Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहाँ खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के हालिया बयान के मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
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इथेनॉल और चीनी के एमएसपी में वृद्धि: खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार इथेनॉल की घरेलू कीमतों और चीनी के लिए न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है, जैसा कि उद्योग ने मांग की है।
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इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम का विस्तार: सरकार इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए 2025-26 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य रखती है। वर्तमान में, इथेनॉल का सम्मिश्रण प्रतिशत बढ़ रहा है, जो जुलाई 2024 में 15.83% तक पहुंच गया है।
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किसानों के बकाए और एमएसपी: मंत्री ने बताया कि एमएसपी की शुरुआत के साथ किसानों का गन्ना बकाया अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। इस समर्थन के तहत, किसानों को 1.14 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
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चीनी निर्यात पर निर्णय: जोशी ने कहा कि 2024-25 सीज़न में चीनी निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का निर्णय उत्पादन संभावनाओं और अनुकूल वर्षा के बाद लिया जाएगा।
- इथेनॉल की कीमतें: इथेनॉल की कीमतें 2022-23 के बाद से स्थिर हैं, और वर्तमान में गन्ने के रस से उत्पादित इथेनॉल की कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the article regarding the statements made by Indian Food Minister Pralhad Joshi about ethanol prices and sugar MSP:
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Government Approval for Price Increase: The government is considering approving an increase in the domestic prices of ethanol, as well as the minimum selling price (MSP) for sugar, in response to industry demands. The current MSP for sugar has remained at ₹31 per kilogram since February 2019.
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Ethanol Supply Year Proposals: Minister Joshi highlighted that the government is reviewing proposals for raising ethanol prices for the ethanol supply year 2024-25. Current prices for ethanol derived from sugarcane juice and other sources have not seen an increase since the 2022-23 supply year.
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Promotion of Ethanol Blending: The government’s aim with these price adjustments is to promote its ethanol blending program, which targets a 20% ethanol mix in petrol by 2025-26. The ethanol blending percentage had reached 15.83% by July 2024.
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Benefits for Farmers: Increasing the sugar MSP is discussed by a committee of secretaries, which could further benefit farmers. The system of MSP has reportedly helped reduce overdue cane payments to the lowest levels historically, benefiting the sugar industry and farmers financially.
- Potential Export Decisions: Joshi mentioned that any decision on lifting the ban on sugar exports for the 2024-25 season would depend on availability and production capabilities, assessed after receiving output data from the food ministry.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हाल ही में इथेनॉल की घरेलू कीमतों और चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने के सरकार के विचारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि कैसे चीनी के एमएसपी को बढ़ाया जाए, जो फरवरी 2019 से 31 रुपये प्रति किलोग्राम पर स्थिर है। साथ ही, उन्होंने बताया कि 2024-25 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष के लिए इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी पर भी विचार चल रहा है।
जोशी ने एक कार्यक्रम में कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय इथेनॉल की कीमतों में वृद्धि पर सोच रहा है। उन्होंने कहा, “हम पेट्रोलियम मंत्रालय के संपर्क में हैं जो इस मामले में अपना निर्णय लेगा।” सरकार का यह निर्णय इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए है, जिसका लक्ष्य 2025-26 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण करना है। वर्तमान में, जुलाई 2024 तक इथेनॉल के सम्मिश्रण की दर 15.83% तक पहुँच गई है।
खाद्य मंत्रालय ने इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य को 25% तक बढ़ाने के लिए एक रोडमैप तैयार करने हेतु नीति आयोग को लेटर लिखा है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2022-23 इथेनॉल आपूर्ति वर्ष के बाद से कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है। वर्तमान में गन्ने के रस से उत्पादित इथेनॉल की कीमत 65.61 रुपये प्रति लीटर है।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के अंतर्गत, सरकारी तेल कंपनियाँ पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिलाकर बेचती हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से, इथेनॉल मिश्रण का कुल उपयोग 2013-14 के 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 2023-24 में 1623 करोड़ लीटर से अधिक हो गया है।
सरकार इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और आर्थिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण मानती है। इस बीच, चीनी एमएसपी बढ़ाने में सचिवों की एक समिति विचार कर रही है। जोशी ने कहा कि एमएसपी की शुरुआत से किसानों का गन्ना बकाया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है।
इंडियन शुगर मिल्स एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईएसएमए) ने भी सरकार से चीनी के एमएसपी में वृद्धि की सिफारिश की है। आईएसएमए के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि उन्होंने एफआरपी की बढ़ोतरी के अनुपात में चीनी के एमएसपी को भी बढ़ाने की अपील की है।
कुल मिलाकर, खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार इथेनॉल की कीमतों और चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में सुधार पर गंभीरता से विचार कर रही है, ताकि किसानों को लाभ प्राप्त हो सके और उद्योग को मजबूती प्रदान की जा सके।
इस प्रकार, आने वाले समय में चीनी और इथेनॉल बाजार में महत्वपूर्ण परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं, जो कृषि क्षेत्र के लिए भी लाभकारी सिद्ध होंगे।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
On Thursday, India’s Food Minister, Pralhad Joshi, indicated that the government may approve an increase in domestic ethanol prices as well as the minimum selling price (MSP) for sugar, in response to industry demands. Joshi mentioned that the government is considering proposals to raise the MSP for sugar as well as ethanol prices for the ethanol supply year 2024-25. The current MSP for sugar, established in February 2019, remains at ₹31 per kilogram.
During an event, Joshi noted that the Petroleum Ministry is considering an increase in ethanol prices. He emphasized that his ministry acts as the nodal ministry, keeping in close coordination with the Petroleum Ministry, which is engaged in this matter. This initiative aims to support the ethanol blending program, which targets a 20% ethanol blend in petrol by 2025-26.
According to an official note, by July 2024, the blending percentage had reached 15.83%, with the cumulative blending percentage for the current ethanol supply year (ESY) 2023-24 exceeding 13.6%. Speaking at the India Sugar and Bio-Energy Conference 2024, Joshi affirmed that the Food Ministry has written to the Niti Aayog to devise a roadmap to achieve a 25% ethanol blending target.
Prices for ethanol have not increased since the 2022-23 ethanol supply year. Currently, ethanol produced from sugarcane juice is priced at ₹65.61 per litre, while ethanol from B-heavy and C-heavy molasses is priced at ₹60.73 per litre and ₹56.28 per litre, respectively. The Ethanol Blended Petrol (EBP) program, which involves public sector oil marketing companies blending ethanol with petrol, has seen a significant rise in the volume of ethanol blended—from 38 crore litres in ESY 2013-14 to over 1623 crore litres in ESY 2023-24, with the blending percentage increasing from 1.3% to 13.6%.
The government views the ethanol blending program as essential for fulfilling its green energy commitments and as key to financial restructuring in the sugar mill sector. Regarding the increase in sugar MSP, Joshi mentioned that a committee of secretaries is currently reviewing the matter.
With the introduction of MSP, the backlog of cane payments to farmers has significantly decreased, with approximately 99% of cane dues now settled. The sugar industry has paid farmers a total of ₹1.14 lakh crore, he noted.
The Indian Sugar Mills and Bio-Energy Manufacturers Association (ISMA) previously urged the government to raise the sugar MSP to benefit mill owners and increase the fair and remunerative price (FRP) for sugarcane farmers. ISMA’s Director General, Deepak Ballani, had stated that the MSP was set when the FRP was ₹275 per quintal, and he requested an increase in line with the rise in FRP over the years, aiming for ₹3900 per quintal.
Regarding the potential removal of export restrictions on sugar for the 2024-25 season, Joshi stated that a decision will depend on production potential and favorable weather, following an assessment of output data from the Food Ministry.
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