Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
Here are the main points of the provided text in Hindi:
-
योजना का उद्देश्य: उत्तर प्रदेश सरकार ने गौ पालकों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य से ‘मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना’ की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत किसानों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
-
आवेदन प्रक्रिया: आवेदन आमंत्रित करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2024 थी, और 10 दिसंबर 2024 तक आवेदनों की जांच की जाएगी। लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
-
उच्च गुणवत्ता वाली गायों का चयन: उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए, योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी नस्लों की गायों का चयन किया जाएगा, जैसे कि गिर, थारपारकर और साहिवाल।
-
हाई-टेक डेयरी यूनिट्स का निर्माण: मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 10 गायों की क्षमता वाली हाई-टेक डेयरी यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जिसमें सरकारी और लाभार्थी का योगदान होगा।
- छोटे किसानों को लाभ: योजना का मुख्य ध्यान छोटे और सीमांत किसानों को सीधा लाभ पहुंचाना है, जिससे वे वैज्ञानिक पद्धतियों से दूध उत्पादन बढ़ा सकें और ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points regarding the "Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana" launched by the Uttar Pradesh government:
-
Objective of the Scheme: The scheme aims to double the income of cattle herders by increasing milk production and empowering cow herders through targeted support and resources.
-
Application Process: Applications were accepted from farmers until November 30, 2024, with a verification process scheduled by December 10, 2024. Beneficiaries will be selected through an e-lottery system, with final selections expected to be completed by the end of December.
-
Focus on High-Quality Breeds: The initiative emphasizes establishing hi-tech dairy units that will utilize high-quality indigenous cow breeds, such as Gir, Tharparkar, and Sahiwal, which are known for their higher milk production capacity.
-
Investment in Dairy Units: Each hi-tech dairy unit, capable of housing ten cows, will cost around Rs 23.60 lakh, with funding shared between the government and the beneficiaries. The selection of cows will be based on their production capacity and quality.
- Benefits for Small Farmers: The scheme primarily targets small and marginal farmers with at least three years of cow-rearing experience, ensuring that the most vulnerable segments of rural society receive support and are introduced to scientific farming methods that can enhance productivity and reduce costs.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
उत्तर प्रदेश सरकार ने पशुपालकों की आय को दोगुना करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। दूध उत्पादन बढ़ाने और गाय पालकों को सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार ने 25 अक्टूबर 2024 को ‘मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना’ का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत किसानों से 30 नवंबर 2024 तक आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिसमें कई किसानों और पशुपालकों ने भाग लिया है।
इस बीच, उत्तर प्रदेश पशु पालन विभाग के निदेशक डॉ. पीएन सिंह ने ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए कहा कि 30 नवंबर आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि थी। आवेदन की सत्यापन प्रक्रिया 10 दिसंबर 2024 तक की जाएगी। इसके बाद लाभार्थियों का चयन ई-लॉटरी प्रणाली के तहत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी CDO और CVO चयन प्रक्रिया के तहत आगे की कार्रवाई करेंगे। डॉ. पीएन सिंह ने कहा कि चयन प्रक्रिया दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक पूरी हो जाएगी।
उच्च गुणवत्ता वाली देशी नस्ल की गायों का चयन
उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख दूध उत्पादक राज्यों में से एक है, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन के मामले में यह राष्ट्रीय औसत से पीछे है। वर्तमान में, राज्य हर गाय से औसतन 3.78 लीटर दूध उत्पादन करता है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। इसी के साथ, योजना के तहत, योगी सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाली देशी नस्ल की गायों का चयन कर हाई-टेक डेयरी इकाइयां स्थापित करने का निर्णय लिया है।
10 गायों के लिए हाई-टेक डेयरी को अनुदान
मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत 10 गायों की क्षमता वाली हाई-टेक डेयरी इकाइयां स्थापित की जाएंगी। प्रत्येक इकाई का लागत लगभग 23.60 लाख रुपये है, जिसमें सरकार और लाभार्थी दोनों का योगदान होगा। इन इकाइयों में केवल उच्च गुणवत्ता की देशी नस्ल की गायें जैसे कि गिर, थारपारकर और साहीवाल खरीदी जाएंगी, जो उच्च दूध उत्पादन क्षमता रखती हैं। योजना के तहत चयनित गायों की नस्ल का मूल्यांकन उनके उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा, ताकि अधिक दूध उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
छोटे किसानों को बड़े लाभ
योग्यता प्राप्त किसानों को गाय पालन में तीन साल का अनुभव रखने पर चयनित किया जाएगा, ताकि योजना का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंच सके। छोटे और सीमांत किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से भी अवगत कराया जाएगा। इससे कम लागत में अधिक उत्पादन की संभावना बढ़ेगी। यह योजना सिर्फ दूध उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।
यह भी पढ़ें-
किसानों की आय बढ़ाने के लिए यूपी में दूध सहकारिता की जिम्मेदारी तय की जाएगी, लक्ष्य तय किए जाएंगे – सीएम योगी
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
The Uttar Pradesh government has started several schemes with the aim of doubling the income of cattle herders. To increase milk production and empower cow herders, the Yogi government had launched ‘Mini Nandini Krishak Samridhi Yojana’ on 25 October 2024. Under this scheme, applications were invited from farmers till 30 November 2024. Where a large number of applications have been received from farmers and cattle herders.
Meanwhile, Dr. PN Singh, Director of Uttar Pradesh Animal Husbandry Department, Till the farmers of India Today While talking to said that November 30 was the last date for form submission. Verification of applications will be done by 10 December 2024. After that the beneficiaries will be selected under the e-lottery system. He said that all the CDOs and CVOs of the state will take further action under the selection process. Dr. PN Singh says that the selection process will be completed by the last week of December.
Selection of high quality indigenous breed cows
Uttar Pradesh is one of the major milk producing states in the country, but in terms of milk production per animal, the state lags behind the national average. The state currently produces an average of 3.78 liters of milk per cow, which is less than the national average. At the same time, under the scheme, the Yogi government has decided to establish hi-tech dairy units by selecting cows of high quality indigenous breeds.
Hi-tech dairy for 10 cows will get grant
Hi-tech dairy units with a capacity of 10 cows will be established through Mini Nandini Krishak Samriddhi Yojana. Each unit will cost approximately Rs 23.60 lakh, in which both the government and the beneficiary will contribute. In these units, only cows of high quality indigenous breeds like Gir, Tharparkar and Sahiwal will be purchased, which have high milk production capacity. The breed of cows selected under the scheme will be evaluated on the basis of their production capacity and quality, so that more milk production can be ensured.
Small farmers will get big benefits
Qualified farmers having three years of experience in cow rearing will be selected so that the benefits of the scheme can reach the real needy. Small and marginal farmers will directly benefit from the scheme. Besides, farmers will be introduced to scientific methods. This will increase the possibility of more production at lower cost. This scheme is not limited to just increasing milk production, but its objective is also to bring positive changes in the rural society.
Read this also-
To increase the income of farmers in UP, accountability of milk unions will be fixed, targets will be given – CM Yogi