A hat made of banana fiber reached London, this scheme changed the life of Burhanpur’s Lakhpati Didi | (“बनाना फाइबर से बना टोपी लंदन पहुंचा, बदल दी लाखपति दीदी की किस्मत!”)

Latest Agri
10 Min Read


Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)

यहाँ पर दिए गए लेख के मुख्य बिंदुओं का हिंदी में सारांश प्रस्तुत किया जा रहा है:

  1. बुहरानपुर जिले में ODOP कार्यक्रम: बुहरानपुर जिले में केला को ‘एक जिला-एक उत्पाद’ (ODOP) कार्यक्रम के तहत उत्पाद घोषित किया गया है, जिससे यहाँ ना केवल केले की बिक्री होती है, बल्कि केले के तने से बने उत्पाद भी विदेशों में बेचे जा रहे हैं।

  2. महिलाओं के लिए अवसर: इस पहल ने स्थानीय महिलाओं को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और अपने जीवन की स्थिति सुधारने का एक अवसर प्रदान किया है। उदाहरण के लिए, अनसूइया चौहान, जो कि केले के ताने से वस्त्र बनाती हैं, उनके उत्पाद अब लंदन पहुँच चुके हैं।

  3. आजीविका मिशन का योगदान: अनसूइया चौहान ने आजीविका मिशन में शामिल होकर केले के तने का उपयोग शुरू किया। उन्होंने एक मशीन खरीदकर केले के तने से फाइबर निकालना सीखा और इससे टोपी बनाना शुरू किया, जो 1100 से 1200 रुपये में बिकती हैं।

  4. स्थानीय उत्पादों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन: अनसूइया की बनाई टोपी अब लंदन में भी खरीदी जा चुकी हैं, जिससे साबित होता है कि सही दिशा और प्रोत्साहन मिलने पर स्थानीय उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं।

  5. महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाना: बुहरानपुर जिले में आत्म-निर्भरता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं ताकि महिलाएँ ‘लखपति दीदी’ बन सकें। अनसूइया का उदाहरण दिखाता है कि जब प्रतिभा को सही मंच मिलता है, तो सपने भी सच हो सकते हैं।

Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)

Here are the main points from the text:

- Advertisement -
Ad imageAd image
  1. One District-One Product (ODOP) Program: The banana has been designated as an ODOP product in Burhanpur district, Madhya Pradesh, which promotes local banana cultivation and the production of banana fiber products for international markets.

  2. Empowerment through Livelihood Mission: Anusuiya Chauhan, a local woman, has benefitted from the Livelihood Mission and a self-help group, enabling her to create products from banana stem fiber, significantly improving her family’s financial situation.

  3. Economic Success and Recognition: Anusuiya’s caps made from banana fiber, which sell for Rs 1100 to 1200, have gained recognition, reaching international markets as far as London, showcasing local craftsmanship on a global stage.

  4. Inspiration for Local Women: Anusuiya’s success story serves as motivation for other women in the area, demonstrating that with support and the right resources, they can achieve financial independence and success.

  5. Government Initiatives for Women’s Empowerment: The government is actively working to empower women like Anusuiya through initiatives aimed at making them financially successful under self-help groups, with the vision of transforming them into ‘Lakhpati Didis’ (millionaire women).


Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में केला एक ODOP उत्पाद के रूप में घोषित किया गया है। यह जिला केले की खेती के लिए प्रसिद्ध है। अब यहां सिर्फ केले नहीं बिकते, बल्कि केले की फाइबर से बने उत्पाद भी बनाए जाते हैं और विदेशों में बेचे जाते हैं। इससे यहां की महिलाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने और जीवन में सुधार लाने का मौका मिला है। इससे इस जिले का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मशहूर हो रहा है। आज हम आपको “लखपति दीदी” की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने केले के तने से प्राप्त फाइबर से उत्पाद बनाए हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है और उनके बनाए उत्पाद लंदन तक पहुंच गए हैं।

आजीविका मिशन से बदल गईं ज़िंदगी

यह कहानी अनसूइया चौहान की है, जो जिले के एकझिरा गांव की निवासी हैं। अनसूइया द्वारा बनाए गए केले के तने की फाइबर से बने टोपी ने लंदन में भी पहचान बनाई है। “केला महोत्सव” से अनसूइया को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिली। अब वह और उनका परिवार केले की फाइबर से उत्पाद तैयार करते हैं। अनसूइया की ज़िंदगी में नया मोड़ आजीविका मिशन के कारण आया। लव-कुश स्वयं सहायता समूह में शामिल होने के बाद, उन्होंने केला उगाने के साथ-साथ केले के तने का उपयोग करना शुरू किया।

यह भी पढ़ें – करोड़ों में खेलना चाहते हैं? तो जानिए मेरठ की इस महिला किसान की कहानी! पीएम मोदी ने भी हिम्मत की तारीफ की

एक टोपी बिकती है ₹1100-1200 में

आजीविका मिशन की मदद से अनसूइया ने केले के तने से फाइबर निकालने के लिए एक मशीन खरीदी और फाइबर से टोपी बनाना शुरू किया। उनका परिवार भी इसमें मदद करता है। अनसूइया तने से फाइबर निकालने के बाद उसे सुखाती हैं और फिर बुनाई करके विभिन्न आकार और डिज़ाइन की टोपी बनाती हैं। ये टोपी बाजार में ₹1100 से ₹1200 में बिकती हैं। इस काम ने न केवल उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की है, बल्कि क्षेत्र की कई महिलाओं को भी प्रेरित किया है।

जिले में लखपति दीदी बनाने का मिशन जारी है

अनसूइया चौहान द्वारा बनाई गई टोपी अब लंदन पहुंच गई है। लालबाग क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार ने ये टोपी खरीदी और विदेश भेजी। अनसूइया की कहानी इस बात का सबूत है कि यदि सही दिशा और प्रोत्साहन मिले तो स्थानीय उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकते हैं।

सरकार की पहलों और इरादों के तहत, बुरहानपुर जिले में स्वयं सहायता समूहों और आजीविका मिशनों के तहत महिलाओं को “लखपति दीदी” बनाने की कोशिश की जा रही है। लखपति दीदी अनसूइया इस सपने को हकीकत बना रही हैं। अनसूइया कहती हैं, “जब प्रतिभा को सही मंच मिलता है, तो सपने भी सच होते हैं।”


Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)

Banana has been declared as ODOP product under the One District-One Product (ODOP) program in Burhanpur district of Madhya Pradesh, famous for banana cultivation. Now not only bananas are sold from here, but products made from banana fiber are also being made and sold abroad. This has given the women here an opportunity to showcase their skills and improve their lives. With this, the name of the district is becoming famous on the international stage. Today we are going to tell you the story of Lakhpati Didi, who made products from the fibers obtained from banana stem, whose financial condition has improved and the products made by her have reached London.

Lives changed by joining Livelihood Mission

This story is of Anusuiya Chauhan, a resident of Ekjhira village of the district. The cap made by him from banana stem fiber has made its mark even in London. Anusuiya Chauhan got new energy and inspiration from the ‘Banana Festival’ organized in Burhanpur. Now he and his family prepare products from banana fiber. The new turn in Anusuiya Chauhan’s life came because of the Livelihood Mission. After joining Luv-Kush self-help group, he started using banana stem along with banana cultivation.

Read this also – Want to play in crores? So know the story of this woman farmer from Meerut! PM Modi also praised the courage

A cap is sold for Rs 1100-1200

With the help of Livelihood Mission, Anusuiya bought a machine to extract fiber from banana stem and started making caps from the fiber. His family also helps him in this work. After extracting the fiber from the banana stem, Anusuiya dries it and then after weaving, makes hats of different shapes, sizes and designs. These caps are sold in the market for Rs 1100 to 1200. This work has not only provided her financial support, but has also inspired many women of the area.

Mission to make Lakhpati Didi continues in the district

The caps made by Anusuiya Chauhan have now reached London. A family living in Lalbagh area has purchased these caps and sent them abroad. Anusuiya’s story is proof that if given the right direction and encouragement, local products can leave their mark at the international level.

As per the initiatives and intentions of the government, efforts are being made to make women “Lakhpati Didi” under self-help groups and livelihood missions in Burhanpur district. Millionaire Didi Anusuiya is making this dream come true. Anusuiya says, “When talent gets the right platform, dreams also come true.”



Source link

- Advertisement -
Ad imageAd image
Share This Article
Leave a review

Leave a review

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version