Low-pressure zone forms over the Gulf as monsoon retreats! (मानसून खत्म, खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र!)

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Main Points In Hindi (मुख्य बातें – हिंदी में)

  1. निम्न दबाव का गठन: मंगलवार को उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों के पास बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया, जिससे मानसून की गतिविधियों में वृद्धि हुई।

  2. बारिश की भविष्यवाणी: आईएमडी के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तेलंगाना, पश्चिमी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में बारिश की संभावना है। विशेष रूप से तटीय कर्नाटक और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश की चेतावनी है।

  3. भारी वर्षा की आशंका: गुरुवार तक पश्चिम भारत के कोंकण और गोवा के क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है, इसके अलावा पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में भी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।

  4. पूर्वोत्तर भारत में बारिश: असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के पहाड़ी इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, जहां अगले सप्ताह में व्यापक बारिश का अनुमान है।

  5. अवधि और वितरण: भिन्न क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता और वितरण में विविधता हो सकती है, जहां कुछ स्थानों पर लगातार बारिश की उम्मीद है, जबकि अन्य में केवल हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।

Main Points In English(मुख्य बातें – अंग्रेज़ी में)

Here are the main points from the article:

  1. Formation of Low-Pressure Area: A low-pressure area formed earlier than expected over the west-central and adjacent northwestern Bay of Bengal near the coasts of northern Andhra Pradesh and southern Odisha, as reported by the Indian Meteorological Department (IMD).

  2. Impact on Monsoon: The low-pressure area corresponds with the retreat of the southwest monsoon from parts of northwestern India. The process of monsoon withdrawal began recently, about a week behind schedule, and could be disrupted as the low-pressure area advances toward central India.

  3. Forecasted Rainfall: The IMD anticipates that the low-pressure area will move in a northwestern direction, leading to widespread rainfall in Telangana, western Maharashtra, and Gujarat in the coming days, with heavy rainfall expected in several regions including coastal Karnataka and parts of Andhra Pradesh.

  4. Regional Rain Predictions: Different regions will see varying levels of rainfall. Heavy rains are expected in northeastern states like Assam and Meghalaya, and throughout central and western India, particularly in Maharashtra and Gujarat, over the next week.

  5. Continued Rain Activity: Significant rainfall events are projected for various regions, including heavy to very heavy rains in Western Madhya Pradesh, Vidarbha, and Chhattisgarh, as well as lighter rains expected in other parts of southern India over the next several days.


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Complete News In Hindi(पूरी खबर – हिंदी में)

भारत के मानसून की स्थिति का विश्लेषण: सितंबर 2024

मंगलवार दोपहर को उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों के निकट बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनना शुरू हो गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इसे लेकर पूर्वानुमान जारी किया था, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मानसून की वापसी की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। यह निम्न दबाव एक मानसूनी अशांति का परिणाम है, जो कर्नाटक के कुछ क्षेत्रों से लेकर आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है।

निम्न दबाव का विकास

इस निम्न दबाव का निर्माण राजस्थान, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी के साथ मेल खाता है। यह प्रक्रिया सोमवार से आरंभ हुई, लेकिन समय से कम से कम एक सप्ताह पीछे है। इसके प्रभाव के कारण, आंध्र प्रदेश के तट पर इस निम्न दबाव के मध्य भारत की ओर बढ़ने की संभावना है। IMD के अनुसार, अगले कुछ दिनों में यह निम्न दबाव उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा एवं तेलंगाना, पश्चिमी महाराष्ट्र, गुजरात आदि क्षेत्रों को प्रभावित करेगा।

बारिश की भविष्यवाणी

बुधवार को तटीय कर्नाटक और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश की उम्मीद है। इसके अलावा, बुधवार से सोमवार तक केरल और माहे में भी भारी बारिश होने की संभावना है। अन्य क्षेत्रों में, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, तेलंगाना और कर्नाटक में भी भारी बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है।

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दक्षिण प्रायद्वीप की बारिश की गतिविधियाँ

दक्षिण प्रायद्वीप के अन्य हिस्सों में, तटीय कर्नाटक, लक्षद्वीप, केरल और माहे में अगले तीन दिनों के लिए व्यापक बारिश की संभावना है। आंतरिक कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, और तेलंगाना में भी बारिश की संभावनाएँ हैं। तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल और रायलसीमा में पूरे सप्ताह हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है।

पश्चिम भारत में अत्यधिक बारिश

गुरुवार तक, पश्चिम भारत के कोंकण और गोवा में अत्यधिक बारिश का अनुमान है। इसके अलावा, मध्य महाराष्ट्र, उत्तर गुजरात, गांधीनगर और दक्षिण गुजरात में भी बारिश की संभावना है। इस दौरान, सौराष्ट्र और कच्छ में भी भारी बारिश होगी।

मध्य भारत में बारिश की गतिविधियाँ

बुधवार को, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना है। गुरुवार तक, इन क्षेत्रों में भारी बारिश जारी रहने की प्रबल संभावना है। विदर्भ और छत्तीसगढ़ में भी बारिश को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

पूर्वोत्तर भारत और अन्य क्षेत्रों में बारिश

पूर्वोत्तर भारत में असम और मेघालय में बारिश के नए दौर का आगाज हो सकता है। अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम के पहाड़ी इलाकों में भी बुधवार और गुरुवार को भारी बारिश की उम्मीद गई है।

निष्कर्ष

इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियाँ दर्शाती हैं कि मानसून की वापसी प्रक्रिया चल रही है, जिसमें विभिन्न स्थानों पर बारिश होगी। IMD की भविष्यवाणियों के अनुसार, आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में मौसम की स्थिति में बदलाव आ सकता है, जिससे किसानों और नागरिकों को सतर्क रहना होगा। अगले सप्ताह के लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है, ताकि मौसम के अंतराल और बारिश की प्रबंधन प्रणाली का ध्यान रखा जा सके।

इस संक्षिप्त विश्लेषण के माध्यम से, यह स्पष्ट है कि भारत में आगामी दिनों में मौसम की गतिविधियाँ सक्रिय रहने वाली हैं, और नागरिकों को इसके अनुसार तैयार रहना चाहिए।


Complete News In English(पूरी खबर – अंग्रेज़ी में)

मंगलवार दोपहर को, उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों के करीब पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इसके गठन की 24 घंटे की निगरानी अवधि को बढ़ा दिया था। इस निम्न दबाव का निर्माण दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी की प्रक्रिया से मेल खाता है, जो उत्तर-पश्चिम भारत में राजस्थान, गुजरात, पंजाब के कुछ हिस्सों और हरियाणा से गुजरेगा।

हालांकि, इसका प्रभाव मंगलवार से शुरू हुआ, जो अपेक्षित समय से एक सप्ताह देरी से है। IMD के आंकड़ों के अनुसार, एकत्रित कम दबाव उत्तर-पश्चिम दिशा में तेलंगाना, पश्चिमी महाराष्ट्र, पश्चिम मध्य प्रदेश और गुजरात की ओर बढ़ेगा, जिसके दौरान बारिश का अनुमान है।

दक्षिण प्रायद्वीप के कई हिस्सों, जैसे कर्नाटक, लक्षद्वीप, केरल, और माहे में व्यापक बारिश होने की संभावना है। कर्नाटक के तट और आंतरिक क्षेत्रों में अगले चार दिन तक हल्की से मध्यम बारिश होगी। तमिलनाडु और पुडुचेरी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है।

पश्चिम भारत में विशेषकर कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र और गुजरात क्षेत्र में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है। इससे विदर्भ, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बारिश की गतिविधियाँ जारी रहेंगी। अगले तीन दिन कोंकण और गोवा, गुजरात, और मध्य महाराष्ट्र में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।

पूर्वी भारत में, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, और पश्चिम बंगाल में भी भारी बारिश का अनुमान है। खासकर, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडिशा के मैदानी इलाकों में व्यापक बारिश का अंदेशा है। इसके अलावा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है।

समग्रतः, आगामी दिनों के लिए मौसम के कई क्षेत्रों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी, जिनका विभिन्न राज्यों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। IMD हर क्षेत्र के लिए विशिष्ट पूर्वानुमान जारी कर रहा है ताकि स्थानीय प्रशासन और जनता मौसम की स्थिति से अवगत रह सकें।



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