Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
-
सच्ची सफलता का उदाहरण: बिहार के किसान बिरेंद्र कुमार ने यह सिद्ध किया है कि अच्छी तकनीक का उपयोग करके खेती में न केवल उत्पादन बढ़ सकता है, बल्कि आय भी कई गुना बढ़ सकती है। वे आज सालाना 15 लाख रुपये कमाते हैं और अतिरिक्त 8 एकड़ ज़मीन किराए पर ले रहे हैं।
-
ड्रिप सिंचाई की उपयोगिता: बिरेंद्र कुमार ने बताया कि पहले पार्वल की खेती में सिंचाई की समस्या थी, लेकिन ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग करने से यह समस्या हल हो गई है। अब उनकी फसल को समान जल आपूर्ति मिलती है, जिससे उत्पादकता में सुधार हुआ है।
-
सरकार का समर्थन: बिरेंद्र ने बताया कि बिहार सरकार और केंद्रीय सरकार के समर्थन से उन्हें ड्रिप सिंचाई की सुविधाएं मिलीं, जिसके तहत सब्सिडी पर ड्रिप पाइप बिछाए गए। इससे सस्ती लागत पर महत्वपूर्ण सिंचाई कार्य संभव हो पाया है।
-
अन्य किसानों के लिए सलाह: बिरेंद्र कुमार ने अन्य किसानों को ड्रिप सिंचाई तकनीक का उपयोग करने की सलाह दी है, क्योंकि इससे न केवल जल की बचत होती है, बल्कि उर्वरक डालने का काम भी आसान हो जाता है।
- फसल उत्पादन में सुधार: बिरेंद्र कुमार का कहना है कि ड्रिप सिंचाई के कारण पार्वल की फसल में बम्पर उत्पादन हो रहा है, जिससे उनकी कुल आमदनी में बड़ा बदलाव आया है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the article about Bihar farmer Birendra Kumar:
-
Increased Income Through Technology: Birendra Kumar, a farmer from Harnahi village in Muzaffarpur, has significantly increased his income to Rs 15 lakh annually by utilizing modern farming technology, particularly drip irrigation.
-
Overcoming Irrigation Challenges: Before implementing drip irrigation, Kumar faced major irrigation issues that negatively impacted his Parwal (pointed gourd) yields. The introduction of this technology helped ensure uniform water distribution to his crops, eliminating these challenges.
-
Government Support for Innovation: Kumar appreciates the support he received from both the Bihar and central governments, which provided subsidies for installing drip irrigation systems. This assistance made it financially viable for him to improve his farming practices.
-
Expansion of Cultivation: With improved yields and increased income, Kumar has expanded his farming operations by renting an additional 8 acres of land for cultivating Parwal, indicating the potential for growth through technological advancements.
- Advice for Other Farmers: Kumar encourages fellow farmers to adopt drip irrigation, highlighting its benefits of water conservation and ease of applying fertilizers directly through the irrigation system, which enhances crop productivity.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
बिहार के किसान बिरेंद्र कुमार ने यह साबित कर दिया है कि अच्छे तकनीक के इस्तेमाल से न केवल अधिक उत्पादन मिलता है, बल्कि आय भी कई गुना बढ़ सकती है। बिरेंद्र कुमार मुजफ्फरपुर जिले के हर्नाही गांव के निवासी हैं, जिन्होंने ड्रिप इरिगेशन की मदद से पानी भी बचाया और फसलों का बेहतर उत्पादन प्राप्त किया। आज बिरेंद्र कुमार की आय 15 लाख रुपये है और उन्होंने 8 एकड़ अतिरिक्त जमीन किराए पर ली है, जिसमें वे परवल की खेती करने जा रहे हैं।
बिरेंद्र कुमार बताते हैं कि वे मुख्य रूप से परवल की खेती करते हैं और पिछले 6 सालों से इस में लगे हुए हैं। वे कहते हैं कि पहले परवल की खेती में कई समस्याएं थीं, जिनमें सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की थी। परवल को सही तरीके से पानी नहीं मिल पाता था, जिससे उपज पर बुरा असर पड़ता था।
सिंचाई की चिंता को खत्म किया
बिरेंद्र कुमार बताते हैं कि अब उनकी परवल की खेती अच्छी चल रही है क्योंकि वे ड्रिप इरिगेशन का उपयोग करते हैं। इस सिंचाई विधि से फसलें अच्छे से बढ़ रही हैं और अब पानी की चिंता नहीं है। पहले जमीन की असमानता के कारण सभी पौधों को सही पानी नहीं मिलता था, जिससे उपज प्रभावित होती थी। लेकिन ड्रिप इरिगेशन ने इस समस्या को भी हल कर दिया है।
बिरेंद्र कुमार का कहना है कि ड्रिप इरिगेशन के कारण परवल के पौधों को समान पानी मिलता है, जिससे खेती बेहतर हुई है और परवल की उपज बढ़िया हो गई है। वे बिहार और केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हैं कि उनकी मदद से खेत में ड्रिप पाइप्स सब्सिडी पर लगाई गईं। सब्सिडी के कारण बड़े सिंचाई कार्य कम लागत में हो रहे हैं और अच्छा उत्पादन मिल रहा है।
किसानों को दी यह सलाह
बिरेंद्र कुमार बताते हैं कि पहले वे 8 एकड़ में खेती करते थे। लेकिन अब ड्रिप इरिगेशन की सुविधा मिलने के बाद वे अतिरिक्त 8 एकड़ में परवल की खेती करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले परवल की खेती से आय बहुत कम थी, लेकिन जबसे इस तकनीक का इस्तेमाल किया है, उनकी सालाना आय 15 लाख रुपये हो गई है।
बिरेंद्र कुमार ने किसानों को सलाह दी कि वे केवल ड्रिप इरिगेशन का ही उपयोग करें। यह तकनीक खेतों में लगानी चाहिए क्योंकि इससे न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि खाद डालने का काम भी आसानी से किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर परवल को खाद डालनी है, तो इसे ड्रिप पानी में मिलाकर देना बहुत सरल है। इससे फसल को अधिक लाभ मिलता है।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Bihar farmer Birendra Kumar proved that by using good technology in farming, not only can one get more production, but it can also increase the income manifold. Farmer Birendra Kumar is a resident of village Harnahi in Muzaffarpur district, who has not only saved water but also got better yield of crops with the help of drip irrigation. Farmer Birendra Kumar earns Rs 15 lakh today and from that he has taken additional 8 acres of land on rent in which he is going to cultivate parwal.
Birendra Kumar says that he mainly cultivates Parwal and has been engaged in it for 6 years. He tells that earlier there were many problems in the cultivation of Parwal in which one had to face many problems. The first problem was irrigation. Parwal was not able to get enough water for irrigation due to which the yield was greatly affected.
remove the tension of irrigation
Birendra Kumar says that now his Parwal cultivation is going very well because he irrigates it through drip irrigation. With this irrigation method, farming is going very well now and there is no tension of water for the crops. Earlier, due to the unevenness of the ground, all the plants did not get proper water. This also affected the yield. But drip irrigation has also removed this problem.
Also read: ‘Banana Powder’ of Ritish of Burhanpur is being sold in many states, started the factory with the help of the government.
With the help of drip irrigation, Parwal plants get uniform water, due to which farming has become better. Parwal yield is bumper. Birendra Kumar thanks Bihar government and central government for this new technology. He says that with the help of both the governments, drip pipes were laid in his farm on subsidy. With the help of subsidy, major irrigation work is being done at less cost and good yield is being obtained.
Gave this advice to farmers
Farmer Birendra Kumar says that earlier he used to do farming in 8 acres. But after getting the facility of drip irrigation, they will now cultivate Parwal in additional 8 acres. Regarding earning, Birendra told that before getting drip, there was negligible income in Parwal farming. But ever since this technology has been installed in the farm, they earn Rs 15 lakh annually from Parwal.
Also read: Rahul left his job for 15 lakh packages and started organic farming, now the annual turnover is more than Rs 1.5 crore
Farmer Birendra Kumar told that as a result of earning Rs 15 lakh, he has taken additional 8 acres of land in which he is going to start Parwal cultivation. They advise the farmers to do irrigation only through drip, this technology should be used in the fields because along with saving water, the work of applying fertilizer is also done. For example, if you want to give fertilizer to Parwal, you can easily give it by mixing it in drip water. This gives more benefit to the crop.