Kangana Ranaut sparks fresh controversy over farmers’ laws demand. (कंगना रनौत ने किसानों के कृषि कानूनों की मांग को फिर से उठाया!)

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Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)

यहाँ कंगना रनौत की हालिया टिप्पणी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर मुख्य बिंदु दिए गए हैं:

  1. कंगना का विवादास्पद बयान: कंगना रनौत ने सुझाव दिया कि तीन कृषि कानूनों को, जो 2020 में किसानों के विरोध का कारण बने थे, वापस लाया जाना चाहिए। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इन कानूनों की मांग करें।

  2. कांग्रेस का तीव्र विरोध: कांग्रेस ने कंगना के बयानों की आलोचना की और वीडियो ट्वीट कर कहा कि ये ‘काले कानून’ कभी वापस नहीं लाए जाएंगे। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने किसानों की शहादत का जिक्र करते हुए दावा किया कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ है।

  3. भाजपा की स्थिति: पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने कंगना को पहले ही फटकार लगाई थी, यह स्पष्ट करते हुए कि उनकी टिप्पणियाँ भाजपा के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। अब इस विषय पर फिर से विवाद खड़ा हो गया है।

  4. हरियाणा चुनाव की पृष्ठभूमि: कंगना का यह बयान हरियाणा विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले आया है, जहाँ भाजपा को किसानों की नाराजगी का डर है।

  5. कंगना की अन्य विवादास्पद टिप्पणियां: कांग्रेस ने कंगना की टिप्पणियों पर न केवल उनके कृषि कानूनों के बयान पर, बल्कि हिमाचल प्रदेश सरकार और सोनिया गांधी से संबंधित आरोपों पर भी नाराजगी जताई है।

Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)

Here are the main points from the article:

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  1. Controversial Comments by Kangana Ranaut: BJP MP Kangana Ranaut has sparked controversy by suggesting that the three agriculture laws, which were repealed in November 2021 following widespread farmer protests, should be reinstated, urging farmers to demand their return for the nation’s development.

  2. Congress’s Strong Criticism: The Congress party condemned Kangana’s remarks, emphasizing their support for farmers and vowing that the "black laws" will never be reinstated, regardless of BJP’s attempts. The party highlighted the sacrifices made by over 750 farmers during the protests.

  3. Party Response to Internal Disputes: Following previous controversies related to Kangana’s comments about farmers and her allegations against the Himachal Pradesh government, the BJP had to intervene and clarify that her views do not represent the party’s stance.

  4. Political Context: Kangana’s comments come just before the Haryana elections, where farmers’ issues are significant, and the BJP is concerned about potential negative impacts on their electoral prospects due to farmer discontent.

  5. Kangana’s Past Remarks and Current Projects: Known for her critical stance during the farmer protests in 2020, Kangana’s recent statements also occur amidst her struggles with the censorship of her latest film, "Emergency."


Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)

कांग्रेस ने हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिनका विषय तीन कृषि कानून थे, जिन्हें 2020 में किसानों के विरोध का कारण माना जाता है। कंगना ने पिछले सप्ताह मंडी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सुझाव दिया कि ये कानून, जो नवंबर 2021 में मोदी सरकार द्वारा वापस लिए गए थे, को फिर से लागू किया जाना चाहिए और किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए।

इस टिप्पणी के बाद, कांग्रेस ने कंगना के बयान का एक वीडियो साझा करते हुए कड़ा विरोध किया है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि 750 से अधिक किसानों की शहादत के बाद ही मोदी सरकार ने इन कानूनों को वापस लिया। उन्होंने यह भी दर्शाया कि कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी और किसानों की भलाई के लिए लड़ाई जारी रखेगी।

कंगना के हालिया बयान को लेकर कांग्रेस केवल संज्ञान में नहीं रही, बल्कि उन्होंने उनकी राज्य सरकार और पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी पर भी टिप्पणी की है। कंगना ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदा राहत के लिए दी गई राशि को गलत तरीके से सोनिया गांधी को हस्तांतरित किया है। इस आरोप पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कंगना को चेतावनी दी कि या तो वो अपने आरोप वापस लें या कानूनी कार्रवाई का सामना करें।

यह विवाद उस समय आया है जब हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जहां भाजपा को किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। बताते चलें कि कंगना 2020 की किसान विरोधी आंदोलन के समय से ही इस मुद्दे पर आलोचना करती रही हैं। उनके खिलाफ यह आरोप भी लगाया गया कि उन्होंने एक महिला किसान की गलत पहचान करते हुए उसे लेकर विवाद पैदा किया था।

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कंगना की नवीनतम फिल्म ‘इमरजेंसी’ भी सेंसर प्रमाणपत्र के लिए संघर्ष कर रही है। यह सारे घटनाक्रम सूचित करते हैं कि कंगना और उनकी पार्टी को भूमि के स्तर पर किसानों की वास्तविक भावनाओं और राजनीतिक दावों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।


Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)

On Tuesday, the Indian National Congress criticized BJP MP Kangana Ranaut for her recent comments about the three repealed agricultural laws that had sparked massive farmer protests in 2020. Following critics’ backlash and a previous reprimand from the BJP, Ranaut claimed during a press interaction in her constituency of Mandi that the laws should be reinstated, suggesting that “farmers should demand them” for the nation’s development. This statement reignited tensions, as the Congress party reacted strongly by posting a video of her comments alongside a declaration that these “black laws will never be brought back,” regardless of attempts by Modi and his MPs.

Congress spokesperson Supriya Shrinate highlighted the sacrifices of over 750 farmers during the protests and underscored that the Modi government only repealed the laws after considerable pressure. She emphasized the party’s support for farmers, especially in light of the upcoming elections in Haryana, where dissatisfaction among the farming community could impact BJP’s chances of re-election.

In addition to her comments on agriculture, Kangana Ranaut was also criticized for remarks concerning the Himachal Pradesh government and former party president Sonia Gandhi, with officials taking legal action against her for alleging misuse of disaster relief funds.

Ranaut’s provocations surfaced shortly before crucial assembly elections in Haryana, raising concerns about the BJP’s stability in light of agrarian discontent. Amidst the political upheaval, her latest film “Emergency” is facing hurdles in securing a censor certificate. The actress had previously been a vocal critic of the farmer protests, and her controversial statements have consistently drawn ire and scrutiny from various quarters.



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