Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)
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खाद्य सुरक्षा सहायता: अमेरिकी विदेश विभाग ने ग्वाटेमाला में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए 5 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है।
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सतत कृषि का समर्थन: यह पहल, CIMMYT और FAO के सह-नेतृत्व में, मृदा स्वास्थ्य और फसल विविधता में सुधार करने वाली नवीन प्रथाओं के माध्यम से टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देती है।
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जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन: यह सहायता जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति लचीलेपन को बढ़ाएगी और ग्वाटेमाला के कृषि क्षेत्र का समर्थन करेगी, जिससे सीधे तौर पर 1.6 मिलियन लोग लाभ उठाएंगे।
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वैज्ञानिक विशेषज्ञता का योगदान: CIMMYT का नेतृत्व यह सुनिश्चित करता है कि फसल और मिट्टी प्रबंधन में वैज्ञानिक विशेषज्ञता का उपयोग खाद्य असुरक्षा और कुपोषण से निपटने के लिए किया जाए।
- यूएस फीड द फ्यूचर कार्यक्रम: यह पहल यूएस फीड द फ्यूचर कार्यक्रम का हिस्सा है, जो वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए काम करता है।
Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)
Here are the main points from the provided text:
1. The U.S. Department of State announced a $5 million food security assistance initiative at the United Nations General Assembly to promote sustainable agriculture through enhanced crop and soil practices in Guatemala.
2. The initiative, co-led by CIMMYT and FAO, aims to improve soil health and crop diversity using innovative practices.
3. This effort is part of the U.S. Feed the Future program, which seeks to strengthen resilience to climate change and support Guatemala’s agricultural sector.
4. The initiative is expected to directly benefit 1.6 million people who rely on farming for their livelihoods.
5. CIMMYT’s leadership ensures that scientific expertise in crop and soil management is central to addressing food insecurity and malnutrition in the region.
Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)
संयुक्त राष्ट्र महासभा में, अमेरिकी विदेश विभाग ने ग्वाटेमाला में अनुकूलित फसलों और मिट्टी के विकास को बढ़ावा देने के लिए 5 मिलियन डॉलर की खाद्य सुरक्षा सहायता की घोषणा की। यह पहल, CIMMYT (अंतरराष्ट्रीय मकई और गेहूं सुधार केंद्र) और FAO (संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन) के सहयोग से चल रही है, और इसका मुख्य उद्देश्य मिट्टी की सेहत और फसल विविधता में सुधार लाना है।
यह पहल यूएस फीड द फ्यूचर कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य ग्वाटेमाला के कृषि क्षेत्र का समर्थन करना और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन को बढ़ाना है। इससे सीधे तौर पर 1.6 मिलियन लोग लाभान्वित होंगे, जिनकी आजीविका खेती पर निर्भर है।
CIMMYT की वैज्ञानिक विशेषज्ञता का उपयोग फसल और मिट्टी प्रबंधन के उपायों में किया जाएगा, जो खाद्य असुरक्षा और कुपोषण से निपटने में सहायक होंगे। यह पहल टिकाऊ कृषि के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा किया जाए।
इस प्रकार, यह सहायता घोषणा ग्वाटेमाला में कृषि की स्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल खाद्य उत्पादकता को बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि स्थानीय समुदायों की जीवनशैली में भी सुधार लाएगी।
Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)
At the United Nations General Assembly, the U.S. Department of State announced a $5 million investment in food security assistance aimed at promoting a crop and soil initiative in Guatemala. Co-led by CIMMYT (International Maize and Wheat Improvement Center) and FAO (Food and Agriculture Organization), this initiative focuses on enhancing sustainable agriculture through innovative practices that improve soil health and crop diversity.
Part of the U.S. Feed the Future program, the initiative seeks to bolster resilience against climate change while supporting Guatemala’s agricultural sector, directly benefiting 1.6 million people who rely on farming for their livelihoods. The leadership of CIMMYT ensures that scientific expertise in crop and soil management plays a crucial role in addressing food insecurity and malnutrition in the region.
This initiative highlights the collaborative effort to improve agricultural practices and address pressing issues such as food insecurity and malnutrition in Guatemala. Through targeted investments, it aims to not only enhance productivity but also promote long-term sustainability within the agricultural system, ultimately fostering resilience for farmers against climate-related challenges.
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