Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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भूमि परीक्षण उपकरण ‘भूमि परीक्षा-2’: IIT कानपुर ने एक नया उपकरण ‘भूमि परीक्षा-2’ बनाया है, जो किसानों को बुवाई से पहले अपनी जमीन की क्षमता का अनुमान लगाने में मदद करेगा। इसका प्रयोग फसलों की बुवाई और उर्वरकों के उपयोग के निर्णय लेने में किया जाएगा।
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त्वरित परीक्षण प्रक्रिया: यह उपकरण 12 पोषक तत्वों का परीक्षण करके केवल 2 मिनट में रिपोर्ट प्रदान करेगा, जिससे किसानों को त्वरित और सटीक जानकारी मिल सकेगी।
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सुधारित जानकारी: ‘भूमि परीक्षा-2’ उपकरण पहले के ‘भूमि परीक्षा-1’ की तुलना में अधिक उन्नत है, जो केवल छह पोषक तत्वों की जानकारी देता था। नए उपकरण में जिंक, मैंगनीज़, कॉपर, सल्फर, बोरॉन और आयरन जैसे अन्य तत्वों की भी जानकारी मिलेगी।
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फसलों की सुरक्षा: बिना भूमि परीक्षण के फसल उगाने वाले किसानों को अक्सर नुकसान उठाना पड़ता है। यह नया उपकरण किसानों को बुवाई से पहले मिट्टी की स्थिति की पूरी जानकारी देगा, जिससे फसल के क्षति का जोखिम कम होगा।
- मांग और उपलब्धता: ‘भूमि परीक्षा-1’ ने भारत के विभिन्न राज्यों में किसानों को लाभ पहुँचाया है और ‘भूमि परीक्षा-2’ को 2025 तक बाजार में लाने की योजना है, जिसकी कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये होगी।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
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Introduction of ‘Bhoo Pariksha-2’: IIT Kanpur has developed a new soil testing device called ‘Bhoo Pariksha-2’, which allows farmers to assess the nutrient capacity of their fields quickly and accurately before sowing crops.
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Rapid Testing Capability: The device can analyze 12 different nutrients in soil and provide results in just 2 minutes via a mobile application, significantly enhancing decision-making for farmers regarding crop selection and fertilizer use.
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Improvements Over Previous Model: Bhoo Pariksha-2 offers expanded testing capabilities compared to its predecessor, Bhoo Pariksha-1, by including additional nutrients such as Zinc, Manganese, Copper, Sulphur, Boron, and Iron, along with recommendations for suitable crops based on soil characteristics.
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Significant Impact on Farming Practices: The availability of this advanced soil testing device is expected to reduce crop losses by providing farmers with vital information about soil health, allowing them to make informed agricultural decisions.
- Global Interest and Distribution Plans: The current Bhoo Pariksha-1 device has been successfully used in several Indian states and is in demand internationally. The Bhoo Pariksha-2 is projected to be launched in the market by 2025, with an expected cost around 1.5 lakhs.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
आईआईटी काणपूर ने एक मिट्टी परीक्षण उपकरण बनाया है, जिससे किसान अपने खेतों की क्षमता को फसले बीजने से पहले आंका जा सकेगा। यह किसान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस उपकरण को ‘भूमि परीक्षण-2’ नाम दिया गया है। हालांकि, अभी इसे बाजार में नहीं लाया गया है। मिट्टी परीक्षण किसानों के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह मिट्टी में पोषक तत्वों की पूरी जानकारी प्रदान करता है। इसके आधार पर, किसान फसलों की बुवाई और उर्वरकों के उपयोग से संबंधित निर्णय लेते हैं।
2 मिनट में मिट्टी का परीक्षण
जब मिट्टी को इस उपकरण में डाला जाएगा, तो यह 12 पोषक तत्वों का परीक्षण करेगा और 2 मिनट में रिपोर्ट देगा। आईआईटी के रासायन शास्त्र विभाग के प्रोफेसर जयंत कुमार सिंह ने कहा कि इस पर काम लगभग पूरा हो चुका है। अब इसे 2025 तक बाजार में लाने की तैयारी चल रही है। वर्तमान में, आईआईटी काणपूर का भूमि परीक्षण-1 उपकरण, जो छह पोषक तत्वों का परीक्षण करता है, बाजार में उपलब्ध है और कई राज्यों के किसान इसका लाभ उठा रहे हैं।
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विशेषज्ञ की राय
प्रोफेसर जयंत ने बताया कि यह उपकरण काफी उन्नत है। यह न केवल खेतों की मिट्टी की सेहत के बारे में बताएगा, बल्कि यह भी बताएगा कि मिट्टी में क्या कमी है और क्या अधिक है, जिससे फसलों को समस्या हो रही है। यह उपकरण मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए केवल 2 मिनट में अपनी रिपोर्ट देगा।
फसल को नुकसान से बचाएगा
वे किसान जो मिट्टी के परीक्षण के बिना फसल उगाते हैं, अक्सर बड़े नुकसान का सामना करते हैं। उन्हें यह नहीं पता होता कि इस भूमि पर खेती कैसे की जाएगी? क्या मिट्टी उपजाऊ है या नहीं? ऐसी स्थिति में, फसलों को नुकसान का उच्च जोखिम होता है। इस दृष्टि से, यह उपकरण किसानों के लिए बहुत मददगार साबित होगा क्योंकि वे बोने से पहले मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे।
उपकरण की जानकारी
प्रो. जयंत कुमार सिंह ने बताया कि भूमी परीक्षण-1 और भूमी परीक्षण-2 उपकरणों के बीच काफी अंतर है। भूमी परीक्षण-1 में केवल नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, ईसी, ऑर्गेनिक कार्बन और मिट्टी की मात्रा के बारे में जानकारी मिलती है। अब, इन परीक्षणों के साथ, भूमी परीक्षण-2 उपकरण जस्ता, मैंगनीज, तांबा, सल्फर, बोरॉन और आयरन के बारे में भी बताएगा। इसके अलावा, यह रिपोर्ट देगा कि किस मिट्टी का कौन सी फसल के लिए अधिक उपयोगी है।
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अनेक राज्यों में परीक्षण जारी
प्रो. जयंत ने कहा कि भूमी परीक्षण-1 उपकरण उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू और महाराष्ट्र के किसानों के लिए बहुत लाभदायक साबित हुआ है। यह उपकरण अफ्रीका, फिलीपींस, नेपाल, और अफगानिस्तान में भी मांग में है। जबकि भूमी परीक्षण-1 की कीमत 1 लाख रुपये है, अब भूमी परीक्षण-2 की कीमत 1.5 लाख रुपये होगी।(रिपोर्ट: सिमर चावला)
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
IIT Kanpur has created a soil testing device through which farmers will be able to estimate the capacity of their fields before sowing the crop. This will prove to be a milestone for the farmers. This equipment has been named ‘Bhoo Pariksha-2’. However, it has not been launched in the market yet. Soil testing is very important for farmers because it provides complete information about the nutrients in the soil. On this basis, farmers take decisions regarding sowing of crops and use of fertilizers etc. in their fields.
soil test in 2 minutes
As soon as soil is put in this device, it will test 12 nutrients and give its report in 2 minutes. Professor of IIT Chemical Engineering Department. Jayant Kumar Singh said that the work on this has almost been completed. Now preparations are on to launch it in the market by 2025. At present, IIT Kanpur’s Bhupariksha-1 device, which tests six nutrients, is in the market and farmers of many states are taking advantage of it.
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What is the expert’s opinion?
Pro. Jayant told that this device is quite advanced. It will not only tell about the health of the soil of the fields, but will also give a complete report about what is lacking and what is in excess in the soil, due to which the crops are facing problems. This device will give its report in just 2 minutes through mobile application.
Crop will be saved from destruction
Farmers who grow crops without soil testing often have to suffer huge losses. They don’t know how farming will be done on this land? Is the soil fertile or not? In such a situation, there is a high risk of crop damage. In view of this, this device will prove to be very helpful for the farmers because they will get complete details of the soil before sowing.
Learn about the device
Pro. Jayant Kumar Singh told that there is a lot of difference between Bhu-Pariksha-1 and Bhu-Pariksha-2 devices. In Bhu-Pariksha-1, information is available only about the quantity of nitrogen, phosphorus, potassium, EC, organic carbon and soil. Now, apart from these tests, the Bhu-Pariksha-2 device will also tell about Zinc, Manganese, Copper, Sulphur, Boron and Iron. Apart from this, it will also give report as to which soil is more useful for which crop.
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Testing continues in many states
Pro. Jayant said that the Bhu-Pariksha-1 device has proved to be very good for the farmers of Uttar Pradesh, Madhya Pradesh, Jammu and Maharashtra. This device is also in demand in Africa, Philippines, Nepal, Afghanistan. While Bhu-Pariksha-1 is available for Rs 1 lakh, now Bhu-Pariksha-2 will be available to up to 1.5 lakh people.(Report by Simar Chawla)