Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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साहस और दृढ़ता: सुषिला देवी वर्मा ने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए साहस और मेहनत के साथ सफलता प्राप्त की, जिससे उन्होंने खुद को और अपने परिवार को मजबूत बनाया।
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महिला स्व सहायता समूह की भूमिका: 2022 में "सुहानी स्व सहायता समूह" से जुड़ने के बाद, सुषिला ने वित्तीय सहायता प्राप्त की और अपने छोटे व्यवसाय को विस्तार दिया, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई।
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कृषि और सब्जियों का व्यापार: सुषिला ने कृषि और सब्जियों की बिक्री में ध्यान केंद्रित करते हुए एक ‘छोटे हाथी’ सामान परिवहन वाहन खरीदा, जिससे उन्होंने गांव-गांव सब्जियां बेची और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ।
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आर्थिक स्थिति में सुधार: पहले कमाई की कमी का सामना कर रही सुषिला अब हर महीने लगभग 10,000 रुपये कमा रही हैं और अपने बच्चों की शिक्षा के लिए भी बचत करने लगी हैं।
- समाजिक पहचान और नेतृत्व: सुषिला अब "जयकरण ग्राम संगठन" की सचिव हैं और ‘समता साथी’ के रूप में काम कर रही हैं, जिससे उन्होंने न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार किया बल्कि समाज में भी एक मजबूत पहचान बनाई है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
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Courage and Transformation: The story emphasizes the transformative power of courage, showcasing how Sushila Devi Verma, despite her ordinary background, overcame difficult circumstances to become a source of inspiration for other women.
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Empowerment through Self-Help Groups: Sushila’s life took a significant turn when she joined the "Suhani Self-Help Group" under the Rural Livelihood Mission, which provided her with financial assistance and the knowledge necessary to improve her income-generating activities.
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Successful Ventures: With the help from the self-help group, Sushila expanded her small shop and ventured into farming and vegetable trading using a cargo vehicle, significantly increasing her income and transforming her financial situation.
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Improved Financial Stability: Sushila’s monthly income rose to approximately Rs 10,000, allowing her to save for her children’s education and eliminate previous financial shortages in her household.
- Community Leadership: Now serving as the secretary of "Jaikaran Gram Sangathan" and recognized as ‘Samta Sakhi’, Sushila not only improved her family’s financial status but also established a strong identity and leadership role within her community.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
कहा जाता है कि अगर किसी इंसान में हिम्मत हो, तो वह बहुत कुछ कर सकता है। फिर चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, वे भी उसके फेवर में बदलने लगते हैं। आज हम आपको एक ऐसी कहानी सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक महिला ने अपने हालातों के खिलाफ संघर्ष किया और जीत हासिल की। यह कहानी है सुषिला देवी वर्मा की, जो मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के चौराई ब्लॉक के मोहगांव खुर्द नामक छोटे से गांव की निवासी हैं। देखिए, सुषिला एक साधारण ग्रामीण महिला हैं, लेकिन उनकी हिम्मत और काम के प्रति समर्पण ने उन्हें एक असाधारण इंसान बना दिया है।
2022 में जिंदगी में नया मोड़
सुषिला देवी ने केवल 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की है, लेकिन अपने जीवन के संघर्षों से जीत हासिल कर वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। अब सुषिला को ‘समता साथी’ नाम से जाना जाता है।
कुछ साल पहले तक सुषिला घरेलू जिम्मेदारियों और आर्थिक परेशानियों से जूझ रही थीं, लेकिन फरवरी 2022 में उनके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया, जिससे सब कुछ बदल गया।
सेल्फ-हेल्प ग्रुप से जिंदगी बदली
गांव की महिलाओं ने उन्हें “सुहानी सेल्फ-हेल्प ग्रुप” के बारे में बताया, जिसे ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बनाया गया था। सबकुछ जानने के बाद, सुषिला ने इस ग्रुप में शामिल होने का निर्णय लिया और अन्य महिलाओं से मिलकर काम करने की समझ बढ़ाई। शुरू में इस ग्रुप से जुड़ने के बाद सुषिला को 12,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिली, जिससे उन्होंने अपने छोटे से दुकान को बढ़ाया और लाभ बढ़ाया। इससे उनकी हिम्मत भी बढ़ी।
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रोज़ सब्जियाँ और अनाज बेचने लगीं
कुछ समय बाद, सुषिला ने अपनी दुकान को बेहतर तरीके से चलाने के साथ-साथ खेती और सब्जियों के व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया। ग्रुप से और सहायता मिलने पर उन्होंने गांव-गांव सब्जियाँ बेचने के लिए ‘छोटा हाथी’ नाम का लोडिंग वाहन खरीदा और उनकी किस्मत बदल गई। अब सुषिला हर सुबह अपने वाहन में सब्जियाँ लादकर गाँव-गाँव जाती हैं और शाम को अनाज बाजार में बेचती हैं। इससे उनके मासिक आय में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है।
पैसों की कमी दूर हुई
पहले सुषिला के घर में पैसों की कमी थी, लेकिन अब उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए पैसे बचाना शुरू कर दिया है। अब उनकी मासिक आय लगभग 10,000 रुपये हो गई है, जो उनके लिए राहत की बात है। आज सुषिला “जैकरन ग्राम संगठन” की सचिव हैं और ‘समता साथी’ के रूप में भी काम करती हैं। अपने मेहनत के जरिए सुषिला ने न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि समाज में भी एक मजबूत पहचान बनाई है।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
It is said that if a person has courage, he can do a lot. Then no matter how difficult the circumstances are, they also start turning in favor. Today we are going to tell you one such story, where a woman fought and won against her circumstances and went from being weak to being strong. This is the story of Sushila Devi Verma, a resident of Mohgaon Khurd, a small village in Chaurai block of Chhindwara district of Madhya Pradesh. To say the least, Sushila is an ordinary rural woman, but her courage and dedication towards work have made her an extraordinary person.
New turn in life in 2022
Sushil Devi has studied only till 8th class, but due to the success she has achieved by fighting the struggles of her life, she has become a living example of inspiration for other women of the state. Sushila is now popular by the name of ‘Samta Sakhi’.
Sushil was struggling with domestic responsibilities and financial constraints till a few years ago, but in February 2022, a new turn came in her life, due to which everything changed.
Life changed through self-help group
The women of the village informed them about “Suhani Self-Help Group”, which was formed under the Rural Livelihood Mission to make women self-reliant. After knowing everything, Sushila joined this group and by meeting other women, their understanding of work for earning their income started increasing. Sushila, who was initially associated with the group, received financial assistance of Rs 12,000, with the help of which she expanded her small shop which was running with very low profits and increased the stock. This increased his courage.
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Sells vegetables and grains from loading vehicle
After some time, Sushila focused on farming and vegetable trade along with running the shop better and after getting more help from the group, bought a ‘Chhota-Elephant’ cargo vehicle to sell vegetables from village to village and her fortunes changed. Went. Now Sushila goes from village to village every morning loading vegetables on her loading vehicle and sells grains in the market in the evening. Along with this, their monthly income is gradually increasing.
shortage of money went away
Earlier, there was shortage of money in Sushila’s house, but now she has started saving money for her children’s education also. Now his monthly income has reached around Rs 10 thousand, which is a relief change for him. Today Sushila is the secretary of “Jaikaran Gram Sangathan” and also works as ‘Samta Sakhi’. Through her hard work, Sushila has not only improved the financial condition of her family but has also created a strong identity in the society.