Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
यहां पर ‘मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना’ से संबंधित मुख्य बिंदुओं का सारांश दिया गया है:
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योजना का उद्देश्य: योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना’ शुरू की है, जिसका उद्देश्य दूध उत्पादन को बढ़ाना और गाय किसानों को सशक्त बनाना है। सरकार इस योजना के तहत 1015 लाख रुपये का निवेश करेगी।
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दूध उत्पादन में आत्मनिर्भरता: यह योजना उत्तर प्रदेश में प्रति गाय दूध उत्पादन की राष्ट्रीय औसत को बढ़ाने के लिए है। वर्तमान में, राज्य का औसत 3.78 लीटर है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी नस्लों की गायों के लिए आधुनिक डेयरी इकाइयां स्थापित की जाएगी।
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हाई-टेक डेयरी यूनिट्स: इस योजना के तहत 10 गायों की क्षमता वाली हाई-टेक डेयरी यूनिट्स स्थापित की जाएंगी, जिनकी लागत लगभग 23.60 लाख रुपये होगी। इससे किसानों को उच्च दूध उत्पादन क्षमता वाली गायों की खरीद के लिए सहायता मिलेगी।
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वैज्ञानिक तरीकों का परिचय: योजना के अंतर्गत आधुनिक तकनीक के साथ स्थायी गाय के शेड और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा। किसान आधुनिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, जिससे वे अपने पशुओं की देखभाल करने के लिए वैज्ञानिक विधियों को अपनाने में सक्षम होंगे।
- छोटे और सीमांत किसानों को लाभ: यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को सीधे लाभ पहुँचाएगी, जिससे वे अधिक उत्पादन कम लागत पर कर सकेंगे। इस योजना का उद्देश्य न केवल दूध उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the provided text regarding the Yogi Adityanath government’s initiative for cow farmers in Uttar Pradesh:
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Introduction of the Mini Nandini Krishak Samriddhi Yojana: The Yogi government has launched this scheme aimed at improving milk production and empowering cow farmers in Uttar Pradesh. The initiative includes the establishment of modern dairy units and a financial investment of Rs 1015 lakh.
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Aim to Enhance Milk Production: The scheme seeks to increase the national average of milk production per animal, where Uttar Pradesh currently produces an average of 3.78 liters of milk per cow, which is below the national average. Emphasis will be placed on selecting high-quality indigenous breeds for dairies.
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Establishment of Hi-Tech Dairy Units: Under the scheme, hi-tech dairy units capable of housing 10 cows each will be set up. These units will cost about Rs 23.60 lakh and will involve contributions from both the government and beneficiaries. Only high-yield indigenous breeds like Gir, Tharparkar, and Sahiwal will be used.
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Training and Modern Techniques: Cow rearers will receive training in scientific methods of animal husbandry, and infrastructure improvements will include modern cattle sheds equipped with technology to enhance animal health and efficiency, such as puff panels to mitigate weather impacts.
- Focus on Small and Marginal Farmers: The initiative is specifically designed to benefit small and marginal farmers, promoting economic self-reliance and positive changes in rural society through increased production at lower costs and new opportunities for cattle herders.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन बढ़ाने और गाय के किसानों को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा तोहफा दिया है। योगी सरकार ‘मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना’ शुरू करेगी और इस योजना के तहत राज्य में आधुनिक डेयरी यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। इससे दूध उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके लिए योगी सरकार 1015 लाख रुपये खर्च करेगी।
दूध उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बड़ा कदम
योगी सरकार ने राष्ट्रीय औसत दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना शुरू की है। दरअसल, उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख दूध उत्पादन राज्यों में से एक है, लेकिन प्रति पशु दूध उत्पादन में राज्य राष्ट्रीय औसत से पीछे है। राज्य में वर्तमान में प्रति गाय औसतन 3.78 लीटर दूध उत्पादन होता है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। इस योजना के तहत, यूपी सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाली देसी नस्ल की गायों का चयन कर हाई-टेक डेयरी यूनिट्स स्थापित करने का निर्णय लिया है।
10 गायों की क्षमता वाली हाई-टेक डेयरी का establishment
योजना के तहत, 10 गायों की क्षमता वाली हाई-टेक डेयरी यूनिट्स स्थापित की जाएंगी। प्रत्येक यूनिट की लागत लगभग 23.60 लाख रुपये होगी, जिसमें सरकार और लाभार्थी दोनों का योगदान रहेगा। इन यूनिट्स में केवल उच्च गुणवत्ता वाली देसी नस्ल की गायें जैसे गिर, थारपारकर और साहीवाल खरीदी जाएंगी, जिनकी दूध उत्पादन क्षमता अधिक है। योजना के तहत चयनित गायों की नस्ल का मूल्यांकन उनके उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा, ताकि अधिक दूध उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
गाय पालकों को वैज्ञानिक तरीकों से परिचित कराया जाएगा
योजना के तहत, आधुनिक तकनीक के साथ पशु आश्रय और अन्य ढांचे का निर्माण किया जाएगा। इन संरचनाओं में पफ पैनल्स का इस्तेमाल होगा, जो मौसम के प्रतिकूल प्रभावों से जानवरों को बचाएंगे और उनके स्वास्थ्य में सुधार करेंगे। इसके अलावा, गाय के किसानों को आधुनिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे अपने जानवरों की देखभाल और प्रबंधन नए तकनीकी तरीकों से कर सकें। तीन साल के अनुभव वाले योग्य किसानों का चयन किया जाएगा, ताकि योजना का लाभ असली जरूरतमंदों तक पहुंचे।
छोटे और सीमांत किसानों को सीधा लाभ
इस योजना का सीधा लाभ छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा। इसके अलावा, किसानों को वैज्ञानिक तरीकों से परिचित कराया जाएगा। इससे कम लागत में अधिक उत्पादन की संभावना बढ़ेगी। यह योजना केवल दूध उत्पादन बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ग्रामीण समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। योजना के माध्यम से, पशुपालकों को नए अवसर मिलेंगे, ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बन सकें।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
Yogi Adityanath government has given a big gift to the cow farmers to increase milk production in Uttar Pradesh and empower them. Yogi government will launch ‘Mini Nandini Krishak Samriddhi Yojana’ and establish modern dairy units in the state under the scheme. This will improve the quality and quantity of milk production. Yogi government will spend Rs 1015 lakh for this.
Big step towards self-reliance in milk production
Yogi government has started Mini Nandini Krishak Samriddhi Yojana to increase the national average of milk production per animal. Actually, Uttar Pradesh is one of the major milk producing states of the country, but in terms of milk production per animal, the state is lagging behind the national average. The state currently produces an average of 3.78 liters of milk per cow, which is less than the national average. At the same time, under the scheme, the UP government has decided to establish hi-tech dairy units by selecting cows of high quality indigenous breeds.
Establishment of hi-tech dairy with capacity of 10 cows
Through the scheme, hi-tech dairy units with a capacity of 10 cows will be established. Each unit will cost approximately Rs 23.60 lakh, in which both the government and the beneficiary will contribute. In these units, only cows of high quality indigenous breeds like Gir, Tharparkar and Sahiwal will be purchased, which have high milk production capacity. The breed of cows selected under the scheme will be evaluated on the basis of their production capacity and quality, so that more milk production can be ensured.
Cow rearers will be introduced to scientific methods
Under the scheme, cattle sheds and other infrastructure will be constructed with modern technology. Puff panels will be used in these structures, which will protect the animals from the adverse effects of weather and improve their health. Apart from this, modern training will also be given to cow farmers, so that they can take care and manage their animals using new technical means. Qualified farmers having three years of experience in cow rearing will be selected so that the benefits of the scheme can reach the real needy.
Small and marginal farmers will benefit directly
Small and marginal farmers will directly benefit from the scheme. Besides, farmers will be introduced to scientific methods. This will increase the possibility of more production at lower cost. This scheme is not limited to just increasing milk production, but its objective is also to bring positive changes in the rural society. Through the scheme, cattle herders will get new opportunities, so that they can become economically strong and self-reliant.