Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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नाइट्रोजन उर्वरकों का पर्यावरणीय प्रभाव: नाइट्रोजन आधारित उर्वरक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, जहां नाइट्रस ऑक्साइड वायुमंडल को कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 300 गुना अधिक गर्म करता है।
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ह्यूमेट का संभावित समाधान: खनिज युक्त ह्यूमेट, जैसे कि लाइव अर्थ प्रोडक्ट्स द्वारा प्रदान किए गए, नाइट्रोजन उर्वरकों के साथ मिलकर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 30% तक कम करने में मदद कर सकते हैं।
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नाइट्रोजन का उचित संतुलन: प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला नाइट्रोजन हानिकारक नहीं है, लेकिन जब यह उर्वरकों में अत्यधिक मात्रा में होता है, तो यह हाइपोक्सिया जैसे मुद्दों को उत्पन्न कर सकता है।
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ह्यूमेट के फायदे: ह्यूमेट के प्रयोग से न केवल उत्सर्जन में कमी आती है, बल्कि ये मिट्टी की संरचना में सुधार, जल धारण क्षमता बढ़ाने और सूक्ष्मजीव विविधता को बढ़ावा देने में भी मदद करते हैं।
- किसानों के लिए सलाह: रसेल टेलर ने सुझाव दिया कि किसान नाइट्रोजन उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए ह्यूमेट पर विचार करें, जिससे वे अपने पर्यावरणीय प्रभाव को घटा सकते हैं और रखरखाव की लागत को भी कम कर सकते हैं।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are 5 main points from the article regarding the impact of organic matter on climate change and the insights from Russell Taylor, the 2023 CCA Conservationist of the Year:
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Impact of Nitrogen Fertilizers: Nitrogen-based fertilizers significantly contribute to greenhouse gas emissions, particularly nitrous oxide, which is 300 times more potent than carbon dioxide in warming the atmosphere. Excess nitrogen in the soil leads to its release into the atmosphere, contributing to climate change.
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Role of Humates: Recent research suggests that adding humates—mineral-rich organic substances—can help mitigate the harmful effects of nitrogen fertilizers. Studies have shown that fertilizers blended with humates can reduce greenhouse gas emission intensity by approximately 30%.
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Natural Nitrogen vs. Synthetic Fertilizers: While naturally occurring nitrogen is not detrimental to the environment, concentrated forms found in fertilizers can lead to environmental problems. High concentrations of nitrogen can cause hypoxia in water bodies, creating dead zones where aquatic life cannot survive.
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Benefits of Humic Substances: Using humic and fulvic acids can not only reduce nitrogen loss and greenhouse gas emissions but also improve soil structure, increase microbial diversity, enhance water retention, reduce evaporation, and stimulate root growth.
- Sustainable Farming Solution: Russell Taylor advocates for farmers to consider humates as a straightforward method to reduce their environmental impact and prepare for future regulations. By increasing nutrient use efficiency and reducing reliance on fossil fuels, farmers can help decrease greenhouse gas emissions.
These points highlight the importance of transitioning to more sustainable agricultural practices to combat climate change.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
2023 सीसीए कंजर्वेशनिस्ट ऑफ द ईयर अवार्ड प्राप्तकर्ता रसेल टेलर के अनुसार, जैविक पदार्थ जलवायु परिवर्तन से कैसे सुरक्षा कर सकते हैं।
भूमिका और पृष्ठभूमि:
2023 सीसीए कंजर्वेशनिस्ट ऑफ द ईयर, रसेल टेलर, ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण विचार साझा किया है, कि जैविक पदार्थ, विशेष रूप से ह्यूमेट, जलवायु परिवर्तन के प्रति एक प्रभावशाली सुरक्षा उपाय साबित हो सकते हैं। टेलर का कहना है कि जैविक पदार्थों का उपयोग न केवल कृषि में सुधार ला सकता है, बल्कि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में भी मदद कर सकता है।
नाइट्रोजन आधारित उर्वरक और उनके प्रभाव:
नाइट्रोजन आधारित उर्वरक का ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में महत्वपूर्ण योगदान होता है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसें, मिट्टी में नाइट्रोजन की अधिकता से उत्पन्न होती हैं, जो वायुमंडल को गर्म करने में कार्बन डाइऑक्साइड से 300 गुना अधिक प्रभावी होती हैं और वे वायुमंडल में 100 वर्षों तक बनी रहती हैं।
हालांकि नाइट्रोजन उर्वरक कृषि के लिए आवश्यक माने जाते हैं, लेकिन उनकी अत्यधिक मात्रा में उपयोग से पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। जब नाइट्रोजन का अत्यधिक उपयोग किया जाता है, तो यह वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का स्तर बढ़ा देता है और जल निकायों में हाइपोक्सिया (ऑक्सीजन की कमी) की समस्या पैदा कर सकता है, जिससे जलीय जीवन प्रभावित होता है।
ह्यूमेट का उपयोग और लाभ:
रसेल टेलर ने ह्यूमेट, विशेष रूप से ह्यूमिक और फुल्विक एसिड, के उपयोग का समर्थन किया है। उनके अनुसार, ह्यूमेट के साथ नियंत्रित-रिलीज़ उर्वरकों का मिश्रण करके, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को लगभग 30% तक कम किया जा सकता है। ह्यूमेट के प्रयोग से न केवल नाइट्रोजन की हानि को कम किया जा सकता है, बल्कि यह मिट्टी की संरचना, सूक्ष्मजीव विविधता, जल धारण क्षमता, पोषक तत्वों के आदान-प्रदान और जड़ों की वृद्धि को भी बेहतर बनाता है।
टेलर का कहना है, “ह्यूमिक पदार्थों के साथ नाइट्रोजन की हानि को कम करने से ग्रीनहाउस गैसों में दोहरी कमी आती है। पहले, पोषक तत्वों के उपयोग की दक्षता बढ़ती है, जिससे नाइट्रस ऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों में परिवर्तित होने के लिए कम नाइट्रोजन उपलब्ध होती है। दूसरी बात, कम नाइट्रोजन उर्वरक का उपयोग जीवाश्म ईंधन का कम उपयोग करता है, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन भी कम होता है।”
किसानों के लिए सुझाव:
टेलर किसानों को ह्यूमेट के लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि किसान अपनी उत्पादकता बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए ह्यूमेट का उपयोग करें।
लाइव अर्थ प्रोडक्ट्स:
लाइव अर्थ प्रोडक्ट्स, जो कि एमरी, यूटा में स्थित है, ह्यूमिक एसिड और फुल्विक एसिड-आधारित उत्पादों का खनन और निर्माण करता है। इन उत्पादों का उपयोग कृषि, पशु आहार, सौंदर्य प्रसाधन, जैविक बागवानी, और लॉन की देखभाल में किया जाता है। यह एक पारिवारिक व्यवसाय है जो 30 वर्षों से अधिक समय की मेहनत और नवाचार का परिणाम है।
किसान और अन्य इच्छुक व्यक्ती लाइव अर्थ के उत्पादों और उनके लाभों के बारे में अधिक जानने के लिए लाइव अर्थ की वेबसाइट या संपर्क विवरण (435) 286-2222 पर जा सकते हैं।
समापन विचार:
रसेल टेलर का कहना है कि ह्यूमेट का उपयोग केवल कृषि उत्पादकता में सुधार ही नहीं करता, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन से सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण उपाय भी हो सकता है। किसानों के लिए यह एक सरल और प्रभावी तरीका हो सकता है, जिससे वातावरण को कम नुकसान होगा और साथ ही उनकी फसल उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी। ह्यूमेट का उपयोग पर्यावरण को बचाने के प्रयासों में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
2023 CCA Conservationist of the Year Award Recipient Russell Taylor on How Organic Matter Can Combat Climate Change
Introduction
In a significant development for environmental conservation, Russell Taylor, the 2023 recipient of the CCA Conservationist of the Year Award, emphasizes the role of organic matter in addressing climate change, particularly focusing on the harmful effects of nitrogen-based fertilizers. His insights are particularly relevant given the current global climate crisis and the need for sustainable agricultural practices.
The Role of Nitrogen-Based Fertilizers
Nitrogen-based fertilizers are pervasive in modern agriculture and are regarded as essential for boosting crop yields. However, they significantly contribute to greenhouse gas emissions. According to the United Nations Environment Programme, nitrous oxide—an emission resulting from excessive nitrogen in the soil—is a potent greenhouse gas, being 300 times more effective at warming the atmosphere than carbon dioxide and remaining in the atmosphere for over 100 years. Thus, while essential for agricultural productivity, nitrogen fertilizers present serious environmental challenges.
Excess nitrogen leads to the release of greenhouse gases into the atmosphere and, when it combines with water, can cause hypoxia in aquatic systems, resulting in ‘dead zones’ where aquatic life cannot survive.
The Haber-Bosch Process and Its Implications
The production of nitrogen fertilizers largely relies on fossil fuels through a process known as the Haber-Bosch method. This process emits greenhouse gases, including carbon dioxide, at a rate much faster than natural processes, exacerbating the climate crisis. Russell Taylor argues that this reliance on nitrogen fertilizers needs to be re-evaluated, especially in light of the environmental impacts they have.
The Promise of Humates
Recent research suggests that incorporating humates—mineral-rich organic materials—can mitigate these negative effects. Organic matter, particularly humic and fulvic acids, holds promise not only for reducing greenhouse gas emissions but also for enhancing soil health. Tailored-release fertilizers combined with humates have shown potential in reducing greenhouse gas intensity by approximately 30%.
Taylor advocates that farmers should consider using humates as a straightforward strategy to minimize the environmental impacts involved with nitrogen fertilizer usage. By reducing nitrogen loss through the effective use of humates, there can be a dual decrease in greenhouse gases: first, through enhanced nutrient-use efficiency, which leaves less nitrogen available for conversion into nitrous oxide, and second, by lowering the fossil fuel dependence that results in carbon dioxide emissions.
Benefits Beyond Emission Reduction
Humates do not just contribute to lowering emissions; they also offer numerous benefits for soil vitality and agricultural productivity. These include:
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Improved Soil Structure: Humates help in enhancing the physical structure of the soil, leading to better aeration and water retention.
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Increased Microbial Diversity: They foster a diverse microbial community, crucial for nutrient cycling and soil health.
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Enhanced Water Retention: With their ability to hold moisture, they improve the soil’s water retention capacity, particularly beneficial in arid regions.
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Reduced Soil Water Evaporation: Humates help minimize water loss through evaporation, making irrigation more efficient.
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Boosted Nutrient Exchange and Uptake: They enhance the processes of nutrient exchange between soil and plants, allowing for more effective use of soil nutrients.
- Root Growth Encouragement: Humic substances stimulate root development, contributing to overall plant health and yield.
Seeking More Information on Humates
Farmers and agricultural professionals looking to explore the use of humates in their practices can access resources provided by Live Earth Products, a company based in Emery, Utah. They have been involved in mining and manufacturing humic and fulvic acid-based products for over 30 years and serve a variety of industries, including agriculture, animal feed, horticulture, and environmental remediation.
Conclusion
In conclusion, Russell Taylor’s insights on the potential of organic matter, particularly humates, can play a pivotal role in combating climate change while enhancing agricultural practices. As global challenges persist, adopting sustainable methodologies like the application of humates can lower greenhouse gas emissions, improve soil health, and positively impact food production. The integration of these practices could mark a significant step towards achieving a more resilient and sustainable agricultural future.
If interested in learning more about humates and their applications, individuals can visit Live Earth’s website or contact their representatives for further information.
For media inquiries, Peter Burke from Christie and Company can be reached at (818) 389-7912 or via email at peter@christieand.co.
About Live Earth Products
Live Earth Products, Inc., located in Emery, Utah, specializes in the mining and production of humic acid and fulvic acid-based products. Their offerings find applications across various sectors, including agriculture, cosmetics, dietary supplements, and more. As a family-run business with over 30 years of dedicated effort and innovation, Live Earth Products remains a preferred choice for both organic and conventional buyers.