किसान आईडी बनाने के लिए कैंप लगाने पर प्रोत्साहन देगी। प्रत्येक कैंप के लिए 15,000 रुपये और हर बनाए गए आईडी पर 10 रुपये राज्य सरकार को दिए जाएंगे। इस खर्च को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बजट से पूरा किया जाएगा।
सूत्रों ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि कई राज्यों जैसे गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में किसान पहचान पत्र बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है, जबकि असम, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में यह फील्ड टेस्टिंग चरण में है। अन्य राज्यों में यह काम विभिन्न चरणों में चल रहा है।
किसान आईडी बनाने की प्रक्रिया
किसान आईडी बनाने के लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए आप गांव के VCE से संपर्क कर सकते हैं। VCE आपको किसान पहचान पत्र के लिए रजिस्टर करेगा। अगर चाहें, तो आप खुद भी यह कार्य कर सकते हैं, जो मोबाइल से लेकर कंप्यूटर पर किया जा सकता है।
- यदि आप मध्य प्रदेश के किसान हैं, तो आपको इस लिंक पर जाना होगा ।
- लिंक खोलने के बाद ‘किसान’ टैब पर क्लिक करें।
- कॉलम में मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा।
- OTP दर्ज करें और कैप्चा कोड भरें।
- इसके बाद आपको एक नया यूजर अकाउंट बनाना होगा।
- अकाउंट बनाने के बाद, आप किसान आईडी के लिए रजिस्टर हो जाएंगे।
आपको ये दस्तावेज़ चाहिए
इसके लिए आपको आधार की कॉपी, भूमि की जानकारी या फर्द की कॉपी, फसल का नाम, किस्में, बोने का समय, और बैंक पासबुक के विवरण प्रदान करने होंगे। हमेशा ध्यान रखें कि आधार नंबर और मोबाइल नंबर देते समय जाँच करें। आधार नंबर 12 अंकों का और मोबाइल नंबर 10 अंकों का होना चाहिए।
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Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
The Ministry of Agriculture and Farmers Welfare (MoA&FW) has asked the states to set up camps to make farmer ID cards faster. Kisan Pehchan Patra or Kisan ID is an Aadhaar linked unique digital identity which is linked to the land records of the state. Apart from this, it also contains information like demography, crops sown and land ownership.
The database created through Farmer ID will be known as Farmer Registry. The government aims to create digital identity of 11 crore farmers, out of which 6 crore farmers will be covered in the year 2024-25, 3 crore farmers in the year 2025-26 and 2 crore farmers in 2026-27. This is the reason why the Center has now asked the states to adopt camp-mode for providing farmer ID. On November 28, the Agriculture Ministry sent a letter to the states in this regard.
Central government will bear the expenses
According to sources, the central government will give incentives to the states for making farmer ID by setting up camps in the states. In this, up to Rs 15,000 will be given per camp. Apart from this, for every ID made, Rs 10 will be given to the state government by the Centre. According to sources, its entire expenditure will be spent from the budget of the Prime Minister Kisan Samman Nidhi Scheme.
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Sources told ‘The Indian Express’ that the work of making farmer identity cards has already been expedited in many states like Gujarat, Madhya Pradesh, Maharashtra and Uttar Pradesh, while in Assam, Chhattisgarh and Odisha it is in the field testing stage. Sources said that this work is in different stages in other states.
How to make farmer ID
For this you will have to register yourself. For registration you can contact the village VCE. VCI will register you for your farmer identity card. If you want, you can also do this work yourself. This work can be done from mobile to computer.
- If you are a farmer of Madhya Pradesh then you can follow this link Have to open.
- Open the link and click on the Farmer tab.
- Enter mobile number in the column.
- An OTP will come on your mobile number.
- Enter OTP and fill the captcha code.
- After this you will have to create a new user account.
- After creating the account, you will be registered for Kisan ID.
These papers will be needed
For this, you will have to provide copy of Aadhaar, copy of land information or copy of Fard, crop name, varieties, sowing time, details of bank passbook. Always keep in mind that while giving Aadhaar number and mobile number, check it. Aadhaar number should be 12 digits and mobile number should be 10 digits.
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