Farmer Harish ji of Rajasthan earns lakhs of rupees by growing plants, adopted this special technique in farming. | (राजस्थान के किसान हरिश जी ने खेती में अपनाया अनोखा तरीका, कमा रहे लाखों!)

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Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)

यहाँ पर हरिश चंद्र कसानिया की सफलता के कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:

  1. नवाचार से सफलता: हरिश चंद्र ने पारंपरिक खेती को छोड़कर नर्सरी पौधों के व्यवसाय की शुरुआत की। उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें न केवल क्षेत्रीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाई।

  2. प्रशिक्षण का महत्व: राजस्थान राज्य औषधीय पौधों बोर्ड के प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने से उन्हें नई और लाभकारी तकनीकों की जानकारी मिली, जिसके आधार पर उन्होंने नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया।

  3. उन्नत तकनीक का उपयोग: उन्होंने इजराइल से एक अत्याधुनिक मशीन खरीदी, जो नर्सरी के पौधों के लिए पानी, खाद और पर्यावरण का स्वचालित प्रबंधन करती है। इस तकनीक से लागत में कमी और उत्पादन में बढ़ोतरी हुई।

  4. सरकारी योजनाओं का लाभ: हरिश जी का मानना है कि यदि किसान सरकारी योजनाओं का सही से उपयोग करें, तो वे अपनी आमदनी बढ़ाने में सक्षम हो सकते हैं।

  5. किसानों की प्रेरणा: उनके सफल अनुभव ने अन्य किसानों में नर्सरियों के प्रति रुचि बढ़ाई है और वे अब पारंपरिक तरीकों को बदलने के लिए तैयार हैं। हरिश जी का संदेश है कि किसान नई तकनीकों और प्रयोगों को अपनाएं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके।

Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)

Here are the main points from the text:

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  1. Innovative Farming and Recognition: Harish Chandra Kasaniya, a farmer from Ganganagar district, transitioned from traditional farming to establishing a successful nursery business, gaining recognition at regional, state, and national levels.

  2. Education and Techniques: Participation in a training camp by the Rajasthan State Medicinal Plant Board inspired Harish to start a nursery. He adopted modern agricultural practices, including medicinal and organic farming, significantly increasing his income to around Rs 5 lakh per month.

  3. High-Tech Nursery Solutions: Harish employs advanced technology, including an automated machine from Israel, which optimizes water, fertilizer, and environmental conditions for plants. This innovation enhances plant quality and increases fruit production while reducing overall resource costs.

  4. Cost Reduction and Government Support: The state-of-the-art machinery helps lower expenses and boost productivity. Harish encourages farmers to take advantage of government horticulture schemes to improve profitability and efficiency in their farming practices.

  5. Encouraging New Approaches: Harish aims to foster a culture of experimentation among farmers, promoting the adoption of innovative methods and highlighting the potential benefits of modern agricultural techniques, thereby inspiring others to follow his lead in transforming their agricultural operations.


Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)

खेती के क्षेत्र में सफलता के लिए मेहनत, नए प्रयोग और सही तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। कुछ प्रगतिशील किसान नए प्रयोगों के माध्यम से न केवल लाभ कमा रहे हैं, बल्कि बड़ी पहचान भी बना रहे हैं। ऐसा ही एक किसान है गंगानगर जिले, राजस्थान का हरीश चंद्र कसनिया, जिसने पारंपरिक खेती छोड़कर नर्सरी पौधे के व्यवसाय में नई दिशा दी। उनकी नर्सरी की सफलता ने उन्हें न केवल क्षेत्रीय स्तर पर, बल्कि राज्य और देश भर में पहचान दिलाई है।

हरीश जी के पास खेती के लिए काफी ज़मीन थी, लेकिन उन्हें खेती से वह आय नहीं मिल रही थी, जितनी वह चाहते थे। इस दौरान, उन्हें राजस्थान राज्य औषधीय पौधा बोर्ड के एक प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने का मौका मिला, जहां उन्होंने खेती के कुछ नए और लाभकारी तरीके सीखे। इस प्रशिक्षण ने उनके मन में नर्सरी व्यवसाय शुरू करने का विचार पैदा किया। फिर, उन्होंने केवल 2-3 साल में अपने खेतों की शक्ल बदल दी। अब वह औषधीय, जैविक खेती और बागवानी भी कर रहे हैं। आज उनकी मासिक आय लगभग 5 लाख रुपये है। उनकी सफलता ने अन्य किसानों में नर्सरी के प्रति नई जिज्ञासा पैदा की है। अब किसान और कृषि के छात्र हर साल उनकी फसल पर आकर उनके तकनीकों को सीखने और समझने आते हैं।

हाई-टेक नर्सरी में स्वचालित मशीन लगी है

हरीश जी हर साल लाखों सिट्रस पौधों की नर्सरी तैयार करते हैं। वह कहते हैं कि वह अपने बगानों में 4-5 साल की उम्र के पौधे ट्रांसप्लांट करते हैं, जिससे फल जल्दी आते हैं। इसके अलावा, उनकी नर्सरी में किनोव, खजूर, माल्टा, इज्जाफा, थाई एपल प्लम और अमरूद जैसे पौधे भी तैयार होते हैं, जो बाजार में बहुत लोकप्रिय हैं। नर्सरी को और बेहतर बनाने के लिए, हरीश जी ने इज़राइल से एक अत्याधुनिक मशीन खरीदी है, जो नर्सरी पौधों के लिए पानी, खाद और वातावरण का स्वचालित ढंग से ध्यान रखती है। इस तकनीक से पौधों की गुणवत्ता बनी रहती है और फल भी भरपूर आते हैं। यह मशीन पानी के pH और EC स्तर को नियंत्रित करती है, जिससे पानी और खाद की बचत होती है। इस मशीन में एक कंप्यूटर सिस्टम है, जो प्रत्येक पौधे की आवश्यकताओं के अनुसार संसाधनों का प्रबंधन करता है। यदि पॉलीहाउस में अधिक नमी होती है, तो फॉगर अपने आप बंद हो जाता है, और जब नमी की कमी होती है, तो फॉगर अपने आप चालू हो जाता है।

नई तकनीक से कम खर्च, अधिक लाभ

इज़राइल के इंजीनियरों के अनुसार, यह मशीन पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा संचालित है और पानी, खाद और अन्य संसाधनों की आपूर्ति को इस तरह से नियंत्रित करती है कि पानी, खाद और श्रम के खर्च में कमी आती है, और किसान की कुल आय भी बढ़ती है। हरीश जी का मानना है कि अगर किसान सरकारी योजनाओं का सही ढंग से लाभ उठाएँ, तो वे बागवानी और खेती से अच्छा लाभ कमा सकते हैं। बागवानी के लिए सरकार की कई योजनाएँ उपलब्ध हैं, जैसे कि बाड़ लगाना, ड्रिप इरिगेशन, पाइपलाइन डालना, खेतों के तालाब बनाना आदि। इन योजनाओं का सही तरीके से उपयोग करके किसान अपने व्यवसाय को लाभ में बदल सकते हैं।

किसान नए प्रयोग से लाखों कमाते हैं

हरीश जी कहते हैं कि किसानों के बीच खेती और बागवानी का बेहतर समझ बनाना आसान नहीं है। उनका मानना है कि बागवानी में शामिल किसानों को सबसे बड़ी समस्या नर्सरी तैयार करने में होती है। उन्होंने अपनी मेहनत और तकनीकी समझ से इस समस्या का समाधान किया है। उन्होंने अपनी नर्सरी की तकनीक इतनी अद्वितीय और प्रभावी बना दी है कि अब राज्य भर के किसान उनकी नर्सरी से पौधे खरीदने और तकनीकी विधियों को सीखने आते हैं। लेकिन जब वे इसके लाभ को समझ लेते हैं, तो वे इसे अपनाने लगते हैं।

उनकी सफलता ने किसानों में नर्सरी के प्रति रुचि बढ़ाई है, और अब उनकी नर्सरी में आने वाले किसान अपनी पारंपरिक विधियों को बदलने के लिए तैयार हैं। हरीश जी का संदेश है कि किसानों को अपनी खेती में प्रयोग करना चाहिए। यदि वे सही दिशा में काम करते हैं और सरकारी योजनाओं का सही लाभ उठाते हैं, तो वे न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि कृषि क्षेत्र में नए मानक भी स्थापित कर सकते हैं। यदि आप भी कृषि से संबंधित व्यवसायों में प्रवेश करना चाहते हैं, तो हरीश जी की तरह आप भी नए प्रयोगों के माध्यम से अपने भविष्य को सुधार सकते हैं। उनके अनुभव से प्रेरणा लेकर, आप अपनी खुद की नर्सरी स्थापित कर सकते हैं और कृषि व्यवसाय में नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं।


Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)

Success in the field of farming requires hard work, new experiments and correct technical knowledge. Some progressive farmers are not only earning profits through new experiments but are also making big name. One such farmer is Harish Chandra Kasaniya of Ganganagar district of Rajasthan, who left traditional farming and gave a new direction in the nursery plant business. The success of his nursery has given him recognition not only at the regional level but also in the state and across the country.

Harish ji had enough land for farming, but he did not get as much income from farming as he wanted. During this time, he got a chance to participate in a training camp of Rajasthan State Medicinal Plant Board, where he learned some new and beneficial methods of farming. This training created the idea of ​​starting a nursery business in his mind. And then what, he changed the face of his fields in just 2 to 3 years. Now they have also started doing medicinal, organic farming and gardening. Today his monthly income from this is around Rs 5 lakh. His success has created a new curiosity among the farmers towards nurseries. Now farmers and agricultural students come to his farm every year to learn and understand his techniques.

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Automatic machine installed in hi-tech nursery

Harish ji prepares a nursery of lakhs of citrus plants every year. He says that he transplants the plants of 4-5 years of age in his gardens, due to which fruits start coming early. Apart from this, nurseries also produce plants of Kinnow, Dates, Malta, Ijjafa, Thai Apple Plum and Guava, which are very popular in the market. To make the nursery even better, Harish ji has purchased a state-of-the-art machine from Israel, which automatically takes care of water, fertilizer and environment for the nursery plants. Through this technique, the quality of plants remains better and fruits are also produced in abundance. This machine controls the pH and EC level of water, thereby saving water and fertilizer. This machine has a computer system, which manages resources according to the needs of each plant. If there is excess moisture in the polyhouse, the fogger automatically switches off, and when there is lack of moisture, the fogger automatically switches on.

Lower cost, more benefits from new technology

According to the engineers from Israel, this machine is completely computer-guided and it controls the supply of water, fertilizer, and other resources in such a way that the costs of water, fertilizer, and labor are reduced, and the farmer’s total income. Cost also decreases. This technology not only reduces the cost of the farmer, but also increases the production. Harish ji believes that if farmers take advantage of government schemes properly, they can earn good profits from horticulture and farming. There are many schemes available for horticulture from the government, such as fencing, drip irrigation, laying of pipelines, construction of farm ponds, etc. By using these schemes properly, farmers can turn their business into profit.

Farmers earn lakhs from new experiment

Harish ji says that it is not easy to create better understanding of farming and horticulture among the farmers. Harish ji believes that the biggest problem faced by the farmers involved in horticulture is to prepare the nursery. He has solved this problem with his hard work and technical understanding. He made the technology of his nursery so advanced and effective that now farmers from all over the state come to buy plants from his nursery and learn his technical methods. But once they understand its benefits, they start adopting it.

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His success has increased the interest of farmers towards nurseries, and today farmers coming to his nurseries are ready to change their traditional methods. Harish ji’s message is that farmers need to experiment in their farming. If they work in the right direction and take advantage of government schemes, they can not only increase their income but can also set new standards in the agriculture sector. If you also want to enter agriculture related businesses, then like Harish ji, you too can improve your future through new experiments. By taking inspiration from their experience, you can establish your own nursery and reach new heights of success in agricultural business.



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