Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ पर राजेश रंजन महापात्र की कहानी के कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं जो वेणी मछलियों की खेती के बारे में बताए गए हैं:
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राजेश का सफर: राजेश रंजन महापात्र, जो पहले निजी कंपनियों में काम करते थे, ने 2007 में मछली पालन की शुरुआत की। उन्होंने भुवनेश्वर के CIFA से प्रशिक्षण लिया और धीरे-धीरे एक छोटे शौक से इसे बड़े व्यवसाय में बदल दिया।
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व्यापार का विस्तार: पहले गांव में छोटे पैमाने पर काम करने के बाद, राजेश ने 2017 में अपना व्यवसाय बढ़ाने का फैसला किया। उन्होंने 40 किमी दूर पांच एकड़ जमीन खरीदी और उसे रंग-बिरंगी मछलियों के फार्म में परिवर्तित किया।
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बाजार में चुनौती: आरंभ में, उन्हें मछलियों की बिक्री में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि स्थानीय दुकानदार आमतौर पर कोलकाता से मछलियाँ खरीदते थे। लेकिन उन्होंने छोटे दुकानदारों से संपर्क करके अपना नेटवर्क बढ़ाया।
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शिक्षा का महत्व: व्यवसाय में सफलता के साथ-साथ, राजेश ने ओडिशा में पहला "ऑर्नामेंटल एक्वाकल्चर फील्ड स्कूल" शुरू किया, जहाँ अन्य लोगों को मछली पालन के बारे में प्रशिक्षित किया जाता है।
- उद्योग की संभावनाएँ: राजेश के अनुसार, सजावटी मछलियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। सही जानकारी और देखभाल के साथ, किसान इस व्यवसाय से अच्छा लाभ कमा सकते हैं, जिससे यह एक प्रभावशाली और लाभदायक विकल्प बन सकता है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
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Success Story of Rajesh Ranjan Mohapatra: Rajesh Ranjan Mohapatra, a farmer from Kochia Noyaga village in Odisha, transitioned from a private job to ornamental fish farming after receiving training from CIFA, Bhubaneswar. Since 2007, he has expanded his hobby into a profitable business, producing colorful fish on five acres of land and earning an annual income of around Rs. 7 lakhs.
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Challenges and Growth: Initially, Rajesh faced difficulties in establishing his fish farming business due to the prevailing market tendency to source fish from Kolkata. However, by starting with small shopkeepers and gradually building a network, he succeeded in supplying ornamental fish across Odisha.
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Educational Initiatives: In addition to his business, Rajesh established the first Ornamental Aquaculture Field School in Odisha to train others in fish farming techniques. He emphasizes the importance of knowledge in maintaining fish health and the overall success of aquarium businesses.
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Increasing Demand and Market Potential: The demand for ornamental fish is on the rise, making it a lucrative opportunity for farmers. Rajesh’s journey illustrates that with hard work, dedication, and the right guidance, anyone can succeed in this field.
- Aquarium as a Source of Peace: Rajesh highlights that aquariums serve not only as decorative elements but also contribute to mental peace. His story encourages aspiring farmers to view ornamental fish farming as a viable business that can start as a hobby and evolve into a significant source of income.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
एक थकाऊ दिन के बाद, जब आँखें घर में रखे एक्वेरियम पर जाती हैं, तो रंग-बिरंगे मछलियों का खेल मन को शांति और ताजगी प्रदान करता है। तनाव के समय में इन मछलियों का इधर-उधर दौड़ना मन को शांत करता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सजावटी मछलियों का उत्पादन कैसे होता है? आज हम आपको राजेश रंजन मोहापात्रा के बारे में बताएंगे, जो ओडिशा के कटक जिले के कोचिया नॉयगा गाँव के एक किसान हैं, जो रंग-बिरंगी मछलियों की खेती करके सालाना लाखों कमा रहे हैं। राजेश रंजन मोहापात्रा पहले प्राइवेट कंपनियों में काम करते थे और फिर एक्वेरियम में मछलियों का पालन करने का शौक अपनाया। आज वह पांच एकड़ जमीन पर सजावटी मछलियाँ उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने भुवनेश्वर के CIFA से प्रशिक्षण लेकर 2007 में नौकरी छोड़कर मछली पालन शुरू किया। शुरुआत में यह एक छोटा कदम था, लेकिन समय के साथ राजेश ने इसे बड़े व्यवसाय में बदल दिया। वह कहते हैं, “सजावटी मछलियों की कीमत सामान्य मछलियों से 10 गुना ज्यादा होती है।
छोटी शुरुआत से बड़ा सपना
राजेश ने बताया कि प्रारंभ में वह गाँव में छोटे स्तर पर काम कर रहे थे। उन्होंने तय किया कि वह अपने व्यवसाय का विस्तार करेंगे। वह कहते हैं, “जब मैंने शुरू किया, तब यह ओडिशा में इतना प्रचलित नहीं था। फिर CIFA के निदेशक सरोज सर जो एक वरिष्ठ वैज्ञानिक थे, ने मेरी मदद की और मुझे मानसिक समर्थन दिया। कई वर्षों तक गाँव में काम करने के बाद, 2017-18 में मैंने सोचा कि कार्य को इस छोटे स्थान से विस्तारित करना चाहिए। उन्होंने अपने घर से 40 किमी दूर पाँच एकड़ जमीन खरीदी और इसे 6-8 महीनों में सजावटी मछली फार्म में बदल दिया। आज उनके फार्म पर सौ से ज्यादा टैंक हैं, जहाँ रंग-बिरंगी मछलियाँ पाली जाती हैं।
राजेश ने कहा कि प्रारंभ में ओडिशा में सजावटी मछलियों का व्यवसाय स्थापित करना आसान नहीं था। अधिकांश दुकान वाले मछलियाँ कोलकाता से लाते थे और स्थानीय मछलियाँ खरीदने में रुचि नहीं दिखाते थे। राजेश कहते हैं, “शुरुआत में थोक दुकानदार मुझसे मछलियाँ खरीदने से मना कर देते थे। फिर मैंने छोटे दुकानदारों से संपर्क किया। धीरे-धीरे मेरा नेटवर्क बढ़ा, और अब मेरी फार्म से ओडिशा भर में मछलियाँ सप्लाई की जाती हैं। वे सालाना 7 लाख रुपये कमाते हैं।
सजावटी एक्वाकल्चर फील्ड स्कूल का उद्घाटन
राजेश ने केवल व्यवसाय तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने ओडिशा का पहला सजावटी एक्वाकल्चर फील्ड स्कूल शुरू किया, जहाँ अन्य लोगों को मछली पालन में प्रशिक्षित किया जाता है। वह मानते हैं कि एक्वेरियम में मछलियाँ रखना एक अच्छा शौक है, जो पर्यावरण प्रेमी होने का संकेत देता है। राजेश कहते हैं कि सफल एक्वेरियम व्यवसाय चलाने के लिए मछलियों की प्रजातियों और उनकी देखभाल के बारे में गहन ज्ञान होना आवश्यक है। मछलियों को स्वस्थ रखने के लिए टैंक की नियमित सफाई, उचित आहार और बीमारियों से बचाव के उपाय बेहद महत्वपूर्ण हैं।
एक्वेरियम का महत्व और सजावटी मछलियों का भविष्य
आज एक्वेरियम को घर की सजावट और मानसिक शांति के लिए उपयोगी माना जाता है। राजेश कहते हैं कि सजावटी मछलियों की मांग तेजी से बढ़ रही है। किसान इस व्यवसाय में अच्छी कमाई कर सकते हैं। राजेश रंजन मोहापात्रा की यह कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दिखाती है कि मेहनत और सही दिशा में समर्पण से किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त की जा सकती है। सजावटी मछलियों का व्यवसाय किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन सकता है, यदि इसे सही तरीके से किया जाए। यदि आप भी सजावटी मछलियों के पालन में रुचि रखते हैं, तो राजेश की तरह आप इसे एक छोटे शौक से शुरू करके एक बड़े व्यवसाय में बदल सकते हैं। उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि चाहे चुनौती कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अगर संकल्प और सही मार्गदर्शन हो, तो सफलता अवश्य मिलती है।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
After a tiring day, when one’s eyes fall on the aquarium kept in the house, the play of colorful fishes gives peace and freshness to the mind. In stressful moments, running here and there of these fish calms the mind. But have you ever wondered how ornamental fish are produced? Today we are telling you about Rajesh Ranjan Mohapatra, a farmer from Kochia Noyaga village in Cuttack district of Odisha, who is doing colorful fish farming and earning lakhs annually. Rajesh Ranjan Mohapatra, who first worked in private companies and then took up the hobby of breeding fish in aquarium, is today producing ornamental fish on five acres of land. After taking training from CIFA, Bhubaneswar, he left his job in 2007 and started fish farming. Initially it was a small step, but with time Rajesh turned it into a big business. He says, “The price of ornamental fish is up to 10 times more than that of normal fish.
big dream from small beginning
Rajesh told that initially he worked on a small scale inside the village. He decided to expand the business further. He says, when I started, it was not that prevalent in Odisha, then CIFA Director Saroj Sir was a senior scientist, who helped me from the beginning and supported me mentally. After working in the village for many years, in 2017-18 I felt that the work should be expanded from this small place. He bought five acres of land 40 km away from his home and converted it into an ornamental fish farm within 6-8 months. Today there are more than 100 tanks on his farm, where colorful fish are reared.
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Rajesh said, initially it was not easy to establish the business of ornamental fishes in Odisha. Most of the shopkeepers used to get fish from Kolkata and did not show interest in buying local fish. Rajesh says, “Initially the wholesale shopkeepers refused to buy fishes from me. Then I contacted small shopkeepers. Gradually my network increased and now fishes are supplied from my farm all over Odisha. They earn Rs. 7 lakhs every year. Net income is received.
Opening of Ornamental Aquaculture Field School
Rajesh did not limit his steps only to business. He started the first Ornamental Aquaculture Field School of Odisha, where other people are trained in fish farming. He believes that keeping fishes in aquarium is also a good hobby, which indicates being an environment lover. Rajesh says that to run a successful aquarium business, it is important to have in-depth knowledge about the species of fish and their care. To keep the fish healthy, it is very important to take care of regular cleaning of the tank, proper diet and measures to prevent diseases.
Importance of Aquarium and Future of Ornamental Fishes
Today aquarium is considered useful not only for home decoration but also for mental peace. Rajesh says that the demand for ornamental fish is increasing rapidly. Farmers can earn good profits by entering this business. This story of Rajesh Ranjan Mahapatra is not only inspiring, but also shows that success can be achieved in any field with hard work and dedication in the right direction. Ornamental fish business can become a profitable option for farmers, provided it is done correctly. If you are also interested in the cultivation of ornamental fishes, then like Rajesh, you can start it from a small hobby and turn it into a big business. His journey teaches us that no matter how big the challenges are, if there is determination and right guidance, success is definitely achieved.
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